विद्यार्थियों के लिए कैसा रहेगा..वर्ष 2012 ...........???
वर्ष भारतीय ज्योतिष शास्त्र (फलित) में प्रत्येक राशियों के अलग-अलग शुभ और अशुभ प्रभाव बताया गया है. क्योंकि वर्तमान गोचरीय ग्रहों के योगायोगों में परिवर्तन होते रहता है. यदि उनकेअनुसार ग्रहयोग का विद्यार्थियों पर पडऩे वाले शुभ एवं अशुभ प्रभावों का सही-सही आंकलन कर लिया जाय तो निश्चित तौर पर तदनूरूप किये गये उपायों से अध्ययन में अभिरूची और एकाग्रता बढ़ सकता है. और परीक्षा में उच्चतम माक्र्स (अंक) के साथ उत्तीर्ण हो जाता है.
माह दिसम्बर,जनवरी, फरवरी ये तीनों माह सभी अभिभावकों के लियेकाफी महत्वपूर्ण होता है. उपरोक्त महिनें में उनके बच्चों पर ज्यादा ध्यान देना पड़ता है. क्यंोंकि आगामी मार्च अप्रैल के महिने में प्राय: सभी कक्षाओं की परक्षिायें होती हैं. इसी समय अभिभावक द्वारा बुद्धिवर्धक आयुवेर्दिक पौष्टिïीक आहार एवं उनके स्वास्थ्य के प्रति सजग तो रहते ही साथ-साथ उनके मन में ज्योतिषीय सलाह भी लेने की इच्छा जाग उठती है. जो सहीसही उपायों के द्वारा अपने बच्चों को अच्छे माक्र्स (अंको) से उत्तीर्ण कराना चाहते हैं. इसी क्रम में ज्योतिष का सूर्य आपको इस कार्य में सफलता हेतु एक सटीक ज्योतिषीय सुझाव आपको समर्पित करता है।
ऐसा देखा गया है कि एक ही विद्यालय में एक ही कक्षा में, एक ही शिक्षक से पढऩे के बावजूद हर विद्यार्थियों के अंक अलग-अलग आते हैं. उच्च शिक्षा में तो अध्ययन को आगामी पड़ाव को बदलकर रख देता है. अच्छे माक्र्स के न मिल पाने के कारणअच्छे स्कूल,कालेज या ईस्टीटयूट, यूनीवर्सिटीयों में एडमिशन तक नही हो पाता, जिसका कारण पूर्णतया ग्रह योग का शुभाशुभ मानना अनिवार्यता हो जाती है. यदि हम पहले से ही सावधानी बरतें तो शायद परीक्षा के परिणाम शत प्रतिशत अपने पक्ष मेें रहेगा. शिक्षा के प्रति रूझान विद्यार्थियोंके मन से होता है. मनका सम्बन्ध चन्द्रमा से होता है. और सूर्य का सम्बन्ध आत्मासे है और दोनो के सम्बन्धों के आधार पर विद्यार्थियों की परीक्षा की तैयारी करनी चाहिये.उपरोक्त ग्रहों को ध्यान में रखकर प्रत्येक राशियों का वर्तमान गोचरीय अलगअलग प्रभाव को दर्शाया जा रहा है।
उपाय-अध्ययन कक्ष पूर्व दिशा में बनाने कक्ष के अन्दर वास्तु सम्मत सावधानियां बरतें.सरस्वती यंत्र (सिद्ध एवं प्रमाणित कराकर अपने टेबलपर रखें. लाल चन्दन का तिलक लगावें. टेबल पर गुलाबी रंग की चटायी या कपड़ा बिछायें। ब्राह्मïी और तुलसी का अधिक सेवन करें ।
वृषभ-आपकी प्रतिभा बरकरार रहेगा. शिक्षा में अरूचि गलत संगति का प्रभाव ही मानना उपयुक्त होगा अत: गलतसंगती से सावधानी बरतें. आपके भाग्य क्षेत्र (गोचरीय)कुम्भ राशिगत गुरु दिसम्बर से परिवर्तन कर रहा है. अत: मिला जुलाकर परिणाम अच्छे रहेंगे। रूचि बढ़ाने आपको अंग्रेजी, गणित,और विज्ञान के विषयों पर ध्यान देना होगा।
उपाय:- ऊँ नम: शिवाय शान्ताय शशि शेषराय ऊं इस मंत्र का स्फटिक के माला पर प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को 108 बार जप करना शुभदायक रहेगा। स्फटिक (क्रिस्टल बाल) गोल को अपनेअध्ययन कक्ष में लटकाकर रखें।
मिथुन-आपकी राशि का प्रतिनिधित्व बुध करता है. अतएव पिछले दिनों आपके द्वारा स्कूल आने में आनाकानी का ही कारण है कि आपको निकट सहछात्रों का सहयोग लेना पड़ेगा.आपको मित्रों अथवा सहछात्रों द्वारा मदद भी मिलेगी. लेकिन आप मन के अन्दर से भयको निकालकर परीक्षा की तैयारी दृढ़ता से करें ।
उपाय- मौसम परिवर्तन के कुप्रभाव से हमेशा सावधानी बरतें। आंवला, बहेड़ा, का सेवन करें, भगवान सूर्य की उपासना गायत्री मंत्र से करें आपकी एकाग्रता और आत्मबल बढ़ेगा. हरी तुरमली को चांदी में मढ़वाकर धारण करें।
कर्क-चन्द्र कारक है अत: स्वभाव से चन्चलता है जिसके कारण आपका मन स्थिर नही रहता और एकाग्रता में बाधक है. इस वर्ष आपकी राशि मंगल,केतु, शनि केकारण परीक्षा का परिणाम कुछ विपरीत फल दे सकते हैं. अत: शिक्षा के प्रति तटस्थ होना पड़ेगा. चन्चलता के साथ-साथ मन में सदैव अतिश्योक्ति बनी रहती है. इस कारणआप पिछले वीकली टेस्टों में गलत को गलत जानने के बाद भी मन में शंका हो जाने केकारण उसको सही बताकर आ जाते हैं और बाद पश्चाताप करते हैं. आपको ध्यानपूर्वक सजगता बरतनी होगी।
उपाय : ऊँ गं गणपतये नम: इस मंत्र का स्फटिक माला पर जाप करें. माँ सरस्वती सहित गणेश जी का आराधना करें. चिंटियों को शक्कर खिलाना चाहिये. खट्टïे खाद्य पदार्थो का सेवन न करें. लाल तूरमली रत्न धारण करें।
सिंह राशि-शरारत छोड़ अब शिक्षा में अभिरूची बढ़ानी होगी. पिकनिक में जाना बन्द करें. अध्ययन में नींद आपको इसलिये आती है क्योंकि आपके राशि के द्वादश भाव में शनि एïवं दिसम्बर के उत्तरार्ध सेएकादश भाव में वृहस्पति आ जायेगा. अत: आलस्य और सोने की एकाग्रता में बढ़त मिलेगी. प्रात: की अपेक्षा रात को ध्यान केन्द्रीत कर पढ़ा करें। वैसे भी इस सत्र में आपको अपेक्षित अंकों में कुछ कमियां रहेगी..
उपाय-प्रत्येक शनिवार को सरसो तेल का दीया जलाकर शिवमंदिर अथवा अपने घर के नैरित्य कोण के किसी स्थान पर रखें. प्रात:काल सूर्य का दर्शन अवश्य करें।
कन्या राशि-कन्याराशि का स्वामीत्व बुध करता है. संयोग की बात है कि इस वर्ष आपकी ही राशि में शनि का आगमन हुआ जो काफी हद तक शिक्षा अभिरूचि से अलगाव करेगा. स्मरण शक्ति की कमी भी लायेगा.इसी कारण याददाश्त कम होने की पूरी उम्मीद है. पठन पाठन में एकाग्रता के स्थान पर रहस्यपूर्ण अज्ञात सोच में डूब जाना।अत: परिणाम बेहतर बनाने के लिये प्रात: काल पढऩे में रूचि बनाये ।
उपाय-भगवान गणेश जी के मंत्र का जाप करें। मंत्र का जाप करें. मंत्र: ऊँ विकटाय नम: ब्राहमी,आंवला केशर, शहद, देशी घी का अधिक सेवन करें. हरी तूरमली रत्न का लॉकेट गले में धारण करें ।
तुला-खेल से रूचि कम करें,अब परीक्षा का समय नजदीक आ गया सजग होना जरूरी है. कैरम, शतरंज और इण्टरनेट गेम इन्हें पसन्द होते हैं. अभिभावक द्वारा भी बच्चे को सही दिशा निर्देश मिलने पर इस बार की परीक्षा में नया किर्तिमान भी स्थापित कर सकता है.
उपाय-प्रत्येक सोमवार को पंचामृत से अभिषेक करें. अपने टेबलपर या अध्ययन कक्ष में मोती शंख रखें. प्रात: स्कूल जाते समय भी सौंफ को खाकर घर से निकले।
वृश्चिक-भावुकता में आकर स्कूल की अपेक्षा घर में ध्यान ज्यादा रहता है.और कोई भी लगातार चलने वाले चैनलों के कार्यक्रम को न देखें क्योंकि भावुकता में बहकर उन कथाओं याकलाकारों पर ज्यादा रहता है. वैसे भी इसबार आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। थोड़ी सावधानी से आपको और भी अच्छे परिणाम राज्य स्तरीय यादेश स्तरीय टॉप टेन में भी सम्मिलित हो सकते हैं.
उपाय-अध्ययन कक्ष में सरस्वती मंत्र अथवा शिक्षा पंचदशी यंत्र को स्थापित करें। सायंकाल पठन-पाठन का समय बनावें।
धनु-आप अध्ययन से कतराते हैं. उसका प्रमुख कारण विडियो गेम(खेल) ही है. अत: आपको तैयारी में अब ध्यान देना होगा. पिछले वर्ष के अपेक्षा इस सत्र में आपको अंकों में कमीयां आ सकती है.अत: ाप पिछले कक्षा की अपेक्षा इस वर्ष अधिक अंक प्राप्त करना चाहते हैं. प्रात: कालीन पठन पाठन का समय बनाना चाहिए.
उपाय: अपने अध्ययन कक्ष में बंशी बजाते हुएकृष्ण का चित्र स््थापित करें. गायत्री मंत्र का म्यूजिक अध्ययन कक्ष या कम्प्यूटर में सुनें. पीले रंग का रूमाल सदैव साथ रखें. दुध और केशर का सेवन करें।
मकर-आपको इस वर्ष अच्छे परिणाम मिलेंगे. आपकी गंभीरता को शरारत में न बदले। क्योंकि शनि राहु के योग से ऐसा हो सकता है. अत: सावधानी बरतें. तार्कीक प्रवृत्ति के कारण टीचर को पढ़ाने व समझाने में पसीना आ जाता है. लेकिन स्वयंकी जागरूकता इनके याददाश्त में अहम भूमिका निभाते हैं.
उपाय-मोर का गोल पंख पुस्तकों में रखें.तुलसी पत्र खाना चाहिये मंत्र ऊं नमो भगवते वासुदेवाय: जाप108 बार स्फटिक माला पर करना चाहिए।
कुम्भ-आपकी अंग्रेजी या हिन्दी दोनों विषयों में व्याकरण की त्रुटियां अधिक होने की सम्भावना है अतएव आपको मात्राओं और शब्दों पर ध्यान देना आवश्यक है. स्मरण शक्ति तो काफी अच्छी है लेकिन निर्णायक न होने के कारण काफी हद तक एकाकी निर्णय की कमी रहेगी। अत: परस्पर में प्रश्रोत्तरी करना ज्यादा बेहतर होगा।
उपाय-उगते सूर्य का नमन। ऊँ ह्रïीं जूस: इस मंत्र ाक जप और अध्ययन कक्ष मं त्राटक शिवन का चित्र स्थापित करें।
मीन-विद्यार्थियों को दोस्तों से चर्चा और खेलने अथवा उधम मचाने में अधिक समय गंवाना ठीक नही है. यह हो इस लिए रहा है कि आपके ग्रह योग ठीक नही है. अच्छे परिणाम (अंको) में कमियों के साथ-साथ काफी नुकसान पहुंचाने की भुमिका में ग्रहकों का स्वाभाविक दोष है।
उपाय : विद्यावद्र्धक पंचदशी यंत्र को टेबल पर रखें. मोती लाल तूरमली दोनों को चाँदी में मढ़वाकर लॉकेट धारण करें. देशी घी दुग्ध और केशर मीश्रीत कर सेवन करें।
माह दिसम्बर,जनवरी, फरवरी ये तीनों माह सभी अभिभावकों के लियेकाफी महत्वपूर्ण होता है. उपरोक्त महिनें में उनके बच्चों पर ज्यादा ध्यान देना पड़ता है. क्यंोंकि आगामी मार्च अप्रैल के महिने में प्राय: सभी कक्षाओं की परक्षिायें होती हैं. इसी समय अभिभावक द्वारा बुद्धिवर्धक आयुवेर्दिक पौष्टिïीक आहार एवं उनके स्वास्थ्य के प्रति सजग तो रहते ही साथ-साथ उनके मन में ज्योतिषीय सलाह भी लेने की इच्छा जाग उठती है. जो सहीसही उपायों के द्वारा अपने बच्चों को अच्छे माक्र्स (अंको) से उत्तीर्ण कराना चाहते हैं. इसी क्रम में ज्योतिष का सूर्य आपको इस कार्य में सफलता हेतु एक सटीक ज्योतिषीय सुझाव आपको समर्पित करता है।
ऐसा देखा गया है कि एक ही विद्यालय में एक ही कक्षा में, एक ही शिक्षक से पढऩे के बावजूद हर विद्यार्थियों के अंक अलग-अलग आते हैं. उच्च शिक्षा में तो अध्ययन को आगामी पड़ाव को बदलकर रख देता है. अच्छे माक्र्स के न मिल पाने के कारणअच्छे स्कूल,कालेज या ईस्टीटयूट, यूनीवर्सिटीयों में एडमिशन तक नही हो पाता, जिसका कारण पूर्णतया ग्रह योग का शुभाशुभ मानना अनिवार्यता हो जाती है. यदि हम पहले से ही सावधानी बरतें तो शायद परीक्षा के परिणाम शत प्रतिशत अपने पक्ष मेें रहेगा. शिक्षा के प्रति रूझान विद्यार्थियोंके मन से होता है. मनका सम्बन्ध चन्द्रमा से होता है. और सूर्य का सम्बन्ध आत्मासे है और दोनो के सम्बन्धों के आधार पर विद्यार्थियों की परीक्षा की तैयारी करनी चाहिये.उपरोक्त ग्रहों को ध्यान में रखकर प्रत्येक राशियों का वर्तमान गोचरीय अलगअलग प्रभाव को दर्शाया जा रहा है।
मेष- आपकी राशि का शिक्षा पर कोई कुप्रभाव ग्रहों का नही है. बल्की शनि आपको अपेक्षित फल(शुभ) देगा। यदि आप टेक्रीकल सब्जेक्ट से सम्बन्धीत अध्ययन रत है तो सावधानी अवश्य बरतना पड़ेगा.मैनेजमेंट या कामर्स के प्रति रूचि बढ़ाना होगी. पिछले कक्षाओं के अपेक्षा इस सत्र (२०११-२०१२) में अंको में बढ़त मिलेगी।
उपाय-अध्ययन कक्ष पूर्व दिशा में बनाने कक्ष के अन्दर वास्तु सम्मत सावधानियां बरतें.सरस्वती यंत्र (सिद्ध एवं प्रमाणित कराकर अपने टेबलपर रखें. लाल चन्दन का तिलक लगावें. टेबल पर गुलाबी रंग की चटायी या कपड़ा बिछायें। ब्राह्मïी और तुलसी का अधिक सेवन करें ।
वृषभ-आपकी प्रतिभा बरकरार रहेगा. शिक्षा में अरूचि गलत संगति का प्रभाव ही मानना उपयुक्त होगा अत: गलतसंगती से सावधानी बरतें. आपके भाग्य क्षेत्र (गोचरीय)कुम्भ राशिगत गुरु दिसम्बर से परिवर्तन कर रहा है. अत: मिला जुलाकर परिणाम अच्छे रहेंगे। रूचि बढ़ाने आपको अंग्रेजी, गणित,और विज्ञान के विषयों पर ध्यान देना होगा।
उपाय:- ऊँ नम: शिवाय शान्ताय शशि शेषराय ऊं इस मंत्र का स्फटिक के माला पर प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को 108 बार जप करना शुभदायक रहेगा। स्फटिक (क्रिस्टल बाल) गोल को अपनेअध्ययन कक्ष में लटकाकर रखें।
मिथुन-आपकी राशि का प्रतिनिधित्व बुध करता है. अतएव पिछले दिनों आपके द्वारा स्कूल आने में आनाकानी का ही कारण है कि आपको निकट सहछात्रों का सहयोग लेना पड़ेगा.आपको मित्रों अथवा सहछात्रों द्वारा मदद भी मिलेगी. लेकिन आप मन के अन्दर से भयको निकालकर परीक्षा की तैयारी दृढ़ता से करें ।
उपाय- मौसम परिवर्तन के कुप्रभाव से हमेशा सावधानी बरतें। आंवला, बहेड़ा, का सेवन करें, भगवान सूर्य की उपासना गायत्री मंत्र से करें आपकी एकाग्रता और आत्मबल बढ़ेगा. हरी तुरमली को चांदी में मढ़वाकर धारण करें।
कर्क-चन्द्र कारक है अत: स्वभाव से चन्चलता है जिसके कारण आपका मन स्थिर नही रहता और एकाग्रता में बाधक है. इस वर्ष आपकी राशि मंगल,केतु, शनि केकारण परीक्षा का परिणाम कुछ विपरीत फल दे सकते हैं. अत: शिक्षा के प्रति तटस्थ होना पड़ेगा. चन्चलता के साथ-साथ मन में सदैव अतिश्योक्ति बनी रहती है. इस कारणआप पिछले वीकली टेस्टों में गलत को गलत जानने के बाद भी मन में शंका हो जाने केकारण उसको सही बताकर आ जाते हैं और बाद पश्चाताप करते हैं. आपको ध्यानपूर्वक सजगता बरतनी होगी।
उपाय : ऊँ गं गणपतये नम: इस मंत्र का स्फटिक माला पर जाप करें. माँ सरस्वती सहित गणेश जी का आराधना करें. चिंटियों को शक्कर खिलाना चाहिये. खट्टïे खाद्य पदार्थो का सेवन न करें. लाल तूरमली रत्न धारण करें।
सिंह राशि-शरारत छोड़ अब शिक्षा में अभिरूची बढ़ानी होगी. पिकनिक में जाना बन्द करें. अध्ययन में नींद आपको इसलिये आती है क्योंकि आपके राशि के द्वादश भाव में शनि एïवं दिसम्बर के उत्तरार्ध सेएकादश भाव में वृहस्पति आ जायेगा. अत: आलस्य और सोने की एकाग्रता में बढ़त मिलेगी. प्रात: की अपेक्षा रात को ध्यान केन्द्रीत कर पढ़ा करें। वैसे भी इस सत्र में आपको अपेक्षित अंकों में कुछ कमियां रहेगी..
उपाय-प्रत्येक शनिवार को सरसो तेल का दीया जलाकर शिवमंदिर अथवा अपने घर के नैरित्य कोण के किसी स्थान पर रखें. प्रात:काल सूर्य का दर्शन अवश्य करें।
कन्या राशि-कन्याराशि का स्वामीत्व बुध करता है. संयोग की बात है कि इस वर्ष आपकी ही राशि में शनि का आगमन हुआ जो काफी हद तक शिक्षा अभिरूचि से अलगाव करेगा. स्मरण शक्ति की कमी भी लायेगा.इसी कारण याददाश्त कम होने की पूरी उम्मीद है. पठन पाठन में एकाग्रता के स्थान पर रहस्यपूर्ण अज्ञात सोच में डूब जाना।अत: परिणाम बेहतर बनाने के लिये प्रात: काल पढऩे में रूचि बनाये ।
उपाय-भगवान गणेश जी के मंत्र का जाप करें। मंत्र का जाप करें. मंत्र: ऊँ विकटाय नम: ब्राहमी,आंवला केशर, शहद, देशी घी का अधिक सेवन करें. हरी तूरमली रत्न का लॉकेट गले में धारण करें ।
तुला-खेल से रूचि कम करें,अब परीक्षा का समय नजदीक आ गया सजग होना जरूरी है. कैरम, शतरंज और इण्टरनेट गेम इन्हें पसन्द होते हैं. अभिभावक द्वारा भी बच्चे को सही दिशा निर्देश मिलने पर इस बार की परीक्षा में नया किर्तिमान भी स्थापित कर सकता है.
उपाय-प्रत्येक सोमवार को पंचामृत से अभिषेक करें. अपने टेबलपर या अध्ययन कक्ष में मोती शंख रखें. प्रात: स्कूल जाते समय भी सौंफ को खाकर घर से निकले।
वृश्चिक-भावुकता में आकर स्कूल की अपेक्षा घर में ध्यान ज्यादा रहता है.और कोई भी लगातार चलने वाले चैनलों के कार्यक्रम को न देखें क्योंकि भावुकता में बहकर उन कथाओं याकलाकारों पर ज्यादा रहता है. वैसे भी इसबार आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। थोड़ी सावधानी से आपको और भी अच्छे परिणाम राज्य स्तरीय यादेश स्तरीय टॉप टेन में भी सम्मिलित हो सकते हैं.
उपाय-अध्ययन कक्ष में सरस्वती मंत्र अथवा शिक्षा पंचदशी यंत्र को स्थापित करें। सायंकाल पठन-पाठन का समय बनावें।
धनु-आप अध्ययन से कतराते हैं. उसका प्रमुख कारण विडियो गेम(खेल) ही है. अत: आपको तैयारी में अब ध्यान देना होगा. पिछले वर्ष के अपेक्षा इस सत्र में आपको अंकों में कमीयां आ सकती है.अत: ाप पिछले कक्षा की अपेक्षा इस वर्ष अधिक अंक प्राप्त करना चाहते हैं. प्रात: कालीन पठन पाठन का समय बनाना चाहिए.
उपाय: अपने अध्ययन कक्ष में बंशी बजाते हुएकृष्ण का चित्र स््थापित करें. गायत्री मंत्र का म्यूजिक अध्ययन कक्ष या कम्प्यूटर में सुनें. पीले रंग का रूमाल सदैव साथ रखें. दुध और केशर का सेवन करें।
मकर-आपको इस वर्ष अच्छे परिणाम मिलेंगे. आपकी गंभीरता को शरारत में न बदले। क्योंकि शनि राहु के योग से ऐसा हो सकता है. अत: सावधानी बरतें. तार्कीक प्रवृत्ति के कारण टीचर को पढ़ाने व समझाने में पसीना आ जाता है. लेकिन स्वयंकी जागरूकता इनके याददाश्त में अहम भूमिका निभाते हैं.
उपाय-मोर का गोल पंख पुस्तकों में रखें.तुलसी पत्र खाना चाहिये मंत्र ऊं नमो भगवते वासुदेवाय: जाप108 बार स्फटिक माला पर करना चाहिए।
कुम्भ-आपकी अंग्रेजी या हिन्दी दोनों विषयों में व्याकरण की त्रुटियां अधिक होने की सम्भावना है अतएव आपको मात्राओं और शब्दों पर ध्यान देना आवश्यक है. स्मरण शक्ति तो काफी अच्छी है लेकिन निर्णायक न होने के कारण काफी हद तक एकाकी निर्णय की कमी रहेगी। अत: परस्पर में प्रश्रोत्तरी करना ज्यादा बेहतर होगा।
उपाय-उगते सूर्य का नमन। ऊँ ह्रïीं जूस: इस मंत्र ाक जप और अध्ययन कक्ष मं त्राटक शिवन का चित्र स्थापित करें।
मीन-विद्यार्थियों को दोस्तों से चर्चा और खेलने अथवा उधम मचाने में अधिक समय गंवाना ठीक नही है. यह हो इस लिए रहा है कि आपके ग्रह योग ठीक नही है. अच्छे परिणाम (अंको) में कमियों के साथ-साथ काफी नुकसान पहुंचाने की भुमिका में ग्रहकों का स्वाभाविक दोष है।
उपाय : विद्यावद्र्धक पंचदशी यंत्र को टेबल पर रखें. मोती लाल तूरमली दोनों को चाँदी में मढ़वाकर लॉकेट धारण करें. देशी घी दुग्ध और केशर मीश्रीत कर सेवन करें।
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