ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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रविवार, 20 मार्च 2016

होली, होलिका दहन और नवान्नेष्टि-पर्व................ज्योतिषाचार्य पण्डित विनोद चौबे

होली, होलिका दहन और नवान्नेष्टि-पर्व................

ज्योतिषाचार्य पण्डित विनोद चौबे


मित्रों,

आप सभी को होली के पावन पर्व पर आप सभी को सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ....

आईए  होली पर कुछ विशेष चर्चा करते हैं, सम्भवतया आप लोगों के उपयोगी सिद्ध होगा । मित्रों आजकल होली के पर्व पर को लेकर काफी चर्चाएँ हों रही हैं की आखिरकार किस तिथि को होली मनायी जाय। इस संदर्भ में विगत कुछ दिनों लगातार हमारे पत्रकार साथियों के फोन आ रहे हैं जिनका पहला प्रश्न यही होता है कि - होली के तिथि को लेकर असमंजस क्यों है.....और होलिकादहन कब की जानी चाहिए....आदि...आदि।
मैने सोचा कि आप सभी को भी होली बधाई के साथ इस संदर्भ को भी आपके समक्ष रखूं। तो आईए होलिकादहन को लेकर असमंजस को पहले दूर करने का प्रयास करते हैं।

मंगलवार, 8 मार्च 2016

320 वर्ष के बद दुर्लभ संयोग पंचग्रही योग और खग्रास सूर्य ग्रहण 9 मार्च को...

320 वर्ष के बद दुर्लभ संयोग पंचग्रही योग और खग्रास सूर्य ग्रहण 9 मार्च को...

मित्रों नमस्कार,
सूर्य अथवा चन्द्र ग्रहण दोनों खगोलीय घटना है, परन्तु भारतीय पुरा मनीषियों ने इस खगोलीय घटना को आम जनमानस पर शुभाशुभ प्रभाव के बारे पूर्वानुमान ज्योतिष के माध्यम से जो रखा है वह लगभग सटीक सही साबीत होता है, इसे झूठलाया नहीं जा सकता। हाँ इतना अवश्य है कि आज के तथाकथित ज्योतिषी जिस प्रकार लोगों को भय दिखाते हैं वह सर्वथा गलत है। किसी भी प्रकार के सूतक में मानव जाति को शुद्धता पर ध्यान देना चाहिए, ताकि ग्रहण सूतक, जनाना सूतक, मृतक सूतक आदि सूतकों से फैलने वाले बिमारियों अथवा नकारात्मक प्रभावों से बचना चाहिए।
मित्रों इस विषय पर अधिक ना बोलते हुए अभी वर्तमान में आ रहे इस ग्रहण के बारे में कुछ चर्चा करना अधिक बेहतर रहेगा।
इस खग्रास सूर्य ग्रहण बुधवार को अर्थात 8 मार्च के भोर मे और 9 मार्च की सुबह है। पंचग्रही योग में यह सूर्य ग्रहण 320 साल बाद आ रहा है। खगोलीय घटना का यह दुर्लभ नजारा 49 मिनट का रहेगा लेकिन भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में 12 मिनट ही दिखाई देगा, किन्तु रायपुर में केवल मोक्ष के समय ही अंश मात्र दिखेगा। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर कुंभ राशि पर पंचग्रही योग बना है। उज्जैन सिंहस्थ 2016 से पहले पंचग्रही योग में सूर्य ग्रहण शुभ फलदायी नहीं है। इसके कारण जीवन उपयोगी वस्तुएं महंगी होंगी।
खग्रास सूर्य ग्रहण भारत के पश्चिमोत्तर भाग को छोड़कर पूरे देश में दिखाई देगा। ग्रहण का सूतक मंगलवार शाम 5.04 से शुरू होकर ग्रहण के मोक्ष के बाद समाप्त होगा। शाम 5 बजे से मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। सूर्य ग्रहण का स्पर्श बुधवार सुबह 5.36, मध्य 6.10 और मोक्ष 6.46 बजे होगा। ग्रहण का परम ग्रास 22 प्रतिशत रहेगा। उज्जैन में सूर्योदय 6.34 वहीं रायपुर में 6.32 मिनट पर सूर्योदय होगा।
इस समय आकाश में पांच ग्रह केतु, बुध, सूर्य, शुक्र और चंद्र साथ रहेंगे। इन ग्रहों पर शनि-युत मंगल की दृष्टि भी है।  ग्रहण जिस भूभाग में दिखाई देता है वहीं उसका सूतक माना जाता है। जहां ग्रहण नहीं दिखता वहां उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद सुबह 7 बजे स्नान कर मंदिरों एवं घरों की सफाई, धुलाई की जाएगी उसके बाद पूजा पाठ आरती होगी।

यहां दिखेगा ग्रहण
खग्रास सूर्य ग्रहण मप्र के उज्जौन, इंदौर, देवास, भोपाल, खंडवा, बुरहानपुर, जबलपुर, शाजापुर, ग्वालियर, सागर के साथ वाराणसी, प्रयागराज, इलाहाबाद, हरिद्वार, कोलकाता, दिल्ली, पटना, रायपुर, चेन्नई, जगन्नाथ पुरी, बंगलोर, भरतपुर (राजस्थान) में भी दिखाई देगा।

ग्रहण के दौरान ये करें उपाय
जिन जातकों की राशि में ग्रहण के कारण कष्ट है, उन्हें तीर्थ जल से स्नान, जप, दान, शिवार्चन, पितरों के लिए श्राद्घ करने से कष्ट दूर होंगे।

राशियों पर ग्रहण का प्रभाव
मेष- लाभ

वृष- सुख

मिथुन- भय, अपमान

कर्क- मृत्यु तुल्य कष्ट

सिंह- दाम्पत्य जीवन में बाधा

कन्या- सुख- समृद्घि में लाभ

तुला- चिंता में वृद्घि

वृश्चिक- शारीरिक कष्ट

धनु- धन लाभ

मकर- धन हानि

कुंभ-दुर्घटना की आशंका

मीन- कार्य क्षेत्र में बाधा, सहयोगियों से सतर्क और सावधान रहें॥



- ज्योतिषाचार्य पण्डित विनोद चौबे, भिलाई 9827198828