ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012

2013 में क्या कहते हैं सितारे - पं.विनोद चौबे


2013 में क्या कहते हैं सितारे - पं.विनोद चौबे


-ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे, संपादक  'ज्योतिष का सूर्य' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, मोबाईल नं. 09827198828, भिलाई

1 जनवरी 2013 को रात्रि ०१: 00 मिनट पर कन्या लग्न में वर्ष 2013 का प्रवेश हो रहा है उस समय सूर्य धनु राशि एवं चंद्र कर्क राशि पर मौजूद रहें तथा आश्लेषा नक्षत्र रहेगा नक्षत्र स्वामी बुध (कन्या, मिथुन राशि का स्वामी होता है) यह संयोग की बात है कि कमिथुन राशि के छत्तीसगढ़ का गठन भी कर्क लग्न में 1 नवंबर 2000 को हुआ था अतएव यह वर्ष छत्तीसगढ़ के लिये काफी अच्छा साबित होगा  हालॉकि राहु, शनि के वृश्चिक राशि पर मौजूद रहने से देश के दक्षिणी इलाके व राज्य आगजनी, दैविय विभिषिका तथा राज्य सरकारों के विरुद्ध लोगों में आक्रोश दिखेगा परन्तु वास्तु के अनुसार छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति उत्तर - दक्षिण की ओर लंबवत होने के साथ ही बैकुंठपुर से देवसिल तक का हिस्सा उत्तर पूर्व की ओर बढ़ा हुआ हिस्सा गोमुखी मुद्रा बन जाता है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ राहु, शनि के वृश्चिक राशि पर संचरण करने से कोई कुप्रभाव नही राज्य की जनता व सरकार पर नहीं पड़ेगा। यदि बात की जाय दुर्ग, बालोद और बेमेतरा कि तो यह छत्तीसगढ़ के मध्य भूभाग पर स्थित है अथ: यहाँ किसी भी प्रकार का राहु, शनि जनित कुप्रभाव नहीं पड़ेगा। वहीं दक्षिणवर्ती इलाका दंतेवाड़ा, चिंतनलार तथा आंध्र प्रदेश से सटे स्थानों पर आगजनी, हिंसा तथा लोगों में भय की व्याप्ति आदि की संभावना राहु, शनि दे सकते हैं। ज्ञात हो कि जनवरी 2013 के बाद राहु व शनि तुला राशि में इकठ्ठे हो जाएंगे। यह युति 18 महीनों तक रहेगी। इन दोनो ग्रहों के एक राशि पर रहने से देश में महंगाई बढ़ेगी, बाहरी शक्तियों के इशारे पर  देश में सरकार के प्रति लोगों में गलतफहमियाँ बढ़ेंगी। इसलिए नकारात्मक घटनाओं में बढ़ौतरी हो सकती है। राहु व शनि का गोचर में इकठ्ठे होना अच्छा नहीं है, परन्तु व्यक्तिगत कुंडलियों में दोनों ग्रहों की स्थिति उनके कुण्डली में स्थित ग्रहों के अनुसार शुभाशुभ फल कहा जा सकता है।

1. मेष राशि: सप्तम में शनि एवं अष्टम में शनि राहु की आपके स्वास्थ्य पर पैनी निगाह है अत: आप स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। फिलहाल राजनीतिक, समाजिक व पारिवारिक वर्चस्व बढ़ेगा। आय में बढ़ोत्तरी होगी। नौकरी में उन्नति के योग हैं। शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि के आसार।
2. वृषभ राशि:  आपकी राशि पर गुरु, केतु की यूती और सप्तम में राहु, शनि मिश्रीत फल देने वाले होंगे। व्यापार में सफलता। यात्रा के योग तथा विशिष्ट कार्य सिद्धि के साथ आत्मबल बढ़ेगा।
3. मिथुन राशि : आपके राशि के पंचम शनि राज्याधिकार से वंचित कर सकता है अत: गुप्त शत्रुओं से सावधानी बरतें। अधिक क्रोध से व्यापार प्रभावित हो सकता है, अत: वाणी पर संयम रखें। पीड़ा तथा कर्ज की स्थिति वाला रहेगा। खर्च पर संयम करना पड़ेगा।
4.कर्क राशि : आंग्ल नवर्षारम्भ के समय आपकी ही राशि पर चंद्र स्थित हैं, तथा चौथे शनि-ढैय्या आगे आने वाली कठिनाईयों को दर्शाते हैं अत: क्षमता से अधिक कर्ज लेने से आपको बचना होगा। वैसे सामान्यतया वर्र्ष पर्यन्त मन में उत्साह, बल, बुद्धि का परिवर्तन होगा। विविध कार्य से आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
5. सिंह राशि: शत्रुभाव में मंगल उच्च का है अत: नये व्यापार की शुरुआत में आ रही कठिनाईयाँ समाप्त होंगी और सफलता भी मिलेगी।यह वर्ष मंगलकारी, व्यापार-कारोबार में विस्तार वाला रहेगा। राज्य पक्ष से मान-सम्मान मिलने के योग है। स्थिर मन से काम करना होगा। जानवर एवं वाहन से सावधान रहें। अति स्वाभिमान, क्रोध का त्याग करें।
6. कन्या राशि: आपकी ही राशि कन्या में वर्ष 2013 का प्रवेश हो रहा है। अत: भाग्य-वृद्धि, लाभ प्रतिष्ठा में इच्छित फल देने वाला रहेगा। मनोरथ सिद्ध होने के साथ कोष-खजाने में वृद्धि होगी। स्थायी संपत्ति के योग है। जीवन सुखमय होगा। भावुकता पर काबू रखें धोखा हो सकता है।
7. तुला राशि:  वालों के लिए यह वर्ष शनि की साढ़ेसाती के दूसरे ढैया वाला रहेगा। यह वर्ष मिश्रित फल वाला रहेगा। सुख-दुख के साथ पूर्वाद्र्ध में अपमान, अपयश, संघर्ष जैसी स्थिति कर्ज, खर्च अनायास विषमता का सामना करना पड़ेगा। स्वास्थ्य की तकलीफ हो सकती है। अपनी वाणी पर भी संयम रखें।
8. वृश्चिक राशि:  वालों के लिए यह वर्ष शनि की साढ़ेसाती के प्रथम ढैय्या वाला रहेगा। शुभाशुभ मिश्रित फलवाला, मानसिक तनाव व चिड़चिड़ापन एवं अनेक भूचाल के साथ सफलता मिलने वाला वर्ष रहेगा। महत्वकांक्षा त्याग कर अपने समय अनुसार फल पाकर संतोष रहेगा। असमय अपवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है।
9. धनु राशि : आपकी राशि के दूसरे भाव में मंगल है अत: क्रोध पर काबू रखें। नई योजना, भूमि-भवन, वाहनआदि कार्यों में सफलता तो मिलेगी परन्तु कर्ज भी बढ़ सकता है। वर्ष के मध्य अर्थात् जून से घर में मांगलिक कार्य के योग बनते हैं।
10.मकर राशि: यह वर्ष आपके लिए उत्तम रहेगा। साझेदारी के काम में असफलता हो सकती बिचौलिए परस्पर में भ्रम कि स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं। अत: संजिदगी से काम लेना पड़ेगा। नौकरी में उन्नति के योग हैं। शिक्षा का स्तर तो बढ़ेगा ही साथ ही उत्तम सफलता मिलने से मन प्रफुल्लित होगा।
11. कुंभ राशि : चौथे गुरु एवं भाग्य भाव में शनि आपके आर्थिक सुधार में मदद करेंगे। कार्य व्यवसाय में सफलता मिलेगी। घर में मांगलिक कार्य होने के आसार। संतानोत्पत्ति से मन में हर्ष होगा। उत्तर दिशा की यात्रा होगी।
 12. मीन राशि: अष्टम में शनि आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। जल का अधिक सेवन करें स्नायुतंत्र की परेशानी आ सकती है। पारीवारिक मनमुटाव समाप्त होगा। पत्नि के स्वास्थ्य में सुधार होगा। नया व्यापारीक निवेश शुभ है लाभ व सफलता भी। भूमि व मकान का योग है।

-ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे, संपादक   'ज्योतिष का सूर्यÓ राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, मोबाईल नं. 09827198828, भिलाई

गुरुवार, 20 दिसंबर 2012

महज़ अफवाह है माया कलेण्डर के द्वारा कि गई प्रलय की भविष्यवाणी

महज़ अफवाह है माया कलेण्डर के द्वारा कि गई प्रलय की भविष्यवाणी


भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गलत व अफवाह मात्र है। महा प्रलय का जिक्र  भरतीय ज्योतिष के अनुसार  कल्पांत यानि 4 अरब बत्तीस करोड़ वर्ष के बाद दूसरे कल्प के संधिकाल में होता है। और अभी वर्तमान में श्वेतवाराह कल्प का 1955885113 वाँ वर्ष ही चल रहा है, साथ ही एक कलप में 14 मन्वमतर होते हैं और अभी वैवस्वत मन्वनवंतर चल रहा है और एक मन्वंतर में 71 चतुर्युगी अर्थात् 71 बार चारों युग भ्रमण करते हैं अभी वर्तमान में 71 वें चतुर्युगी का 28 वाँ चतुर्युगी कमें कलियुग 432000 वर्ष में मात्र 5113 वर्ष ही व्यतीत हुआ है अतएव कुल मिलाकर सिद्धांत ज्योतिष के अनुसार तकरीबन दो-ढ़ाई अरब वर्ष महाप्रलय होने में शेष बचा है। तो सवाल ही नहीं उठता कि माया पंचांग के आधार पर प्रलय की गणना किसी भी दृष्टि से मानी जाय। आँ यह अवश्य है कि 21-12-12 को मूलांक 9 बन रहा है अतएव 9 मूलांक का स्वामी मंगल है जो अक्रामक और हिंसक है अत_ भूस्खलन, हिमस्खलन तथा कुछ अग्निजनित दैविय आपदायें आ सकती हैं वह भी इन सभी घटनाओं से भारत बिल्कुल सुरक्षित है, पश्चिमी देश तथा दक्षिणी देश प्रभावित हो सकते हैं।- ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे, भिलाई 09827198828

सोमवार, 17 दिसंबर 2012

नवलखा हार बनवा दो

नवलखा हार बनवा दो..........


  प्रिय पाठकों,
यह अंक  वार्षिक राशिफल नक्षत्र-2013 के रुप में आप सभी को समर्पित है, आंग्ल नूतन वर्ष-2013 की शुभकामनाओं के साथ मैं इस अंक के माध्यम से भारतीय हिन्दू नववर्ष के ज्योतिषिय आॅकलन को भी मैने जोड़ने का प्रयास किया है, अर्थात् उसे ही आधार बनाकर ग्रह जनित शुभाशुभ प्रभावों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई है। मुझे आशा ही नहीं वरन् पुरा विश्वास है कि, आप सभी के लिए लाभोपयोगी सिद्ध होगा।
मित्रों अब चर्चा करते हैं, समसामयिक आज के राजनीतिक घमाशान इस दौर में सर्वप्रथम गुजरात विधानसभा चुनाव का। गुजरात में नरेन्द्र मोदी तीसरी बार विजेता के रुप में अपने आपको राष्ट्रीय राजनीति में अव्वल नेतृत्त्व क्षमता को प्रदर्शित करने में कामयाब होते दिख रहे हैं। किन्तु आप लोगों का ध्यान चुनवी मौसम के इनसाईड स्टोरियों पर आकर्षित करुंगा..मुझे एक वाकया याद आ रहा है जिसे मैं अपने शब्दों में आपके समक्ष रखना चाहूँगा। यह वाकया था नवविवाहित नवदंपति का। पति से पत्नी ने कहा कि ..मुझे  नवलखा हार बनवा दो नहीं तो...डूब मरुँगी.। वही हाल चुनाव के दौरान लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों के राजनेताओं का होता है। उसी तर्ज पर गुजरात में केशूभाई पटेल ने गुजरात विकास पार्टी बनाकर इतने लंबे राजनीतिक करियर को शूली पर चढ़ा दी, और हाथ कुछ नहीं लगा। आपको याद होगा कि छत्तीसगढ़ में भी टिकट बंटवारे को लेकर अपनी नाराजगी पूर्व सांसद ताराचंद साहू ने छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच का गठन कर किया था। हालॉकि बाद में उन्होंने छत्तीसगढ़ में तीसरा मोर्चा बनाने में सफल नहीं हो पाये तो राकांपा के सुप्रीमो शरद पवार से समर्थन मांगा था, लेकिन ईश्वर को मंजूर नहीं था  वे दूनिया छोड़कर चले गये। येदुरप्पा भी उसी  लाईन में आ खड़ें हैं। पार्टी से नाराजगी क्या रंग लाती है, यह समय बतायेगा। मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि जब भी चुनाव आते हैं, तो उलट-पुलट लगभग सभी पार्टियों में होते ही हैं, क्योंकि नवलखा हार पहनने की होड़ जो रहती है।
अब बात करते है वैदेशिक राजनीति की जरा हम आॅकलन करें कि हम कहाँ खड़ें हैं, वे कहाँ हैं..? विगत दिनों पाकिस्तान  के गृह मंत्री रहमान मलिक भारत के दौरे पर आये थे। उन्होंने अपनी बेशर्मियत की सभी हदें पार करते हुए, भारत के अंदरुनी मामलों पर टिप्पड़ी करते हुए, उन्होंने 26 /11 को दिल दहला देने वाली मुंबई में हुए हमले की तुलना अयोध्या के बाबरी मस्जिद से कर देश में साम्प्रदायिकता की आग लगाने का पुरजोर प्रयास किया। इस बात पर तल्ख टिप्पड़ी करते हुए नरेन्द्र मोदी सहित विपक्षी पार्टियों ने शब्द बांण छोड़े, लेकिन भारतीय सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को रहमान को छोड़ नरेन्द्र मोदी द्वारा उठाये गये सर क्रीक के मामले पर तीखा प्रहार करना ही बेहतर समझा क्या यही देश की अखण्डता है...? अपने देश में आकर कोई भी बाहरी नेता कुछ भी बोलकर चला जाय, और अपनी सत्ता बचाये रखने के लिए विरोध करने वाले राजनेता पर तीखा प्रहार करना  क्या उचित है..?
ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि देशप्रेम से अधिक महत्त्व पार्टी प्रेम अथवा पार्टी के आकाओं से प्रेम मायने रखता है, ऐसे प्रेमी हैं, जिन्होंने कभी अपने माता-पिता अथवा घर के बुजूर्गों का चरण स्पर्श करने की  बात तो दूर कभी आदर से उन्हें याद तक नहीं करते। किसी भी पार्टी का एक सिद्धांत होता है, और उन सिद्धांतो पर चलने वाले उस पार्टी के वफादार साथी, और इन सभी साथियों को एक नेतृत्त्व में समेट कर ले चलने वाला नेता अर्थात् नयति इति नेता। लेकिन आज कोई सिद्धांत नहीं है, केवल बस एक ही चाह है कि- शार्टकट, जुगाड़ तंत्र , जातिगत, सम्प्रदायगत, क्षेत्रगत तथा सुरा सन्दरी के दम पर जल्द से जल्द  नवलक्खा हार हमारे गले में कोई डाल दे। -

ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

गुरुवार, 13 दिसंबर 2012

शिक्षा समाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम है- डॉ. बसीर

शिक्षा समाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम है- डॉ. बसीर

भिलाई के जामुल स्थित उदय महाविद्यालय में मनोविज्ञान-विश्लेषण पर आधारीत विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसमें पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के डा.बसीर हसन (डायरेक्टर इन्स्टिीट्यूट ऑफ टीचर एजूकेशन) बतौर मुख्य वक्ता के रुप में उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती का पूजन अर्चन व दीप प्रज्जवलन कर किया गया। मुख्य अतिथि डॉ.बसीर हसन का स्वागत डॉ.टी.आर.साहू (डायरेक्टर) ने बुके प्रदान कर किया, एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. अब्दुल सत्तार का स्वागत उदय महाविद्यालय के प्राचार्य ने बुके प्रदान कर की,वहीं कुमारी किरण प्रजापति, धनेश्वरी साहू, कुसुम गिरी आदि बी.एड. की छात्राओं ने सरस्वती वन्दना को लयबद्ध गाकर उपस्थित जनों को मन्त्र मुग्ध कर दिया। स्वागत भाषण के दौरान ही डॉ.बसीर हसन का संक्षिप्त परिचय मोहम्मद हारुन रसीद ने अपने रुपहले अंदाज में इस प्रकार प्रस्तुत किये की बी.एड. के छात्र एवं छात्राएँ डॉ.बसीर के जीवन परिचय से खासा प्रभावित हुए।

मुख्य वक्ता डॉ. बसीर हसन उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा एक पवित्र माध्यम है जिससे संस्कारवान समाज का निर्माण होता है और देश की तरक्की होती है। शिक्षा ही एक ऐसा जरीया है जिसके माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियाँ, रुढ़ीवादिता को मिटाकर स्वच्छ व चरित्रवान समाज का निर्माण किया जा सकता है। इसलिए कहा गया है शिक्षा समाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम है। डॉ.हसन ने रोचक अन्दाज में शिक्षण की बारिकीयों को समझाते हुए उन्होंने कहा कि बर्बल रीजनिंग के अन्तर्गत डिफरेन्सल एप्टिट्यूट टेस्ट एक समूह मानक तय करके बच्चों की योग्यता, उपलब्धि एवं अभिक्षमता का आकलन करना आवश्यक है ताकि आप उस छात्र के मानसिकता को पढ़ सकें, और उसी आधार पर उसे शिक्षण देंगे तो निश्चित ही वह बच्चा विषय को आसानी से समझ सकेगा। उन्होंने आगे बताया कि यदि हम अपने क्षमता को भलिभाँति जानकर उसी क्षेत्र का चयन करें तो सफलता अवश्य मिलेगी।
 वहीं डॉ. अब्दुल सत्तार ने 1986 में लागू किये गये कोठारी आयोग शिक्षण नीति का जिक्र करते हुए बताया कि हॉई स्कूल में सभी विषयों को पढ़ाया जाना एक तरह से समय की मांग थी, जो अब सफल होते नजर आ रही है, उससे शिक्षा में रोचकता तो आई ही वरन् स्त्री-पुरुषों के साक्षरता का आँकड़ा नाम मात्र का था वह अब 2011 के सर्वे रिपोर्ट में बढ़ कर महिलाओं का प्रसेन्टेज 52, वहीं पुरुषों का आँकड़ा बढ़कर 72 प्रतिशत हो गई है, जो बेहद सुखद है।
कार्यक्रम में प्रमुख रुप से श्रीमति अलीफा साहू, श्रीमति यास्मिन शेख, प्रभा साहू एवं ईश्वर प्रसाद यदु आदि अध्यापकों के अलावा बी.एड. के सभी छात्र एवं छात्राएँ उपस्थित थीं। आभार प्रदर्शन कॉलेज के लेक्चरर श्री मोहम्मद हारुन रसीद ने की।
इस कार्यक्रम में मैं भी उपिस्थत था।

बुधवार, 12 दिसंबर 2012

''जिद करो दुनिया बदलो'' के धुन के होंगे आज के जन्मे बच्चे- पं.विनोद चौबे

  ''जिद करो दुनिया बदलो'' के धुन के होंगे आज के जन्मे बच्चे- पं.विनोद चौबे

 भारतीय धर्म शास्त्रों के अनुसार आंग्ल तिथियों के ऐसे संयोग को देखकर डिलेवरी कराना अथवा विवाह आदि मांगलिक कार्य कर सेलिब्रेट करना तो उचित नहीं है फिर भी ईश्वरेच्छा से जिन बच्चों का आज के दिन जन्म हुआ है आइए जानते हैं कि 12.12.12 के दिन जन्मे बच्चों की कुंडली के बारे में ज्योतिषाचार्य पं. विनोद  चौबे का क्या कहना है।
ग्रहों की स्थिति का आंकलन करने पर ज्ञात होता है इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे की कुण्डली में सूर्य और चन्द्रमा दोनों ही राहु के साथ होंगे। यानी नवग्रहों के स्वामी सूर्य तथा चन्द्र दोनों को ही राहु का ग्रहण लगेगा। ऐसे में इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे को जीवन में संघर्ष करना पड़ सकता है। साथ ही वैमनस्यकारी, आन्दोलनकारी तथा अपनी ही बात मनवाने लिए किसी भी हद तक कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार रहने वाले स्वभाव का रहता है, लेकिन शनि उच्च का होना इनके लिए थोड़ा लाभदायक रहेगा। लेकिन यहां भी स्थिति यही है कि  भाग्य इनका परिश्रम पर निर्भर करेगा। इन्हें जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखना पड़ सकता है।
साहसिक कार्य, सैन्य, सुरक्षा विंग में अहम स्थान प्राप्त करने वाला तथा अग्नि से संबंधित कार्य, भूमि एवं प्रोपर्टी से जुड़े कार्यों में इस दिन जन्म लेने वाले व्यक्ति अधिक सफल हो सकते हैं। वृश्चिक राशि होने की वजह से इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे एक्टिव होंगे लेकिन स्वभाव से क्रोधी होंगे। इनमें बदला लेने की भावना होगी।  अग्नि तत्व के होने के कारण इनका सिर चौड़ा होगा और बाल लंबे होंगे और दिखने में ताम्रवर्ण के हो सकते हैं। यह हठी और ईष्यालु भी हो सकते हैं। कुल मिलाकर इन्हें चन्द्र (भगवान शिव ) की पूजा अर्चना तथा मोती रत्न धारण करना पड़ेगा ताकि इनका चित्त शांत रहे। शिक्षा के क्षेत्र में भी जिद करो दुनिया बदलो की भाँति काफी परिश्रम कर शिर्षस्थ पद को हथियाने का प्रयास करेंगे, यदि व्यापार करते हैं तो भी शिर्षस्थ  भूमि, मकान एवं कृषि के क्षेत्र में अग्रणी पायदान पर रहना ही पसन्द करेंगे।
-ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे, 09827198828 Bhilai

गुरुवार, 6 दिसंबर 2012

सदी का दुर्लभ संयोग 12-12-12 + 9 =स्वामी मंगल '' भारत बहुमुखी विकास कर शक्तिसम्पन्न देश के पायदान पर बना रहेगा'' - ज्योतिषाचार्य: पं.विनोद चौबे


सदी का दुर्लभ संयोग 12-12-12 + 9 =स्वामी मंगल

मित्रों, नमस्कार,

पंचांग के अनुसार, 12 दिसंबर, 2012 को बुधवार अनुराधा नक्षत्र, धृती योग, विष्कुंभ करण, प्रात: 7.48 मिनट तक है। चंद्रमा दिनमान वृश्चिक राशि में है। इसके अलावा प्रात: 12 बजकर 12 मिनट 12 सेकेण्ड पर (दिन में) कुंभ लग्न होगा और लग्नेश शनि अपने मित्र ग्रह शुक्र के गृह अर्थात् भाग्य भाव में होगा। अत: भारत के लिए आर्थिक विकास दर को झटका अवश्य लगेगा किन्तु खनिज के क्षेत्र में बहुमुखी विकास कर शक्तिसम्पन्न देश के पायदान पर बना रहेगा।

चूंकि उपरोक्त शुभ संयोग का आगमन 100 वर्षो बाद हुआ है हालाकि इसके पूर्व 21/12/2012 को बना था। यदि बात की जाय नवोदित राज्य छत्तीसगढ़ की तो 1 नवंबर 2000 को इस राज्य का 26 वें राज्य के रुप में आदरणीयश्री अटलजी के प्रधानमंत्रीत्त्व काल में हुआ था। जिसका मूलांक 5 होता है और स्वामी बुध एवं इस महासंयोग में स्वामीत्त्व मंगल कर रहे हैं। मंगल स्वभाव से क्रूर एवं हिंसक, युद्धक ग्रह माना गया है अतएव छत्तीसगढ़ पिछले कई वर्षों से नक्सल गतिविधियों से पिड़ीत रहा है और यदा कदा उनकी उपस्थिति छिटपुट घटनाओं से देखी जा सकती है। इस महासंयोग का प्रभाव भी नक्सलीयों पर पड़ेगा जो नक्सलीयों के मध्य फुट पडऩा और ढ़ेर सारे नक्सली सरकार के समक्ष हथियार डालने को तैयार हो जायेंगे।

जिन लोगों ने इस दुर्लभ संयोग को विाह, पुत्रोत्पादन(अत्याधुनिक मेडिकली सुविधानुसार) आदि के लिए सेलिब्रेट करना चाहते हैं तो उनके लिए दु:खद समाचार है क्योंकि मंगल अक्रामकता का प्रतीक है, और आज के दिन विवाह अथवा जबरन संतानोत्पत्ति आदि करना अथवा डाक्टरों पर इसके लिए दबाव बनाना उचित नहीं है, मंगल के प्रकृति, गुण से प्रभावित हो सकता है। यदि ईश्वरेच्छानुसार ऐसा होता है तो उसे मांगलिक ही माना जायेगा।  लेकिन जो सेलिब्रेट करना चाहते हैं उनके लिए विशेष तौर पर सावधानी बरतें। जिनका मूलांक 5 अथवा 8 है उनके लिए विशेष शुभफलदायी रहेगा। बाकि मूलांक वाले जातकों के लिए थोड़ी जोखिम भरा रहेगा।

12 दिसम्बर, 2012 को अनुराधा नक्षत्र रहेगा, जो शनि का नक्षत्र है। इसमें नवीन कार्य का शुभारंभ और नवीन वस्तु की खरीदारी स्थायी व शुभ फलदायी होगी। इस दिन सूर्योदय प्रात: 7.10 बजे होगा वहीं रात्रि 8.49 बजे तक अमृत सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। इस दिन वृश्चिक राशि में पंचग्रही योग भी बनेगा, जिसमें सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र व राहु भ्रमण करेंगे। द्वादश मूलांक का धार्मिक व ज्योतिष गणना के अनुसार विशेष महत्व है।

यह दिन 5 और 8 मूलांक वाले लोगों के लिए बहुत अच्छा है। अंक विज्ञान के अनुसार 12-12-12 यानी 3 3 3= 9 होता है। यह तारीख मंगल कार्य के लिए उत्तम है। यह भी देखना पड़ेगा कि जिन कपल का आपसी तालमेल मंगल के कारण बिगड़ रहा है, उन्हें यह तारीख परेशान कर सकती है। वह बताते हैं कि यह तारीख उन जोड़ों के लिए बेहतरीन है, जिनकी जन्म कुंडली का मंगल स्ट्रॉन्ग है।

  • 1- अंक : सावधानी बरतें, व्यावसायिक निवेश से बचें।, 

  • 2 अंक : लाभ में कमी रहेगी, कलह से राहत मिलेगा। 

  • 3 अंक : संतान से कष्ट सम्भव है, व्यवहार में नरमी बरतें। 

  • 4 अंक : उच्चपद की प्राप्ति में थोड़ी विलंब हो सकती है। प्रयासरत रहें।

  •  5 अंक : आकस्मिक धनलाभ होगा, आगन्तुकों आगमन लाभदायी रहेगा। रुके कार्य में सफलता मिलेगी।

  •  6 अंक: मांगलिक कार्य में सफलता, क्रोध पर काबू रकखें। 

  • 7 अंक : व्यापार में मेहनत की आवश्यकता है, प्रतिस्पद्र्धा में पिछड़ रहे हैं। 

  • 8 अंक : विकास व प्रगति के मार्ग खुलेंगे, आने वाला वर्ष 2013 लाभपूर्ण रहेगा। 

  • 9 अंक : संतानसुख मिलेगा, लम्बित कार्य पूर्ण होगा।


 - ज्योतिषाचार्य पं विनोद चौबे, सम्पादक ' ज्योतिष का सूर्य ' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका , भिलाई - ०९८२७१९८८२८



परिचय

मूल रूपसे मेरा कार्य-क्षेत्र ज्योतिष-विषयक सलाह और वैदिक कर्मकाण्ड को विशिष्टता से तर्कपूर्ण वेज्ञानिक पद्धति से संपन्न कराना है लेकिन साथ ही भारतीय संस्कृति, संस्कृत एवं सामाजिक कुप्रथाओं पर चिन्तन के साथ ही ज्योतिष विषयक संदर्भों पर चर्चा करना एवं 'संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी'' से 'नव्य व्याकरण'' विषय से आचार्य एवं 'ज्योतिष का सूर्य ' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका का अगस्त 2009 से अनवरत प्रकाशन एवं बतौर संपादक, देश की सम-सामयिक मुद्दों पर बेबाक टिप्पड़ी, समीक्षा और सत्साहित्यों के आधारभूत रचनाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक करना.ही परम कर्तव्य मानता हूँ।'' भारत प्राच्य विद्याओं से समृद्ध है, लेकिन अभी समझ ही नहीं पाये, केवल पश्चिमी देशों के वैक्सिन (रसायनीक दवाईयों) पर दीठ लगये बैठे हैं..जबकि अपने देश की तूलसी, गोमूत्र और लौकीक, वैदिक एवं आध्यात्मिक योग का भी अपमान कर रहे हैं...ऐसे में क्या भारत विश्वगुरू बन पायेगा...इन्हीं उलझनों में भारत की ओर देखते हुए..इंडिया में जी रहा हुँ''....ज्योतिषाचार्य: पं.विनोद चौबे

सम्पादक,' ज्योतिष का सूर्य ' हिन्दी मासिक पत्रिका