ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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गुरुवार, 6 दिसंबर 2012

सदी का दुर्लभ संयोग 12-12-12 + 9 =स्वामी मंगल '' भारत बहुमुखी विकास कर शक्तिसम्पन्न देश के पायदान पर बना रहेगा'' - ज्योतिषाचार्य: पं.विनोद चौबे


सदी का दुर्लभ संयोग 12-12-12 + 9 =स्वामी मंगल

मित्रों, नमस्कार,

पंचांग के अनुसार, 12 दिसंबर, 2012 को बुधवार अनुराधा नक्षत्र, धृती योग, विष्कुंभ करण, प्रात: 7.48 मिनट तक है। चंद्रमा दिनमान वृश्चिक राशि में है। इसके अलावा प्रात: 12 बजकर 12 मिनट 12 सेकेण्ड पर (दिन में) कुंभ लग्न होगा और लग्नेश शनि अपने मित्र ग्रह शुक्र के गृह अर्थात् भाग्य भाव में होगा। अत: भारत के लिए आर्थिक विकास दर को झटका अवश्य लगेगा किन्तु खनिज के क्षेत्र में बहुमुखी विकास कर शक्तिसम्पन्न देश के पायदान पर बना रहेगा।

चूंकि उपरोक्त शुभ संयोग का आगमन 100 वर्षो बाद हुआ है हालाकि इसके पूर्व 21/12/2012 को बना था। यदि बात की जाय नवोदित राज्य छत्तीसगढ़ की तो 1 नवंबर 2000 को इस राज्य का 26 वें राज्य के रुप में आदरणीयश्री अटलजी के प्रधानमंत्रीत्त्व काल में हुआ था। जिसका मूलांक 5 होता है और स्वामी बुध एवं इस महासंयोग में स्वामीत्त्व मंगल कर रहे हैं। मंगल स्वभाव से क्रूर एवं हिंसक, युद्धक ग्रह माना गया है अतएव छत्तीसगढ़ पिछले कई वर्षों से नक्सल गतिविधियों से पिड़ीत रहा है और यदा कदा उनकी उपस्थिति छिटपुट घटनाओं से देखी जा सकती है। इस महासंयोग का प्रभाव भी नक्सलीयों पर पड़ेगा जो नक्सलीयों के मध्य फुट पडऩा और ढ़ेर सारे नक्सली सरकार के समक्ष हथियार डालने को तैयार हो जायेंगे।

जिन लोगों ने इस दुर्लभ संयोग को विाह, पुत्रोत्पादन(अत्याधुनिक मेडिकली सुविधानुसार) आदि के लिए सेलिब्रेट करना चाहते हैं तो उनके लिए दु:खद समाचार है क्योंकि मंगल अक्रामकता का प्रतीक है, और आज के दिन विवाह अथवा जबरन संतानोत्पत्ति आदि करना अथवा डाक्टरों पर इसके लिए दबाव बनाना उचित नहीं है, मंगल के प्रकृति, गुण से प्रभावित हो सकता है। यदि ईश्वरेच्छानुसार ऐसा होता है तो उसे मांगलिक ही माना जायेगा।  लेकिन जो सेलिब्रेट करना चाहते हैं उनके लिए विशेष तौर पर सावधानी बरतें। जिनका मूलांक 5 अथवा 8 है उनके लिए विशेष शुभफलदायी रहेगा। बाकि मूलांक वाले जातकों के लिए थोड़ी जोखिम भरा रहेगा।

12 दिसम्बर, 2012 को अनुराधा नक्षत्र रहेगा, जो शनि का नक्षत्र है। इसमें नवीन कार्य का शुभारंभ और नवीन वस्तु की खरीदारी स्थायी व शुभ फलदायी होगी। इस दिन सूर्योदय प्रात: 7.10 बजे होगा वहीं रात्रि 8.49 बजे तक अमृत सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। इस दिन वृश्चिक राशि में पंचग्रही योग भी बनेगा, जिसमें सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र व राहु भ्रमण करेंगे। द्वादश मूलांक का धार्मिक व ज्योतिष गणना के अनुसार विशेष महत्व है।

यह दिन 5 और 8 मूलांक वाले लोगों के लिए बहुत अच्छा है। अंक विज्ञान के अनुसार 12-12-12 यानी 3 3 3= 9 होता है। यह तारीख मंगल कार्य के लिए उत्तम है। यह भी देखना पड़ेगा कि जिन कपल का आपसी तालमेल मंगल के कारण बिगड़ रहा है, उन्हें यह तारीख परेशान कर सकती है। वह बताते हैं कि यह तारीख उन जोड़ों के लिए बेहतरीन है, जिनकी जन्म कुंडली का मंगल स्ट्रॉन्ग है।

  • 1- अंक : सावधानी बरतें, व्यावसायिक निवेश से बचें।, 

  • 2 अंक : लाभ में कमी रहेगी, कलह से राहत मिलेगा। 

  • 3 अंक : संतान से कष्ट सम्भव है, व्यवहार में नरमी बरतें। 

  • 4 अंक : उच्चपद की प्राप्ति में थोड़ी विलंब हो सकती है। प्रयासरत रहें।

  •  5 अंक : आकस्मिक धनलाभ होगा, आगन्तुकों आगमन लाभदायी रहेगा। रुके कार्य में सफलता मिलेगी।

  •  6 अंक: मांगलिक कार्य में सफलता, क्रोध पर काबू रकखें। 

  • 7 अंक : व्यापार में मेहनत की आवश्यकता है, प्रतिस्पद्र्धा में पिछड़ रहे हैं। 

  • 8 अंक : विकास व प्रगति के मार्ग खुलेंगे, आने वाला वर्ष 2013 लाभपूर्ण रहेगा। 

  • 9 अंक : संतानसुख मिलेगा, लम्बित कार्य पूर्ण होगा।


 - ज्योतिषाचार्य पं विनोद चौबे, सम्पादक ' ज्योतिष का सूर्य ' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका , भिलाई - ०९८२७१९८८२८



परिचय

मूल रूपसे मेरा कार्य-क्षेत्र ज्योतिष-विषयक सलाह और वैदिक कर्मकाण्ड को विशिष्टता से तर्कपूर्ण वेज्ञानिक पद्धति से संपन्न कराना है लेकिन साथ ही भारतीय संस्कृति, संस्कृत एवं सामाजिक कुप्रथाओं पर चिन्तन के साथ ही ज्योतिष विषयक संदर्भों पर चर्चा करना एवं 'संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी'' से 'नव्य व्याकरण'' विषय से आचार्य एवं 'ज्योतिष का सूर्य ' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका का अगस्त 2009 से अनवरत प्रकाशन एवं बतौर संपादक, देश की सम-सामयिक मुद्दों पर बेबाक टिप्पड़ी, समीक्षा और सत्साहित्यों के आधारभूत रचनाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक करना.ही परम कर्तव्य मानता हूँ।'' भारत प्राच्य विद्याओं से समृद्ध है, लेकिन अभी समझ ही नहीं पाये, केवल पश्चिमी देशों के वैक्सिन (रसायनीक दवाईयों) पर दीठ लगये बैठे हैं..जबकि अपने देश की तूलसी, गोमूत्र और लौकीक, वैदिक एवं आध्यात्मिक योग का भी अपमान कर रहे हैं...ऐसे में क्या भारत विश्वगुरू बन पायेगा...इन्हीं उलझनों में भारत की ओर देखते हुए..इंडिया में जी रहा हुँ''....ज्योतिषाचार्य: पं.विनोद चौबे

सम्पादक,' ज्योतिष का सूर्य ' हिन्दी मासिक पत्रिका


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