चौबेजी कहिन:- 'मातृ-पितृ चरण कमलेभ्यो नमः' का उद्घोष करने वाले भारत में 'फादर्स डे' की अहमियत क्यों...? हे 'इण्डिया' वालों आओ 'भारत' की ओर लौट चलें 🚩🙏🚩
(यह आलेख पांच मिनट का समय निकालकर हर एक भारतीय को जरूर पढ़ना चाहिए 🙏)
17/6/2018
वैश्विक स्तर पर विशेष दिवस के रूप में अनेक पर्व एवं कार्यक्रम प्रचलित होने लगे हैं, जिनमें से एक ‘पितृ-दिवस’ यानी ‘फादर्स डे’ भी है। दुनिया में यह अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। भारत, अमेरिका, श्रीलंका, अफ्रीका, पाकिस्तान, बर्मा, बांग्लादेश, जापान, चीन, मलेशिया, इंग्लैण्ड आदि दुनिया के सभी प्रमुख देशों में इसे जून के तीसरे रविवार को मनाते हैं। भारत में पिछले कुछ वर्षों से ‘पितृ-दिवस’ के प्रति रूझान में बड़ी तेजी से बढ़ौतरी दर्ज की जा रही है। ‘फादर्स डे’ मनाने की शुरूआत पश्चिमी वर्जीनिया के फेयरमोंट में 5 जुलाई, 1908 को हुई थी। इसका मूल उद्देश्य 6 दिसम्बर, 1907 को पश्चिम वर्जीनिया के मोनोंगाह की एक खान दुर्घटना में मारे गए 210 पिताओं को सम्मान देना था। ‘फादर्स डे’ के मूल में पश्चिमी वर्जीनिया की एक दर्दनाक खान दुर्घटना मौजूद हो, लेकिन भारत में अपने माता-पिता और गुरु को सम्मान देने और उन्हें भगवान समान समझने के संस्कार एवं नैतिक दायित्व चिरकाल से चलते आ रहे हैं। भारतीय संस्कृति में ‘पितृ-दिवस’ के मायने ही अलग हैं। यहां इस दिवस का मुख्य उद्देश्य अपने पिता द्वारा उनके पालन-पोषण के दौरान किए गए असीम त्याग और उठाए गए अनंत कष्टों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करना अथवा स्वर्गीय पिताश्री की स्मृतियों को संजोना है ताकि हम एक श्रेष्ठ एवं आदर्श संतान के नैतिक दायित्वों का भलीभांति पालन कर सकें। इस तरह के सुसंकार भारतीय संस्कृति में कूट-कूटकर भरे हुए हैं। हर रोज 'मातृ-पितृ चरण कमलेभ्यो नमः' का उद्घोष करने वाला 'भारत' वर्ष में 17 दिन पितृपक्ष माता-पिता को समर्पित करने वाले कथित पढ़े-लिखे भारतीयों में नकल करने की आदत बन चुकी है, जिन संकिर्णता भरी अभारतीय संस्कृतियों की उदासीनता तो देखिए जिन्होंने वर्ष का मात्र 2 दिन दिन ही माता-पिता के लिए समर्पित किया एक दिन 'मदर्स डे' और दूसरा 'फादर्स डे' अर्थात् 'पितृ दिवस' के रुप में दिया, उनका हमारे भारतीय समाज के लोग बड़ी तेजी से अनुसरण कर रहे हैं, जो ना केवल हास्यास्पद है बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ियों को पाश्चात्य संस्कृति के दल-दल में ढकेलने का कुत्सित प्रयास है!
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