देश के दूसरे सर्वाधिक लोकप्रिय मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह
राष्ट्रीय स्तर पर कराए गए एक व्यापक जनमत सर्वेक्षण के अनुसार विगत चार वर्षों में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की लोकप्रियता का ग्राफ लगातार बढ़ता गया है और यह वर्ष 2006 के 69 प्रतिशत की तुलना में इस वर्ष 2011 में बढ़कर 86 प्रतिशत हो गया है। डॉ. रमन सिंह ने इसका श्रेय प्रदेश की मेहनतकश जनता को दिया है और कहा है कि जनता के सहयोग से ही उन्हें जनता की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी और राज्य की तरक्की और खुशहाली के लिए काम करने की ताकत मिलती है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्षो में प्रदेशवासियों के सहयोग से राज्य को विकास की दिशा में तेजी से आगे ले जाने के लिए और भी अधिक बेहतर करने का प्रयास करेंगे। उल्लेखनीय है कि इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार डॉ. रमन सिंह इस समय देश के दूसरे सर्वाधिक लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं। सर्वेक्षण में देश की 19 राज्य सरकारों के काम-काज के प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को जनता की 86 प्रतिशत संतुष्टि के साथ दूसरे नम्बर पर रखा गया है। यह राष्ट्रीय सर्वेक्षण सेन्टर फॉर द स्टडी ऑफ डेव्लपिंग सोसायटिज (सी.एस.डी.एस.) द्वारा राष्ट्रीय टेलीविजन समाचार चैनल सी.एन.एन.-आई.बी.एन. और सी.एन.बी.सी.-टी.व्ही. 18 के सहयोग से किया गया। अंग्रेजी दैनिक 'द हिन्दु' के नई दिल्ली संस्करण में आज प्रकाशित इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार यह सर्वेक्षण बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, गुजरात, ओडि़शा, केरल, तमिलनाडु, असम, उत्तराखंड, राजस्थान, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, दिल्ली और आंध्रप्रदेश के एक हजार 300 चयनित इलाकों में किया गया। सर्वेक्षण में लोगों से इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के पिछले कुछ वर्षों के कार्यों का मूल्याकंन करने और उसके आधार पर संतुष्टि अथवा असंतुष्टि का इजहार करने के लिए कहा गया था। इस पर जहां छत्तीसगढ़ में 86 प्रतिशत लोगों ने डॉ. रमन सिंह के काम-काज पर अपनी संतुष्टि प्रकट की, संतुष्टि का यह प्रतिशत बिहार में 93, पश्चिम बंगाल में 81, मध्यप्रदेश में 78, गुजरात में 76, उड़ीसा में 72, केरल में 67, तमिलनाडु में भी 67, असम में 62, उत्तराखंड में 60, राजस्थान में 58, झारखंड में 58, पंजाब में 54, हरियाणा में 52, कर्नाटक में 51, महाराष्ट्र में भी 51, उत्तरप्रदेश में 50, दिल्ली में 48 और आंध्रप्रदेश में 34 प्रतिशत पाया गया। इसी कड़ी में सर्वेक्षण में मुख्यमंत्रियों की लोकप्रियता के ग्राफ का मूल्याकंन किया गया। इसके अनुसार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की लोकप्रियता का ग्राफ वर्ष 2006 में जहां 69 प्रतिशत था, वहीं यह इस वर्ष 2011 में बढ़कर 86 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सरकारी काम-काज में जनभागीदारी को बढ़ावा देने की दृष्टि से आम जनता से सीधे जुड़कर हाल के वर्षों में कई ऐसे कार्य शुरू किए हैं, जिनसे उनकी लोकप्रियता में भी लगातार इजाफा हो रहा है। विगत छह वर्षों से प्रदेश के लगभग बीस हजार गांवों में हर साल गर्मियों में ग्राम सुराज अभियान चलाकर राजधानी से लेकर विकासखंड और ग्राम स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी जनता के बीच भेजा रहा है, जो ग्रामीणों की समस्याओं को यथा संभव तुरन्त हल करने का प्रयास करते हैं। मुख्यमंत्री इस अभियान में स्वयं किसी भी गांव में जनता के बीच अचानक पहुंचते हैं। छत्तीसगढ़ में इस अवधि में गांव, गरीब और किसानों के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों की बेहतरी के लिए कई ऐसी योजनाएं शुरू की गयी हैं, जिनसे उनकी लोकप्रियता में लगातार वृध्दि हो रही है। खेती किसानी, सिंचाई, बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि आम जनता की जुड़ी सभी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह की सरकार ने कई सार्थक कदम उठाए हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना भी इनमें से एक है। इस योजना के तहत प्रदेश के 32 लाख से अधिक गरीब परिवारों को हर महीने मात्र एक रूपए और दो रूपए किलो में 35 किलो चावल और दो किलो अमृत नमक (आयोडिन नमक) नि:शुल्क दिया जा रहा है। इसके अलावा एक हजार 333 प्राथमिक सहकारी समितियों में हर साल किसानों से उनका धान समर्थन मूल्य पर खरीद कर नियमित भुगतान किया जा रहा है। पिछले साल खरीफ में 51 लाख मीटरिक टन धान खरीद कर उन्हें पांच हजार करोड़ रूपए ज्यादा राशि का भुगतान किया गया है। कृषक समृध्दि योजना के तहत किसानों को पांच हार्स पावर तक सिंचाई पम्पों के लिए सालाना छह हजार यूनिट बिजली नि:शुल्क दी जा रही है। उन्हें खेती के लिए मात्र तीन प्रतिशत ब्याज पर ऋण सुविधा भी दी जा रही है। सरस्वती सायकल प्रदाय योजना के तहत हाईस्कूल स्तर पर अनुसूचित जातियों और जनजातियों की बालिकाओं की तथा गरीबी रेखा श्रेणी की बालिकाओं को नि:शुल्क सायकलों का वितरण किया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी छत्तीसगढ़ ने कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जिनमें पंचायतराज संस्थाओं में महिला आरक्षण का प्रतिशत 33 से बढ़कार 50 किया गया है। महिलाओं को आर्थिक दृष्टि से ताकतवर बनाने के लिए प्रदेश में 76 हजार से अधिक महिला स्व-सहायता समूहों का गठन कर उनमें आठ लाख से अधिक महिलाओं को सदस्य बनाया गया है, जिन्हें छत्तीसगढ़ महिला कोष से विभिन्न व्यवसायों के लिए मात्र साढ़े छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर ऋण सुविधा भी दी जा रही है। गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना शुरू की गयी है। इसमें प्रत्येक परिवार को दस हजार रूपए तक सहायता मिल रही है।
राष्ट्रीय स्तर पर कराए गए एक व्यापक जनमत सर्वेक्षण के अनुसार विगत चार वर्षों में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की लोकप्रियता का ग्राफ लगातार बढ़ता गया है और यह वर्ष 2006 के 69 प्रतिशत की तुलना में इस वर्ष 2011 में बढ़कर 86 प्रतिशत हो गया है। डॉ. रमन सिंह ने इसका श्रेय प्रदेश की मेहनतकश जनता को दिया है और कहा है कि जनता के सहयोग से ही उन्हें जनता की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी और राज्य की तरक्की और खुशहाली के लिए काम करने की ताकत मिलती है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्षो में प्रदेशवासियों के सहयोग से राज्य को विकास की दिशा में तेजी से आगे ले जाने के लिए और भी अधिक बेहतर करने का प्रयास करेंगे। उल्लेखनीय है कि इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार डॉ. रमन सिंह इस समय देश के दूसरे सर्वाधिक लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं। सर्वेक्षण में देश की 19 राज्य सरकारों के काम-काज के प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को जनता की 86 प्रतिशत संतुष्टि के साथ दूसरे नम्बर पर रखा गया है। यह राष्ट्रीय सर्वेक्षण सेन्टर फॉर द स्टडी ऑफ डेव्लपिंग सोसायटिज (सी.एस.डी.एस.) द्वारा राष्ट्रीय टेलीविजन समाचार चैनल सी.एन.एन.-आई.बी.एन. और सी.एन.बी.सी.-टी.व्ही. 18 के सहयोग से किया गया। अंग्रेजी दैनिक 'द हिन्दु' के नई दिल्ली संस्करण में आज प्रकाशित इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार यह सर्वेक्षण बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, गुजरात, ओडि़शा, केरल, तमिलनाडु, असम, उत्तराखंड, राजस्थान, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, दिल्ली और आंध्रप्रदेश के एक हजार 300 चयनित इलाकों में किया गया। सर्वेक्षण में लोगों से इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के पिछले कुछ वर्षों के कार्यों का मूल्याकंन करने और उसके आधार पर संतुष्टि अथवा असंतुष्टि का इजहार करने के लिए कहा गया था। इस पर जहां छत्तीसगढ़ में 86 प्रतिशत लोगों ने डॉ. रमन सिंह के काम-काज पर अपनी संतुष्टि प्रकट की, संतुष्टि का यह प्रतिशत बिहार में 93, पश्चिम बंगाल में 81, मध्यप्रदेश में 78, गुजरात में 76, उड़ीसा में 72, केरल में 67, तमिलनाडु में भी 67, असम में 62, उत्तराखंड में 60, राजस्थान में 58, झारखंड में 58, पंजाब में 54, हरियाणा में 52, कर्नाटक में 51, महाराष्ट्र में भी 51, उत्तरप्रदेश में 50, दिल्ली में 48 और आंध्रप्रदेश में 34 प्रतिशत पाया गया। इसी कड़ी में सर्वेक्षण में मुख्यमंत्रियों की लोकप्रियता के ग्राफ का मूल्याकंन किया गया। इसके अनुसार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की लोकप्रियता का ग्राफ वर्ष 2006 में जहां 69 प्रतिशत था, वहीं यह इस वर्ष 2011 में बढ़कर 86 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सरकारी काम-काज में जनभागीदारी को बढ़ावा देने की दृष्टि से आम जनता से सीधे जुड़कर हाल के वर्षों में कई ऐसे कार्य शुरू किए हैं, जिनसे उनकी लोकप्रियता में भी लगातार इजाफा हो रहा है। विगत छह वर्षों से प्रदेश के लगभग बीस हजार गांवों में हर साल गर्मियों में ग्राम सुराज अभियान चलाकर राजधानी से लेकर विकासखंड और ग्राम स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी जनता के बीच भेजा रहा है, जो ग्रामीणों की समस्याओं को यथा संभव तुरन्त हल करने का प्रयास करते हैं। मुख्यमंत्री इस अभियान में स्वयं किसी भी गांव में जनता के बीच अचानक पहुंचते हैं। छत्तीसगढ़ में इस अवधि में गांव, गरीब और किसानों के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों की बेहतरी के लिए कई ऐसी योजनाएं शुरू की गयी हैं, जिनसे उनकी लोकप्रियता में लगातार वृध्दि हो रही है। खेती किसानी, सिंचाई, बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि आम जनता की जुड़ी सभी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह की सरकार ने कई सार्थक कदम उठाए हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना भी इनमें से एक है। इस योजना के तहत प्रदेश के 32 लाख से अधिक गरीब परिवारों को हर महीने मात्र एक रूपए और दो रूपए किलो में 35 किलो चावल और दो किलो अमृत नमक (आयोडिन नमक) नि:शुल्क दिया जा रहा है। इसके अलावा एक हजार 333 प्राथमिक सहकारी समितियों में हर साल किसानों से उनका धान समर्थन मूल्य पर खरीद कर नियमित भुगतान किया जा रहा है। पिछले साल खरीफ में 51 लाख मीटरिक टन धान खरीद कर उन्हें पांच हजार करोड़ रूपए ज्यादा राशि का भुगतान किया गया है। कृषक समृध्दि योजना के तहत किसानों को पांच हार्स पावर तक सिंचाई पम्पों के लिए सालाना छह हजार यूनिट बिजली नि:शुल्क दी जा रही है। उन्हें खेती के लिए मात्र तीन प्रतिशत ब्याज पर ऋण सुविधा भी दी जा रही है। सरस्वती सायकल प्रदाय योजना के तहत हाईस्कूल स्तर पर अनुसूचित जातियों और जनजातियों की बालिकाओं की तथा गरीबी रेखा श्रेणी की बालिकाओं को नि:शुल्क सायकलों का वितरण किया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी छत्तीसगढ़ ने कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जिनमें पंचायतराज संस्थाओं में महिला आरक्षण का प्रतिशत 33 से बढ़कार 50 किया गया है। महिलाओं को आर्थिक दृष्टि से ताकतवर बनाने के लिए प्रदेश में 76 हजार से अधिक महिला स्व-सहायता समूहों का गठन कर उनमें आठ लाख से अधिक महिलाओं को सदस्य बनाया गया है, जिन्हें छत्तीसगढ़ महिला कोष से विभिन्न व्यवसायों के लिए मात्र साढ़े छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर ऋण सुविधा भी दी जा रही है। गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना शुरू की गयी है। इसमें प्रत्येक परिवार को दस हजार रूपए तक सहायता मिल रही है।
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