अन्ना : पहले दिग्गी और अब मनीष तिवारी का पागलपन कान्ग्रेस को निगल जायेगा
थीक ही कहा है-
प्रायः समापन्न विपत्ति काले धियः अपि पुंसाम् मलिनी भवन्ति..
अर्थात लगातार कांग्रेस एक के बाद एक संकटों से गुजर रही है वहीं अब कांग्रेस के प्रवक्ता भीअपनी बुद्धी को ऐसा भ्रष्ट कर लिए हैं कि दूसरे गांधी के रूप में माने जाने वाले अन्ना साहब को मनीष तिवारी जिस शब्द का प्रयोग किया है वह मैं दोहराना नहीं चाहता लेकिन यह बात कोई रो़ड छाप भी नही कर सकता।भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे अबतक तो सिर्फ अनशन की जगह के लिये लड़ रहे थे मगर अब यह जंग मान और मर्यादा की हो गई है। ऐसा नहीं कि मान और मर्याछा आगामी 16 अगस्त को अनशन की जगह को लेकर दांव पर लग गई है बल्कि मामला अब अन्ना के दामन पर उछाले गये कीचड़ का है। इसे अन्ना की अनशन से कांग्रेस का तिलमिलाना कहेंगे या फिर कुछ मगर कांग्रेस ने अन्ना पर संगीन आरोप लगाते हुए गंभीर पलटवार किया है।
कांग्रेस ने पीएम पर अन्ना की टिप्पणी को लेकर नाराजगी जताते हुए उन्हें शिष्टाचार सीखने की नसीहत दे डाली है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रेस कांफ्रेस के जरिये अन्ना हजारे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपी की पोल खोलने का दावा किया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अन्ना के टीम के सारे लोगों पर फिरौती, ब्लैकमेलिंग, जबरन वसूली और दूसरों की संपत्ति पर कब्जा करने का आरोप है। मनीष तिवारी ने अपने कांफ्रेस में अन्ना की हर टिप्पणी का जबाब दिया।
अन्ना द्वारा मनमोहन सिंह पर किये गये टिप्पणी किस मुंह से झंडा फहराएंगे मनमोहन का जबाब देते हुए कहा कि अन्ना हजारे शिष्टता की सारी हदें पार कर चुके हैं। उन्होंने न सिर्फ मनमोहन सिंह का अपमान किया है बल्कि तिरंगे का भी अपमान किया है जिसे लहराने के लिये लाखों लोगों ने अपनी जान की बलि दे दी। मनीष तिवारी के कड़े तेवर अपनाते हुए कहा कि 'अन्ना तुम किस मुंह से भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन की बात करते हो, उपर से नीचे तक तो तुम खुद ही भ्रष्टाचार में लिप्त हो।'
इसके बाद मनीष तिवारी ने अपनी बातों को मजबूती के साथ पेश करते हुए कहा कि ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि उच्चतम न्यायालय के जस्टिस सावंत की अगुवाई में बना जांच आयोग कहता है। उन्होंने कहा, ‘अगर आप नैतिकता की दुहाई देते हैं तो पहले सावंत आयोग के इल्जामों का जवाब दें।’ इस तरह की रिपोर्ट का अभी खुलासा करने की वजह पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जब आप सभी मर्यादाओं की सीमा लांघ जाएं, सरकार ही नहीं संसद को भी अपमानित करें तो आपको आईने में अपना चेहरा दिखाना जरूरी है।
मनीष तिवारी ने अपने कांफ्रेस में जरिये अन्ना हजारे की टीम की तुलना अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम की 'डी कंपनी' से करते हुए कहा कि अन्ना 'ए कंपनी' चला रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अन्ना हजारे के खिलाफ बहुत संगीन आरोप जस्टिस सावंत ने लगाए हैं तो उस बारे में उनका क्या कहना हैं? ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि आखिर कांग्रेस अन्ना के बारे में देशवासियों को क्यों गुमराह कर रही है? अगर शिष्टता की सिमाएं लांघने की बात है तो मनीष तिवारी को क्या यह याद नहीं आया कि अन्ना उनसे उम्र में 28 साल बड़े है और वह उनसे तु-तड़ाका करके बात कर रहे हैं? आपका इस संबंध में क्या राय है हमें जरुर बतायें। नीचे दिये गये कमेंट बाक्स में अपनी राय दर्ज करें हमें इंतजार रहेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें