ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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शनिवार, 26 अगस्त 2017

राहु ने किया राशि परिवर्तन, क्या होगा आपकी राशि पर प्रभाव....?

राहु ने किया राशि परिवर्तन, क्या होगा आपकी राशि पर प्रभाव....?

राहु के कर्क राशि में १७ अगस्त २०१७ से प्रवेश करेंगे! यह राहु का कर्क राशि में संचरण का २०१७ - २०१८ में संभावित प्रभाव और परिणाम कुछ विशेष होंगे क्योंकि देवगुरु वृहस्पति भी सितम्बर से तुला राशि में प्रवेश करेंगे। वहीं न्यायाधीश शनि धनु राशि में पहले से ही संचार कर रहे हैं ! राहु के राशि परिवर्तन का आपके ऊपर क्या होगा प्रभाव आईये उसे समझने का प्रयास करें !   

सर्वप्रथम तो आप बिल्कुल आप अपने मन से निगेटीव्ह यानी नकारात्मक सोच को निकाल दें, और राहु के नाम से बिल्कुल भयाक्रांत होने की आवश्यकता नहीं है !

ऐसा मैं इसलिये कह रहा हुं, क्योकि हमारे पास कल  गुजरात के बड़ौदा से एक सज्जन का फोन आया, उन्होंने कहा 'आप आचार्य पण्डित विनोद चौबे जी (भिलाई) ही बोल रहे हैं ना.? मैंने कहा हां भाई मैं ही बोल रहा हुं..! बताईये आप क्या जानना चाहते हैं? वे बोले - मुझे एक ज्योतिष जी ने बताया है कि राहु राशि परिवर्तन करने जा रहा है , तुम्हारा व्यापार बंद हो जायेगा... मैं डर गया... फिर मैंने आपका गुगल से नं. लेकर फोन किया... मैंने उनसे कहा.. बिल्कुल ऐसा नहीं होने वाला !

मित्रों,

  कुछ महत्वपूर्ण भ्रांतियों पर प्रकाश डालना जरूरी है ताकि मात्र "राहु" के नाम से बहुतों के द्वारा जो अंधविश्वास फैलाया गया है उससे भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है !

ऐसा नहीं है कि राहु हमेशा एक बुरा ग्रह है पर "असुर कुल" के होने के कारण उसका आचरण "देव तुल्य" नहीं होता है ! पर महादेव के आशीष से जैसे "शुक्राचार्य (जो असुरों के गुरु हैं)" को नवग्रहों में स्थान मिला , वैसे ही "राहु" भी एक ग्रह है बस इसका कोई भौतिक आकार नहीं होने की वजह से यह एक "छाया ग्रह" है ! 

और यह जिस स्थान पर होता है , या फिर जिस ग्रह या राशि के साथ होता है - उनके परस्पर सम्बन्ध के अनुसार ही फल भी देता है - जो मित्रवत या शत्रुवत हो सकता है (चूँकि राहु का शीश विष्णु ने "अमृतमंथन" के समय काट दिया था और शरीर दो भागों बँटा - दूसरा हिस्सा "केतु" हुआ यह भी एक "असुर- प्रवृति" का छाया ग्रह है , परिवर्तन के साथ ही "केतु" कुम्भ राशि से मकर" में प्रवेश करेगा -

अब समझने का प्रयास करते हैं की - राहु के कर्क राशि में होने का प्रभाव क्यों - कैसा और क्या होगा ! 

कर्क राशि का स्वामी चन्द्र है - जो "मन का कारक" है ! चन्द्रमा और राहु का संबंध अच्छा नहीं है या यूँ कहें की "राहु - चन्द्रमा का चिरस्थायी शत्रु" है और वैदिक शास्त्रों / ग्रंथों के अनुसार चन्द्रमा राहु से हमेशा ही भयभीत रहता है ! ऐसा अनुभव में आया है की राहू का चन्द्रमा की युति या राहु का चंद्र की राशि में संचार मनोवैज्ञानिक विकार - कुत्सित विचारों को जन्म देता है और अगर राहु कुंडली में अच्छा नहीं है या फिर चन्द्रमा कमजोर या दूषित है तो और कई बार यह एक चरित्र हनन भी करता है क्योंकि मेरा व्यक्तिगत अनुभव है, की यदि शनि - या - मंगल - या फिर गुरु के साथ भी किसी कुंडली में मित्रवत नहीं है तो परिणाम गंभीर होते हैं!

इसलिए राहु का कर्क राशि पर संचार कुछ राशियों के लिए बहुत ही घातक हो सकता है, परन्तु उसके वैदिक पद्धति में सरल से सरल उपाय भी है! (स्थान अनूपलब्धता की वजह से यहां उपाय के बारे में पूर्ण रुप से नहीं बता पा रहा हुं, सटीक व लाभदायी उपाय के लिये आप सीधे हमसे संपर्क कर सकते हैं मोबाईल नं 9827198828 पर )

भारत के लिये १७ अगस्त २०१७ से मार्च २०१९ के मध्य तक बहुत ही परिवर्तनीय कार्य प्रणाली व लोगों में जीने की जीवन शैली में बेहद परिवर्तन देखने को मिलेगा !

एक तो असुर प्रवृति - उसपर से छाया ग्रह - और राहु "शीर्ष भाग प्रधान" होने की वजह से - इसका जातक के - किसी भी देश के शीर्ष नेता - घर के मुखिया - किसी महकमे के प्रधान - प्रभावशाली नेता या अधिकारियों के "मन मस्तिष्क" पर बहुत ही अधिक प्रभाव डालता है ! यह "कली" का अभिशाप भी है !

हाँ यह भी आवश्यक है यह समझना की राहु का कर्क राशि का संचार २० अगस्त २०१७ से ७ मार्च २०१९ तक कैसा रहेगा और इसके उभय-निष्ठ क्या प्रभाव होंगे ! 

वैदिक ज्योतिष ग्रंथों / शास्त्रों के अनुसार 'त्रिषट् एकादशे राहु सर्वारिष्ट प्रशांतये' अर्थात् राहु का कुंडली में ३रे , ६ठे , ११ वें स्थान में होना अच्छा माना जाता है। 

राहु इस पूरे महीने में "सूर्य, बुध, शनि और शुक्र के नक्षत्रों से संचार करेगा जो एक निश्चित रूप से कुछ जातकों / देशों के लिए बहुत ही गंभीर घटनाओं का कारक होगा ! 

२०१७-२०१८ के दौरान - राहु के राशि परिवर्तन से - और विभिन्न नक्षत्रों के संचार और मंगल और गुरु के राशि परिवर्तन / युति और परस्पर दृष्टि के आंकलन के अनुसार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत अलग - अलग परिणामों की संभावना है : 

जैसे नीचे 

१) अलग अलग देशों में गंभीर जनाक्रोश देखने में आएँगी 

२) मीडिया - रंगमंच - साहित्य और सिनेमा से जुड़े बहुप्रतिष्ठित जातक का निधन या आक्समिक दुर्घटना 

३) राहु का मन पर दुष्प्रभाव के कारण राजनीति - सरकारी महकमे में , अहंकार , भ्रष्टाचार और अनाचार बढ़ेगा 

४) बहुत से बाहुबली राजनीतिज्ञ / सरकारी उच्च - अधिकारी / समपन्न व्यसायी भ्रष्टाचार उजागर होने की वजह से दण्डित किये जाएंगे 

५) राजनीति से जुडी किसी कद्दावर महिला नेता सुर्ख़ियों में रहेंगी ( सत्ता परिवर्तन/ निधन- दोनों ही संभावित हैं ) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत से देशों के पड़ोसियों और दूर देशों के साथ गंभीर युद्ध की स्थिति होगी और यदा - कदा - कुछ देश अपने बल प्रयोग के गुरिल्ला युद्ध भी सुर्ख़ियों में रह सकते हैं!

६) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकी घटनाएं बढ़ेंगी , हत्याओं / नरसंहार का एक नया आयाम देखने में आ सकता है !

७) इसी राहु के कर्क में संचार और शनि के धनु में होने के कारण - बहुत सी राजनैतिक संघ इतिहास बन के रह जाएंगे 

८) प्राकृतिक आपदाओं का भी बहुत अधिक प्रादुर्भाव होगा जैसे - भूकंप - अत्याधिक बर्फ़बारी, प्रचंड तूफ़ान और चक्रवात, - भयानक बाढ़ - इमारतों और पुलों का ध्वस्त होना - आगजनी - रेल-वायु दुर्घटनाएं - घात युद्ध - विस्फोट की घटनाएं हो सकती हैं ! 

अब बारी है आपकी राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव जानने का ! तो आईये समझने का प्रयास करते हैं...

मेषादि राशियों के शुभाशुभ व सटीक गणना के लिए जातक की अपनी जन्मकुंडली का विश्लेषण कराना आवश्यक है क्योंकि सही परिणाम - राहु के कुंडली की स्थिति - दूसरे ग्रहों के सम्बन्ध और अन्य ग्रहों की दृष्टि और वर्तमान ग्रह की महादशा और अंतर्दशा पर निर्भर करता है ! 

मेष राशि : 

मेष के लिए, राहु का संचार राशि से चौथे स्थान पर होगा ! चौथा स्थान से - जातक के घर - पारिवारिक जीवन , माता - श्वास - फेफड़े से संबंधित पहलुओं का विचार किया जाता है ! सामन्यतः मेष राशि के जातकों को फेफड़े, श्वास आदि की समस्याएं हो सकती हैं ! दमे के रोगियों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है !

१)  जो जातक फैक्ट्री में ऐसा काम करते हैं - जहां आग का प्रयोग ज्यादा हो - उन्हें आग से सम्बंधित कामों को बहुत ही सावधानी से करना होगा ।

२) बहुत से मेष जातक - अपना घर भी बदल सकते हैं ! प्रतियोगी परीक्षा में हो सकता है बहुत अच्छे फल ना मिलें ! जो जातक वृद्ध हैं या जिन जातकों की माता वृद्ध हैं उनके स्वास्थ्य की बहुत ही उचित देखभाल करने की आवश्यकता है

३)  पति - पत्नी में मतभेद और मनभेद की प्रबल संभावना है

४)  व्यापार में संलग्न जातक अपनी अचल संपत्ति की खरीद या बिक्री में बहुत ही सावधान रहें - नहीं तो धोखा भी हो सकता है

५)  नौकरी में भी परिवर्तन की संभावना है

६)  इस राहु के गोचर काल में मेष जातक ७)  विदेश भी जा सकते हैं - जो लाभदायी हो सकता है

८) महिलाओं के लिए - इस राहु की दृष्टि - दसवें भाव पर होगी - जिससे - उनके पति के पिता या उनके दादा का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है

वृष राशि :

 कर्क के राहु का गोचर तीसरे स्थान पर होगा ! तीसरा स्थान - कार्य क्षेत्र - मान - प्राधिकार - अधिकार - अनुज - अपनी उम्र से छोटे रिश्ते - शौर्य - का कारक होता है ! यह भी ध्यान देने की बात है की - कोई भी ग्रह अगर तीसरे स्थान पर हो तो उसकी पूर्ण दृष्टि जातक के भाग्य स्थान पर भी होती है !

१)  जिन जातकों का कुंडली में राहु अगर अच्छा है या फिर अन्य ग्रहों की दृष्टि से दूषित नहीं है - वो अपने कार्य क्षेत्र में बहुत प्रगति करेंगे 

२)  पर छोटे भाइयों / बहनों से या अपने से छोटे रिश्तेदारों के साथ वाद - विवाद या फिर गंभीर समस्या हो सकती है 

३)  चौथे स्थान से बारहवें होने के कारण - माता-पिता से भी गंभीर मतभेद हो सकता है

४)  हड्डियों की समस्याएँ हो सकती हैं या फिर कन्धों में चोट की संभावना है

५)  सट्टे या जुए की तरफ झुकाव भी हो सकता है

६)  जिन जातकों की अपनी माता से अच्छे संबंध हों या फिर उनका आशीष हो तो - वृष के जातक किसी भी प्रयास में बहुत ही सफल होंगे

मिथुन राशि : 

आप के लिए गोचर का राहु "दूसरे" स्थान पर होगा ! दूसरा स्थान - ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार - धन का, वाणी का, मुँह, दांत और आँख का कारक होता है ! ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के लिए दूसरा स्थान एक कष्टकारी स्थान माना जाता है 

१) राहु का प्रभाव दूसरे स्थान में एक लम्बे समय तक रहता है , आय प्रभावित होगा और व्यर्थ के खर्चों के कारण धन की कमी भी अनुभव में आएगा ! बहुत से बेकार चीज़ों की खरीदी भी होगा जिसकी कोई उपयोगिता नहीं होगी ! 

२) जब राहु शनि के नक्षत्र में संचार करेगा तो वो जातक जो आँखों दांतों की समस्या से गुजर रहे हों उनको शल्यचिकित्सा (सर्जरी) करानी पड़ सकती है । 

३)  विवाहित जीवन की भी परेशानी होगी और साझीदारों के कारण धन का नुक्सान हो सकता है ! 

४)  दूसरे स्थान का राहु - वाणी को भी दूषित करता है और वाणी को कटु बनायेगा और इस कारण मित्रों / अधिकारियों और परिवार के सदस्यों से सम्बन्ध बिगड़ सकते हैं !

५)  लेकिन इसी गोचर के दौरान - वृष के जातक अपनी किसी पुरानी पड़ी अचल सम्पति को बेच कर कुछ धन भी कमा सकते हैं !

कर्क राशि:

 १७ अगस्त २०१७ क कर्क राशि पर ही संचार करेगा - और कर्क राशि के जातक बहुत ही प्रभावित होंगे !

हमने पहले ही यह बताने का प्रयास किया की राहु चन्द्रमा का अति शत्रु है और चन्द्रमा राहु से हमेशा भयभीत रहता है 

१.  राहु का संचार बहुत ही नकारात्मक भावनाओं की वृद्धि करेगा और मन को शंकाओं से भर देगा ! बहुत से जातक जिनकी कुंडली में अगर शनि / गुरु / मंगल अच्छे नहीं होंगे - उनको हर बात पर शंकित और - हर लोग पर संदेह की मानसिकता से ग्रसित कर सकता है 

२)  एक अज्ञात भय हर समय सताता रहेगा ! जातक को भविष्य की योजनाओं के सपने दिखायेगा और दम्भी भी बना देगा कर्क का राहु - जातक के मन को अशांत रखेगा और हमेशा ही किसी अनहोनी के भय से ग्रसित रखेगा ! 

३)  मन एक प्रकार से अनिष्ट की चिंता में रहेगा और नींद की कमी होगी 

४)  मन पर प्रभाव के कारण - जातक बड़े बोल का शिकार होगा - आत्म-प्रंशंसा की वजह से-उपहास का पात्र भी बन सकता है ! अनुचित संबंधों के कारण बहुत अपयश भी हो सकता है - पति-पत्नी के संबंध बिगड़ सकते हैं ! शनि के नक्षत्र के संचार के समय - तलाक तक की भी प्रबल संभावना है 

५)  असुर स्वभाव का होने के कारण - जातक को बहुत ही ईर्ष्यालु बना देगा और - दूसरों की प्रगति से ईर्ष्या करना - उनके पीठ के पीछे अपशब्द कहना जैसी प्रवृत्ति का प्रादुर्भाव होगा कुछ अनैतिक संबंध के कारण असाध्य रोग भी हो सकता है ! जातक के मातृ कुल के पुरुष ( मामा ) की भी मानहानि और प्रतिष्ठा पर आंच आने जैसी स्तिथि हो सकती है 

सिंह राशि : 

आपके लिए गोचर का राहु "बारहवें " स्थान पर होगा ! ज्योतिष शास्त्र के अनुसार - राहु के लिए बारहवां स्थान अशुभ और हानिकारक माना गया है !

सिंह राशि के जातकों के लिए - राहु का संचार कर्क राशि के जातकों से कम कष्टकारी नहीं होगा

१) नींद की कमी के कारण - जातक बहुत ही अशक्त महसूस करेंगे और आंखों - राहु के प्रभाव से आँखों के ईद गिर्द कालापन छाया रहेगा ! मानसिक तनाव भी बढ़ा रहेगा 

२)  कार्य स्थल में भी कुछ भूल जाने की स्थिति हो सकती है - जिसके कारण - अधिकारियों से बहस भी हो सकती है और सहनशीलता में बहुत कमी देखने को आएँगी 

३)  स्वास्थ्य नाजुक रहेगा अचानक कोशिकाओं से संबंधित (नसों) आँखों, दांत दर्द, आंतों (कोलाइटिस - पेप्टिक अलसर) रोग परेशान कर सकते हैं 

४)  राहु के बृहस्पति, शनि और बुध के नक्षत्र में संचार के समय - व्यर्थ यात्राएं भी होंगी - हो सकता है - कोई अनअपेक्षित स्थांनांतर भी हो 

५) कुछ जातकों को - जिनका राहु जातक कुंडली में अच्छा ना हो वो अपने किसी अवैध संबंधों के कारण समाज - घर में सार्वजानिक रूप से बहुत ही अपमानित होंगे । 

६) राहु चूंकि असुर कुल का है - वो किसी अशुभ - मकान - जमीन - खरीदने के लिए प्रेरित कर सकता है ( मेरा सुझाव है - की किसी भी तरह की अचल सम्पति खरीदने से पहले - किसी जानकार ज्योतिर्विद से अपनी कुंडली का विश्लेषण जरूर करा लें ) 

७)  विवाहित जीवन में जटिलता आएगी और हो सकता है की समबन्ध विच्छेद हो जाए या किसी कारणवश पति या पत्नी को कुछ समय के लिए अलग-अलग भी रहना पद सकता है 

८)  किसी पर भी आँख मूँद कर यकीन करना - हानिकारक हो सकता है 

९)  क्षद्म तांत्रिकों - साधुओं से सावधान रहने की आवश्यकता है , वो जातक के कमजोर समय का लाभ उठा सकते हैं , वैदिक सिद्धांत पर आधारित बातों सो ही मानना चाहिये (कठिन परिस्थिति - जातकों को कभी कभी परेशानीवश - इस राह में प्रेरित कर सकता है ) - 

१०)  जातकों को "शीघ्र लाभ" की आशा में जुए और सट्टे से दूर रहना अच्छा होगा !

कन्या राशि :

आपकी राशि के लिए गोचर का राहु "छठे " स्थान पर होगा " ज्योतिष शास्त्रों के के अनुसार - छठा स्थान अशुभ और हानिकारक माना गया है ! पर राहु जैसे पाप ग्रह का छठे स्थान में होना जातक के लिए शुभ फल देगा राहु का संचार कर्क राशि के जातकों के लिए कष्टकारी नहीं होगा

१) राहु का यह गोचर कन्या राशि के जातकों के लिए एक राहतकारी होगा और अचानक सफलता मिलेगी;

२) जो जातक प्रेम-प्रसंग में होंगे - उनका विवाह भी हो सकते है 

३)  विदेश में नौकरी / या उच्च शिक्षा के अवसर भी आएंगे 

४) नौकरी में तरक्की या फिर नयी प्रभाशाली नौकरी मिलने की संभावना है 

५)  नया भवन - वाहन और आभूषण खरीदने की प्रबल संभावना है 

६)  राहु की सप्तम दृष्टि के कारण - जातक के पिता कष्ट हो सकता है - माता का स्वास्थ्य खराब हो सकता है - या फिर पत्नी के माता को भी आँख - दांत या गले से सम्बंधित परेशानी आ सकती है !

अब बारी है तुला से मीन राशि के जातकों के लिए- लेकिन अगली पोस्ट में पढें....

-ज्योतिषाचार्य पण्डित विनोद चौबे,

संपादक- 'ज्योतिष का सूर्य' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, शांतिनगर, भिलाई, मोबाईल नं 9827198828

(कृपया परामर्श सशुल्क है)

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