ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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रविवार, 13 अगस्त 2017

'अन्तर्नाद मंच के वार्षिक मिलन समारोह' में क्या है खास़ अवश्य पढ़ें....

'अन्तर्नाद मंच के वार्षिक मिलन समारोह' में क्या है खास़ अवश्य पढ़ें....आप अपनी गरिममयी उपस्थिति अवश्य सुनिश्चित करें...


क्या है बड़ी बातें इस समारोह की, जो आपको सहज ही आकर्षित करेगा...तो फिर देर किस बात की आईये ''जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी'' का उद्घोष करते हुए शुरु करें...





1. सर्वप्रथम तो हम सभी एक स्थान पर एकत्र होकर *राष्ट्र देवो भव:* पर अपने-अपने विचार रखेंगे ताकी हम *संघे शक्ति कलौ युगे* को चरितार्थ करते हुए...भारतीय संस्कृति को *उपोद्धातृ शक्ति* *हिन्दुत्व अखण्डता* को सुनिश्चित कर सकें !

2. छत्तीसगढ़ के जाने-माने वक्ता, लेखक, सनातनी-संस्कृति के पोषक, हिन्दुत्व जागृति के ध्वज-वाहक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (छत्तीसगढ़ प्रांत) के सह प्रांत प्रचार प्रमुख आदरणीय श्री *कनिरामजी* का विद्वतापूर्ण व अद्भुत वक्तव्य सुनने को मिलेगा, जिसका विषय है *सामाजिक चुनौतियां एवं हमारी भूमिका* इस विषय पर भारतीय सांस्कृतिक दृष्टिकोंण पर आधारित मन को छू लेने वाला उद्बोधन होगा। मित्रों जैसा की आपको ज्ञात है कि विश्व की हजारों संस्कृतियां सुपुर्दे-ए-$खाक हो गईं, विश्व की लगभग 5000 से अधिक संस्कृतियां जो बचीं हैं उनमें से सर्वोत्कृष्ट एवं अति प्राचीन और व्यापक सनातन-संस्कृति या यूं कहें हिन्दुत्व-विचारधारा जिसकी शुरुआत भूर्जपत्र (भोजपत्र) लेखन से व्हाट्सएप लेखन तक अपनी साकारात्मक छाप छोड़ी है जिससे सोशल-मीडिया के माध्यम से सूदूर बैठे उनके हाथों में अपनी दस्तक दी है जो लोग सपेरों का देश है भारत यह कहकर मशख़री करते थे, और निराधार व अलाभकारी तथा पत्थर-पूजक आदि आदि ना जाने क्या,क्या कहकर भारतीय संस्कृति को फूटी आंख भी नहीं देखना व सुनना पसंद करते थे। आज वही लोग के भारतीय-संस्कृति के अध्येता ऋषि-महर्षियों के बताये मार्ग पर चल पड़े हैं और देखते ही देखते स्वामी विवेकानंद जी के द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता की स्वीकारोक्ति कराये जाने के बाद, अब ऋषि शुश्रुत तथा ऋषि पतञ्जली के योग को सहर्ष स्वीकार किया है। और सोशल मीडिया जैसे यूट्यूब, व्हाट्सएप, फेसबुक सहित तमाम माध्यमों से वे लोग जुड़ रहे हैं, फॉलो कर रहे हैं। तो इस परिस्थिति में हमारी यानी हम भारतवासियों की क्या भूमिका हो सकती है ? और हम हिन्दुत्व विचारधारा से विश्व के लोगों को और कैसे जोड़ सकते हैं आदि विषय पर अन्तर्नाद मंच के वार्षिक मिलन समारोह में बेहतरीन वक्तव्य सुनने को मिलेगा।

3 -अष्ट सिद्धी, नव नीधियों पर अधिकार रखने वाले परम ज्ञानी श्रीगुरु यानी आध्यात्मिक पृष्ठभूमि को सशक्त बनाने वालेपरम सद्गुरु और अपने कुशल रणनीति से रावण को परास्त कर श्रीराम को विजयी बनाने वाले कुशल रणनीतिकार (आज उनकी आवश्यकता है चीन रुपी राक्षस का वध करने के लिये) सर्वशास्त्र ज्ञाता, सकल-गुण-निधान दक्षिणेश्वर अञ्जनीसूत हनुमानजी के प्रसन्नार्थ सुन्दरकाण्ड का संगीतमय पाठ होगा जो ब्राह्मणवटु श्रीमद्भागवत वाचक श्री कान्हाजी महाराज जो हमारे प्रिय शिष्य भी हैं उन्ही के नेतृत्व में सुन्दरकाण्ड का संगीतमय पाठ का पूण्य लाभ भी प्राप्त होगा।
तत्पश्चात् सहनाववतु सहनौभुनक्तु सहवीर्य कर्वाह्वै तेजस्विना अवधीतमस्तु मा विद्विषावहै...मंत्र का उच्चस्वर में उद्घोष करते हुए हम सभी एक साथ (वगैर किसी जाति-पांति के भेदभाव के), एक वक्त हम सभी सम्मानित सदस्य, यथेष्ट उपलब्ध महाप्रसाद यानी भोजन ग्रहण करते हुए भारतीय संस्कृति का डिंडिंम नाद करेंगे।। अस्तु।।

जैसा की आपको ज्ञात है कि अन्तर्नाद मंच मिलन समारोह अपने तयशुदा भिलाई के शांतिनगर में 20 अगस्त 2017 रविवार को 11 बजे से आरंभ होकर दोपहर के 2 बजे समाप्त हो जायेगा। और एक नहीं सोच, जोश़ एवं संकल्प के साथ अन्तर्नाद की यात्रा चल पड़ेगी।
- अन्तर्नाद (व्हाट्सएप ग्रुप) के संचालक 
1. ज्योतिषाचार्य पण्डित विनोद चौबे, भिलाई 
2. श्रीमती साधना जोगलेकर (अधिवक्ता), 
3. श्री आलोक हेलीवाल, युवा समाजसेवी, भिलाई ।

 आयोजक : 'ज्योतिष का सूर्य' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका एवं 'मायाराम शिक्षण विकास समिति' (रजि.) भिलाई


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