ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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शनिवार, 11 नवंबर 2017

सुप्रभातम् .

रविवासरीय सुप्रभात आईए आज भैरव कवच पाठ के साथ रविवार की शुरुआत करें.....
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ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः |
पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु||
पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतुसर्वदा |
आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्डभैरवः ||
नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातुपश्चिमे |
वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात्सुरेश्वरः ||
भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तुसर्वदा |
संहार भैरवः पायादीशान्यां चमहेश्वरः ||
ऊर्ध्वं पातु विधाता च पातालेनन्दको विभुः |
सद्योजातस्तु मां पायात्सर्वतो देवसेवितः ||
रामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथावतु |
जले तत्पुरुषः पातु स्थले ईशान एव च ||
डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् मेंसर्वतः प्रभुः |
हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तुलाकिनी सुतः ||
पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वैकालभैरवः |
मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान्गंजास्तथा ||
महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मेसर्वतो गिरा |
वाद्यम् वाद्यप्रियः पातुभैरवो नित्यसम्पदा || इति तंन्त्रोक्त भैरव कवचम !!
आज इस स्तोत्र का ११ आवृति अवश्य करें, मंगल कार्य व उद्देश्य की प्राप्ति होगी !
- आचार्य पण्डित विनोद चौबे, भिलाई , मोबाईल नं 9827198828
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