ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

!!विशेष सूचना!!
नोट: इस ब्लाग में प्रकाशित कोई भी तथ्य, फोटो अथवा आलेख अथवा तोड़-मरोड़ कर कोई भी अंश हमारे बगैर अनुमति के प्रकाशित करना अथवा अपने नाम अथवा बेनामी तौर पर प्रकाशित करना दण्डनीय अपराध है। ऐसा पाये जाने पर कानूनी कार्यवाही करने को हमें बाध्य होना पड़ेगा। यदि कोई समाचार एजेन्सी, पत्र, पत्रिकाएं इस ब्लाग से कोई भी आलेख अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करना चाहते हैं तो हमसे सम्पर्क कर अनुमती लेकर ही प्रकाशित करें।-ज्योतिषाचार्य पं. विनोद चौबे, सम्पादक ''ज्योतिष का सूर्य'' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका,-भिलाई, दुर्ग (छ.ग.) मोबा.नं.09827198828
!!सदस्यता हेतु !!
.''ज्योतिष का सूर्य'' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका के 'वार्षिक' सदस्यता हेतु संपूर्ण पता एवं उपरोक्त खाते में 220 रूपये 'Jyotish ka surya' के खाते में Oriental Bank of Commerce A/c No.14351131000227 जमाकर हमें सूचित करें।

ज्योतिष एवं वास्तु परामर्श हेतु संपर्क 09827198828 (निःशुल्क संपर्क न करें)

आप सभी प्रिय साथियों का स्नेह है..

शुक्रवार, 17 नवंबर 2017

आज शनिश्चरी अमावस्या है...

आज शनिश्चरी अमावस्या है...

पौराणिक शास्त्रों के मुताबिक शनिवार के दिन आने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या कहते हैं। यह दिन शनि भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। इस दिन शनिदेव अपने भक्तों पर कृपा बरसाकर उन्हें पापों व कष्टों से भी मुक्ति दिलाते हैं। भविष्यपुराण में ऐसा उल्लेख है कि शनि अमावस्या के दिन शनि का पूजन विशेष फलदायी होता है। शनि देव के अच्छे फल प्राप्त करने के लिए शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनिदेव का विधिवत पूजन कर पर्याप्त लाभ उठा सकते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए यहां बताए गए उपाय सभी जातकों को सफलता दिलाएंगे।

1. - उड़द दाल की खिचड़ी दान करें।
2. - तिल से बने पकवान, उड़द से बने पकवान गरीबों को दान करें।
3. - काले रंग का श्वान इस दिन से पालें और उसकी सेवा करें।
4. - शनि अमावस्या के दिन या रात्रि में शनि चालीसा का पाठ, शनि मंत्रों का जाप एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें।
5. - अमावस्या की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें।
6. - शनि यंत्र, शनि लॉकेट, काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें।
7. - इस दिन नीलम या कटैला रत्न धारण करें। जो फल प्रदान करता है।
8. - इस दिन पीपल के पेड़ पर सात प्रकार का अनाज चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- आचार्य पण्डित विनोद चौबे
संपादक- 'ज्योतिष का सूर्य' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, शांतिनगर, भिलाई, मोबाईल नं.09827198828

कोई टिप्पणी नहीं: