आपकी कुण्डली में उच्च राशि का वृहस्पति है तो मंत्री, गृहमंत्री अथवा विदेशमंत्री पद भी प्राप्त कराता है , यथा नीचे दिये सारावली के इस इस उद्धरण को देखें...हालाकी मेरा (आचार्य पण्डित विनोद चौबे Bhilai,9827198828) मानना है कि किसी भी जातक के जन्मांक का फलादेश केवल लग्न के आधार पर ही किया जाना न्यायसंगत नहीं होगा ! परन्तु 1953 मे बनारस से प्रकाशित 'सारावली' के 'राजयोगाध्याय' के आठवें श्लोक के मुताबिक नीचे दिये गये श्लोक से लग्नानुसार फलादेश कुछ इस प्रकार है :-
''स्वोच्चे गुराववनिजे क्रियगे विलग्ने,
मेषोदये च सकुजे वचसामधीशे !
भूपो भवेदिह सयस्य विपक्षसैन्यम्,
तिष्ठेन्न जातु पुरत: सचिवा वयस्या !!''
१) गुरु अपने उच्च राशि में तथा मंगल मेष राशि का होकर लग्न में स्थित हो !
२) मेष लग्न में ही मंगल और गुरु स्थित हों तो गृहमंत्री अथवा विदेशमंत्री पद को प्रदान करने वाला यह योग होता है !
३) मेष लग्न में जन्म लेने वाला व्यक्ति निर्बल ग्रहों के होने पर पुलिस अधिकारी होता है !
४) मेष लग्न के व्यक्ति के जन्मांक में क्रूर ग्रह शनि, रवि, और मंगल उच्च या मूलत्रिकोण के हों और गुरू नवम भाव में हो तो वह व्यक्ति रक्षामंत्री बनता है !
मेरे पास संग्रह में तकरीबन 1450 की संख्या में मेरे शांतिनगर, भिलाई स्थित 'बगलामुखी पीठ (ज्योतिष कार्यालय) में मौजूद है किन्तु उसमें इस योग की साम्यता के अनुरुप शत-प्रतिशत सटीक नही बैठता, जब इसका सूक्ष्म अध्ययन करके देखा तो यदि उपरोक्त योग की साम्यता के साथ ही यदि उस व्यक्ति के नवमांश में भी उच्चाभिलाषी राजयोग तथा गोचर में ग्रह-संक्रमण अनुकूल है तो निश्चित तौर पर यह फलादेश कथन शत-प्रतिशत सही रहेगा ! मित्रों, आप सभी का देश भर से फोन (कॉल्स) आते हैं किन्तु सभी को फोन पर ज्योतिष परामर्श दे पाना हमारे लिये संभव नहीं है ! किन्तु इसके लिए हमने एक समय सुनिश्चित किया है, और एक व्यवस्था भी ! सायंकाल 7 pm -to- 9 pm आप इस समय हमें इस व्हाट्सएप नं. 9827198828 पर अपना डिटेल भेजें , इसके पश्चात् आपको हमारे व्हाट्सएप संचालक की ओर से बैंक डिटेल दिया जायेगा उसमें आप प्रत्येक कुण्डली विचार (किन्ही दो प्रश्नों का) मात्र 1100/₹ पारितोषिक रुपये उस बैंक अकाउण्ट में जमा कर रिसीप्ट की छायाप्रति व्हाट्सएप करना होगा, तदुपरान्त आपके व्यक्तिगत स्वयं से जुड़े 'ज्योतिष एवं वास्तु या हस्तरेखा' का परामर्श दिया जायेगा ! हां सप्ताह के मंगलवार को उपरोक्त समय पर नि:शुल्क समाधान देंगे, जिसको वरियता क्रम के आधार पर सुनिश्चित किया जाता है !! जयतु संस्कृति, संस्कृतम् च जयतु भारत !! वंदे मातरम !!
- आचार्य पण्डित विनोद चौबे संपादक- 'ज्योतिष का सूर्य' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका
मोबा.नं. 9827198828, शांतिनगर, भिलाई !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें