ज्योतिष विज्ञान में ग्रह और आजीविका एवं आय
कुण्डली के दशम भाव में चन्द्रमा सूर्य होने पर पिता अथवा पैतृक सम्पत्ति से लाभ मिलता है. इस सूर्य की स्थिति से यह भी पता चलता है कि आप पैतृक कार्य करेंगे अथवा नहीं. चन्द्रमा अगर इस भाव में हो तो माता एवं मातृ पक्ष से लाभ की संभावना बनती है. चन्द्रमा से सम्बन्धित क्षेत्र में कामयाबी की प्रबल संभावना रहती है. मंगल की उपस्थिति दशम भाव में होने पर विरोधी पक्ष से लाभ मिलता है.
रक्षा विभाग अथवा अस्त्र शस्त्र के कारोबार से लाभ होता है. बुध दशम भाव में होने पर मित्रों से लाभ एवं सहयोग मिलता है. बृहस्पति की उपस्थिति होने पर भाईयों से सुख एवं सहयोग मिलता है. बृहस्पति से सम्बन्धित क्षेत्र में अनुकूल लाभ मिलता है. शुक्र सौन्दर्य एवं कला के क्षेत्र में तरक्की देता है. शनि की स्थिति दशम में होने पर परिश्रम से कार्य में सफलता मिलती है. टूरिज्म के कारोबार में कामयाबी मिलती हैलकड़ी, सिमेंट, रसायन. लोहा, के काम में सफलता मिलती है
- आचार्य पण्डित विनोद चौबे,
संपादक- ''ज्योतिष का सूर्य''
राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, शांति नगर,
भिलाई, जिला - दुर्ग, छत्तीसगढ
9827198828
http://ptvinodchoubey.blogspot.in/2017/09/blog-post_30.html?m=1
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