मित्रों, नमस्कार
मुझे कल एक कुण्डली का विवेचन किया मैने उसमें 'अंगारक योग' के कुप्रभाव को देखा, कि उस व्यक्ति का परिवार में सर्वाधिक कमाकर पैसा,रुपये देनेलके बावजूद उसे घर वाले, रिश्तेदार या उसक स्वयं की पत्नि भी उस व्यक्ति को हेय दृष्टि से देखती है ! परिवार वालों के लिये सर्वस्व न्योछावर कर दो फिर भी कोई यश नहीं देता, बुराई ही करते फिरते हैं !
ऐसा होता क्यों है आईये इस विषय पर ज्योतिषिय चिन्तन करें !
अंगारक योग की वैदिक ज्योतिष में प्रचलित
परिभाषा के अनुसार यदि किसी कुंडली में राहु अथवा केतु का मंगल से किसी भी स्थान पर संबंध स्थापित हो जाए तो ऐसी कुंडली में 'अंगारक योग' का निर्माण हो जाता है जिसके कारण जातक का स्वभाव आक्रामक, हिंसक तथा नकारात्मक हो जाता है तथा इस योग के प्रभाव में आने वाले जातकों के अपने भाईयों, मित्रों तथा अन्य रिश्तेदारों के साथ संबंध भी खराब हो जाते हैं। कुछ वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि किसी कुंडली में अंगारक योग बन जाने पर ऐसा जातक अपराधी बन जाता है तथा उसे अपने अवैध कार्यों के चलते लंबे समय तक जेल अथवा कारावास में भी रहना पड़ सकता है। भगवान ना करे की आप कभी घरेलु हिंसा के शिकार हों, फिर भी उपरोक्त लक्षण दिखते हों तो त्वरित अपने जन्मकुण्डली की समीक्षा करानी चाहिये तथा सावधानी बरतनी चाहिये! वैदिक ज्योतिष के अनुरुप आप नि:शुक्ल ज्योतिष परामर्श*17,18,19 दिल्ली एवं 21,22,23,24 बेंगलोर में आप हमसे संपर्क कर सकते हैं, मैं आप लोगों के लिये 2 घंटे का समय अवश्य निकालूंगा !
राहु - मंगल का अंगारक योग
ज्योतिष में राहु और मंगल मिल कर अंगारक योग बनाते हैं। लाल किताब में इस योग को पागल हाथी या बिगड़ा शेर का नाम दिया गया है। अगर यह योग किसी की कुंडली में होता है तो वो व्यक्ति अपनी मेहनत से नाम और पैसा कमाता है। ऐसे लोगों के जीवन में कई उतार चढ़ाव आते हैं।यह योग अच्छा और बुरा दोनों तरह का फल देने वाला है। ज्योतिष में इस योग को अशुभ माना जाता है। क्योंकि व्यक्ति जीवट तो होता है, परंतु अनायास ही 'कारागार' का योग भी देता है! या यूं कहें 'घरेलु हिंसा के आरोप में जेल भी जाना पड़ सकता है 'अंगारक योग' वाले जातको कों !
-ज्योतिषाचार्य पण्डित विनोद चौबे,
संपादक- ',ज्योतिष का सूर्य' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, भिलाई, दुरभाष क्रमांक - 9827198828
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें