स्थान का महत्व....? अवश्य पढ़ें
पदस्थितस्य पद्मस्य मित्रे वरुणभास्करे ।
पदच्युतस्य तस्यैव क्लेशदाहकरावुभौ ।
मित्रों,
जब कमल अपने स्थान पर होता है (तालाब में) तब जल के देव वरुण तथा सूर्य दोनों उसके मित्र होते है । और वहीं कमल जब स्थानभ्रष्ट होता है, तब वरुण और सूर्य दोनों उसे क्लेश और दाह देनेवाले होते है।! मंगलमयी सुप्रभात !! वरिष्ठ जनों को सादर प्रणाम, कनिष्ठ जनों को मंगल आशीष !!
- आचार्य पण्डित विनोद चौबे, 09827198828, भिलाई
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