खुदा और अल्लाह -पण्डित हनीफ शास्त्री, संस्कृत प्राध्यापक के अनुसार-नासदीय सूक्त के स्वधा का अवेस्ता भाषा में ख्वदा या पहलवी में खुदा हो गया। अल्लाह की व्युत्पत्ति कही है-अल् + इ (लोप) + ला (पालन, रक्षण आदि)। इससे अल्ला हुआ जो संसार को जन्म देकर पालन आदि करता है। माँ भी यही करती है, अतः उसे अम्बा, अक्का, अल्ला कहते हैं जिनका अरबी में अम्मा (माता), अक्का (आका = मालिक), अल्लाह कहा गया है। माता को अल्लाह जैसा कहा गया है।
मेरे अनुसार खुदा का मूल कठोपनिषद् में ब्रह्म की परिभाषा से है-अणोरणीयान् महतो महीयान्। आत्मास्य जन्तोर्निहितं गुहायाम्। जो छोटे से छोटा तथा बड़े से बड़ा है। क्षुद्र से क्षुद्र है खुद (आत्मा)। इसका विपरीत बड़े से बड़ा खुदा है।
संस्कृत वर्णमाला में अ से ळ तक अक्षर हैं या माहेश्वर सूत्र में अ से ल तक। यह पूरे विश्व का स्वरुप है अतः अलम् का अर्थ पूर्ण है। जैसे रघुवंश अध्याय 2 में- अलं महीपाल तव श्रमेण। मलयालम में ळ का उच्चारण z जैसा है। अतः अ से ल को अंग्रेजी में A to Z कहते हैं। अलम् से अंग्रेजी में All तथा अरबी में अल्लाह हुआ है जो सब कुछ है-ब्रह्म खलु इदं सर्वम् या कलमा में-या इलाह इल इल्लाह। जो कुछ है वह अल्लाह है, बिना अल्लाह कुछ नहीं है। अल्लाह का उलटा है इल्ल = कुछ नहीं। तमिल में इल्ले = नहीं। - Shree Arun Upadhyaya jee
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ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे
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शनिवार, 13 जनवरी 2018
खुदा और अल्लाह -पण्डित हनीफ
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