फाल्गुन माह की शुरुआत १ फरवरी से ही हो जा रही है, परन्तु , फरवरी में ३ ता. को शुक्र उदय होने के बाद ४ ता. से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जायेगी ! सनत रहे ६/१२/२०१७ को शुक्र बालत्व निवृत्ति हो रही है, शास्त्रों का मत है कि शुक्र बालत्व और वार्धक्य अवस्था में मांगलिक कार्य नहीं किये जाने चाहिये, ऐसा धर्मसिन्धु का मानना है ! किन्तु वहीं अन्य कई धर्म ग्रंथों में शुक्र के बारे में बताया गया है कि विवाहादि मांगलिक कार्यों में शुक्र उदय ही स्वयमेव लाभकारी है जिसमें ७,८,९, एवं १०, १८, १९ तारीखों में दिवा एवं रात्रि लग्न हैं, इसके बाद २ मार्च को होली है, इसलिए होली के ८दिन पूर्व होलाष्टक होता है किंवदन्ति है कि होलाष्टक में विवाहादि कार्य वर्जित है परन्तु धर्मशास्त्रों में ! २२/१२/२०१७ से होलाष्टक होने के बावजूद , विवाहादि मांगलिक कार्यों का मुहूर्त २३, २४,२५ को विवाहादि कार्य कर सकते हैं। मार्च में ३,८,९, १० एवं १२ तारीख को दिवा एवं रात्रि लग्न के विवाह-शुभ-मुहूर्त है ! इसके बाद १४ मार्च २०१८ को सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे, मीन राशि के सूर्य में यज्ञोपवित एवं देवी अनुष्ठान विशेष या उनके निमित्त संकल्पित मूण्डन आदि मांगलिक कार्यों के अलावा विवाह-मुहूर्त में यह वर्जित है !
साथ ही ५ दिसम्बर से ७ जनवरी तक शनि अस्त रहेंगे ! जिसकी वजह से मकर, धनु तथा वृश्चिक राशियों पर साढेसाती का अशुभ प्रभाव शुभता परिवर्तित रहेगा ! इसके अलावां ढैय्या की दो राशियां कन्या और वृषभ राशियों के लोगों के लिये भी शुभ फलदायक रहेगा !
- आचार्य पण्डित विनोद चौबे,
संपादक - 'ज्योतिष का सूर्य' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका (ज्योतिष एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ) शांतिनगर, भिलाई, 9827198828 http://ptvinodchoubey.blogspot.in
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