ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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शुक्रवार, 22 दिसंबर 2017

विवाह में विलंब या पति-पत्नि के मध्य विवाद का मुख्य कारण है गुरु का निर्बल होना और क्रूर ग्रह सूर्य

विवाह में विलंब, या पति-पत्नि के मध्य विवाद का मुख्य कारण है गुरु का निर्बल होना और क्रूर ग्रह सूर्य - आचार्य पण्डित विनोद चौबे

जन्मकुंडली में सप्तम स्थान से शादी का विचार किया जाता है | अब आप भी अपनी कुंडली में सप्तम स्थान को देखकर अपने विवाह और जीवन साथी के बारे में जान सकते हैं | नीचे लिखे कुछ साधारण नियम हर व्यक्ति पर लागु होते हैं | कुल १२ राशियों का सप्तम स्थान में होने पर क्या प्रभाव जीवन पर पढता है यह मेरे स्वयं के अनुभवों से संकलित किया ज्ञान है | शुक्र यहाँ का कारक ग्रह है और शनि सप्तम भाव में बलवान हो जाता है | गुरु यहाँ निर्बल हो जाता है तो सूर्य तलाक की स्थिति उत्पन्न करता है | मंगल यदि सप्तम स्थान में हो तो मांगलिक योग तो होता ही है साथ में घर में क्लेश और नौकरी में समस्याएं उत्पन्न करता है | बुध का बल भी यहाँ क्षीण हो जाता है तथा राहू केतु पत्नी से अलगाव उत्पन्न करते हैं | राहू सप्तम में हो तो जातक अपनी पत्नी से या पत्नी जातक से दूर भागती है | यदि जीवनसाथी की कुंडली में भी राहू या केतु सप्तम स्थान में हो तो तलाक एक वर्ष के भीतर हो जाता है |

केतु के सप्तम स्थान में होने पर संबंधों में अलगाव की स्थिति जीवन भर बनी रहती है | पति पत्नी दोनों एक दुसरे को पसंद नहीं करते | सप्तम स्थान का स्वामी यदि सप्तम में ही हो तो व्यक्ति विवाह के पश्चात उन्नति करता है और व्यक्ति का दाम्पत्य जीवन अत्यंत मधुर और शुभ फलदायी साबित होता है | यह था सप्तम भाव में बैठे ग्रहों का फल | यदि सप्तम भाव में कोई ग्रह ही न हो तो क्या होता है ? और विवाह में विलंब की मुख्य वजह आदि पर हम कल विस्तृत चर्चा करेंगे ! आईये तबतक सप्तम भाव को समझने के लिये आपको कुछ बिन्दुओं को बताता हुं !

जानने के लिए देखिये कि सप्तम स्थान में आपकी कुंडली में कौन सी राशी या कौन सा अंक है |

१ अंक हो तो मेष राशी, २ वृषभ, ३ मिथुन, ४ कर्क, ५ सिंह, ६ कन्या, ७ तुला, ८ वृश्चिक, ९ धनु, १० मकर, ११ कुम्भ और १२ मीन

मेष और वृश्चिक राशी का स्वामी मंगल

वृषभ और तुला राशी का स्वामी शुक्र

मिथुन और कन्या का स्वामी बुध

कर्क राशी का स्वामी चन्द्र

सिंह राशी का स्वामी सूर्य

धनु मीन राशि का स्वामी गुरु और

मकर कुम्भ का स्वामी शनि होता है

नोट : अभी वर्तमान में मैं दिल्ली प्रवास पर हुं, दिनांक 29 दिसम्बर 2017 तक रहूंगा ! यदि उपरोक्त संबंधित कोई परामर्श लेना है है तो आप मिल सकते हैं आप इस नं. पर संपर्क करें !
- आचार्य पण्डित विनोद चौबे, संपादक- 'ज्योतिष का सूर्य' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका
शांति नगर, भिलाई, मोबा. 9827198828

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