ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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गुरुवार, 29 सितंबर 2011

जय माँ बमलेश्वरी

जय माँ बमलेश्वरी
जय माँ बमलेश्वरी
तोला सुमरंव बारम्बार हो,
मोर देवी भवानी, जय होवय तोर,
मोर माता भवानी,जय होवय तोर।
तोर लीला अपरंपार हो,
जय मां बम्लेश्वरी जय होवय तोर,
टीप पहाड़ म तोर मंदिरवा,
दिखय चारों ओर।
मोर माता भवानी जय होवय तोर।

शेर चिता ह तोर सवारी
घूमय, जंगल जंगल मोर हो,
देवी भवानी जय होवय तोर।
नाक म नथनी पहिरे
पांव म पायल घुँघरू
हाथ म लाली चूरी सोहय
ओढ़े लाल के चुनरी हो,
मोर माता भवानी, जय होवय तोर।

तोर होवय जय जयकार हो,
मोर मां बमलेश्वरी जय होवय तोर
लइका सियान, सब तरसंय
तोर दरस बर हो मोर माता भवानी,
दीन, दुखियारी के दुख हरस,
देवय पुत्र-वरदान हो,
तोर दुवारी ले कोई खाली नइ जावय
बढ़य धन भंडार हो,
मोर माता भवानी, जय होवय तोर।
जय मां बमलेसरी मइया जय होवय तोर।

चइत नवमी म मेला भरथे
जलावय घी के जोत हो,
मोर माता भवानी, जय होवय तोर।
मनवांछित फल पाये हो,
अन्न-धन भंडार बढ़ावय हो,
मोर जय मां बमलेश्वरी जय होवय तोर।
तोर मंदिर म कोई भेदभाव नइये।
पहुंचय लाखों लोग हो।
मोर माता भवानी, जय होवय तोर।
मोर जय मां बमलेश्वरी जय होवय तोर।

-डॉ. जे. आर. सोनी ला उधार मांगे हौं भैय्या ...बड़ सुघ्घर लागीस मोला

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