ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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मंगलवार, 20 सितंबर 2011

बढ़ता छत्तीसगढ़...

मानसून सत्र: 2011
बढ़ता छत्तीसगढ़...
छत्तीसगढ़ विधानसभा में लगभग पांच घण्टे 23 मिनट की लम्बी चर्चा के बाद वर्तमान वित्तीय वर्ष 2011-12 के लिए राज्य सरकार के एक हजार 653 करोड़ 30 लाख रूपए का प्रथम अनुपूरक अनुमान ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने यह प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया था।
उन्होंने इस पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए सदस्यों को बताया कि आज पारित किए गए प्रथम अनुपूरक अनुमानों को मिलाकर राज्य सरकार के इस वर्ष के मुख्य बजट का आकार 32 हजार 477 करोड़ रूपए से बढ़कर 34 हजार 131 करोड़ 07 लाख रूपए तक पहुंच गया है। प्रथम अनुपूरक में आयोजना व्यय 863 करोड़ 77 लाख रूपए और आयोजनेत्तर व्यय 789 करोड़ 53 लाख रूपए है। इसी तरह प्रथम अनुपूरक के लिए प्रावधानित व्यय में पूंजीगत व्यय 989 करोड़ 68 लाख रूपए और राजस्व व्यय 663 करोड़ 63 लाख रूपए है। मुख्यमंत्री ने प्रथम अनुपूरक पर पक्ष और विपक्ष के सदस्यों की चर्चा का जवाब देते हुए सदन में कहा कि राज्य सरकार सम्पूर्ण पारदर्शिता और जनप्रतिनिधियों के सहयोग और उनकी विश्वसनीयता के साथ एक बेहतर कार्य संस्कृति के जरिए राज्य के विकास के लिए वचनबध्द है। डॉ. सिंह ने कहा कि हम सब जनप्रतिनिधि अपने सार्वजनिक जीवन में आम जनता के बीच काम करते हैं और जनता के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैें। राज्य सरकार अपनी सार्वजनिक सेवाओं में आम जनता की संतुष्टि को अपना प्रमुख लक्ष्य मानकर विधानसभा में लोकसेवा गारंटी विधेयक भी लाने जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि बस्तर अंचल में छत्तीसगढ़ सहायक सशस्त्र पुलिस बल में वहां के स्थानीय युवाओं की भर्ती के लिए सात हजार पद स्वीकृत किए गए हैं। इन पदों के लिए चयनित युवाओं को हर महीने छह हजार 900 रूपए का वेतन मिलेगा, जिस पर 58 करोड़ रूपए का वार्षिक व्यय होगा।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बारहवें वित्त आयोग की अवधि में बेहतर वित्तीय प्रबंधन के मामले में छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर एक लम्बी छलांग लगाई है। विकासात्मक व्यय और सामाजिक क्षेत्र के कार्यो में किए जाने वाले खर्च में छत्तीसगढ़ ने प्रति व्यक्ति व्यय की दृष्टि से नया कीर्तिमान बनाया है। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2009-10 में छत्तीसगढ़ का विकासात्मक व्यय कुल व्यय के प्रतिशत के रूप में 76.53 प्रतिशत रहा है, जो देश के पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश को छोड़कर सामान्य श्रेणी के राज्यों में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की वर्ष 2009-10 की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं में राज्य का प्रति व्यक्ति आर्थिक व्यय तथा सामाजिक क्षेत्र का व्यय राष्ट्रीय औसत की तुलना में काफी अधिक है। इस अवधि में छत्तीसगढ़ ने प्रति व्यक्ति आर्थिक व्यय औसतन 1858 रूपए व्यय किया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1468 रूपए रहा।
सामाजिक क्षेत्र में राज्य का व्यय राष्ट्रीय औसत से अधिक
इसी तरह सामाजिक क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने इस दौरान प्रति व्यक्ति तीन हजार 371 रूपए खर्च किया, जबकि राष्ट्रीय औसत प्रति व्यक्ति दो हजार 718 रूपए था। मुख्यमंत्री ने कहा कि बारहवें वित्त आयोग की अवधि में राज्य का वित्तीय प्रबंधन काफी बेहतर रहा। राज्य द्वारा अधिसूचित किए गए राजकोषीय उत्तरदायित्व तथा बजट प्रबंधन अधिनियम (स्नक्रक्चरू ्रष्टञ्ज) के द्वारा यह तय किया गया था कि राजस्व शून्य तथा वित्तीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद का तीन प्रतिशत की सीमा में रखा जाएगा, इस लक्ष्य को प्राप्त किया गया है। अब तेरहवें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक राजस्व घाटा, वित्तीय घाटा एवं दायित्वों की सीमाएं वर्ष वार छत्तीसगढ़ राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंध (संशोधन) अध्यादेश, 2011 द्वारा तय की गयी है एवं इस अध्यादेश को विधेयक बनाने की कार्यवाही सदन के समक्ष विचाराधीन है। अभी तक की वित्तीय उपलब्धियों के आधार पर हम पूर्णत: आशान्वित है कि बारहवें वित्त आयोग की अवधि में समान तेरहवें वित्त आयोग की अवधि में भी राज्य का वित्तीय प्रबंधन सुदृढ़ रहेगा।
राजस्व प्राप्ति में उल्लेखनीय सुधार
डॉ. रमन सिंह ने सदन में कहा कि राज्य सरकार की कर राजस्व प्राप्ति में भी उत्तरोत्तर सुधार आया है। कर राजस्व में वर्ष 2009-10 की तुलना में वर्ष 2010-11 में 26 प्रतिशत की वृध्दि हुई है। उन्होंने सदस्यों को बताया कि राज्य के बजट में उत्तरोत्तर वृध्दि हो रही है। वर्ष 2001-02 में राज्य का कुल बजट 7294.77 करोड़ रूपए था, जो बढ़कर वर्ष 2011-12 में 32477.77 करोड़ रूपए हो गया है। वर्ष 2001-02 में आयोजना व्यय 1518.80 करोड़ रूपए एवं आयोजनेत्तर व्यय 3952.69 करोड़ रूपए (28:72 के अनुपात में) था, जो कि बढ़कर वर्ष 2010-11 में आयोजना व्यय 11576.44 करोड़ रूपए एवं आयोजनेत्तर व्यय 11299.71 करोड़ रूपए (51:49 के अनुपात में) हो गया।
अनुपूरक में किसानों के हित में प्रावधान
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि इस वर्ष के प्रथम अनुपूरक में सिंचाई सुविधाओं के लिए कुल 234 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इस राशि में लघु सिंचाई योजनाओं हेतु 90 करोड़ रूपए, एनीकट व स्टापडेम हेतु 79 करोड़ रूपए, लघु सिंचाई योजनाओं के मरम्मत, पुनरोध्दार एवं पुर्ननवीकरण हेतु 60 करोड़ रूपए तथा बाढ़ नियंत्रण योजनाओं हेतु 5 करोड़ रूपए का प्रावधान है। उच्च गुणवत्ता के बीज उत्पादन कार्यक्रम के लिए 3 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान, उर्वरक व्यवसाय हेतु 10 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान और प्राथमिक सहकारी समितियों को आर्थिक सहायता हेतु 1.07 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान प्रथम अनुपूरक में किया गया है। उन्होंने सदस्यों को बताया कि इसमें सहकारी शक्कर कारखानों के सुदृढ़ीकरण हेतु 19 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान गया है। इस राशि में सहकारी शक्कर कारखाना, बालोद को परिवहन अनुदान हेतु रूपए 2.00 करोड़, भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना, कवर्धा को पेराई क्षमता वृध्दि हेतु रूपए 2.00 करोड़, सहकारी शक्कर कारखाना बालोद को गन्ना पेराई हेतु कार्यशील पूंजी हेतु ऋण 12.00 करोड़ रूपए एवं सहकारी शक्कर कारखाना, अम्बिकार को गन्ना पेराई हेतु कार्यशील पूंजी के रूप में ऋण 3.00 करोड़ रूपए दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि भवन विहीन 27 पशु चिकित्सालय एवं 188 पशु औषधालयों के भवन निर्माण एवं जिला बीजापुर, कबीरधार एवं जांजगीर-चांपा में पशुरोग अन्वेषण प्रयोगशाला हेतु 13.29 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान इस अनुपूरक में किया गया है। इसके अलावा इसमें पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम हेतु 5.21 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान भी रखा गया है।
डॉ. रमन सिंह ने सदन को यह भी बताया कि प्रथम अनुपूरक में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास के लिए प्रावधान- प्रथम अनुपूरक में प्रदेश के विशेष पिछड़े आदिवासी समूहों के कल्याण के लिए 13 करोड़ 36 लाख रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। आवासीय विद्यालय समिति के लिए नौ करोड़ 80 लाख रूपए का प्रावधान रखा गया है। मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि छत्तीसगढ़ के महान समाज सुधारक गुरू बाबा घासीदास की जन्म स्थली और तपोभूमि गिरौदपुरी में राज्य शासन द्वारा कुतुबमीनार से भी ऊंचे जैतखाम का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए इस वर्ष के प्रथम अनुपूरक में निर्माण कार्यो को पूर्ण करने के लिए 19 करोड़ 25 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विशाल जैतखाम का निर्माण दिसम्बर माह तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। उन्होंने सदन को बताया कि प्रथम अनुपूरक में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 28 करोड़ 84 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। आदिवासी छात्रावासों में एक हजार और आश्रम शालाओं में भी एक हजार सीटों की वृध्दि की जा रही है और शिष्यवृत्ति के लिए नौ करोड़ 30 लाख रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सदन को प्रथम अनुपूरक में विभिन्न विभागों में किए गए बजट प्रावधानों की जानकारी दी, जो इस प्रकार है। शिक्षा के लिये प्रावधान:- प्रदेश की 12,396 प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में अहाता निर्माण हेतु 20 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान। 18 हाई स्कूलों को हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में उन्नयन हेतु 4.00 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान। 1000 पूर्व माध्यमिक एवं 360 प्राथमिक शालाओं के निर्माण हेतु 20.61 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान। जगदलपुर में एन.सी.सी. की बालिका बटालियन के गठन हेतु 30.00 लाख रूपए का अतिरिक्त प्रावधान। नक्सल प्रभावित जिलों में 7 आई.टी.आई. एवं 14 स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना हेतु 46.00 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान (7 जिलें राजनांदगांव, बस्तर, बीजापुर, दक्षिण बस्तर, सरगुजा, उत्तर बस्तर एवं नारायणपुर, मशीन उपकरण हेतु 14.40 करोड़, भवन निर्माण हेतु 31.60 करोड़, कुल 46.00 करोड़) स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रावधान:- रीजनल केंसर सेंटर में जीनियर एक्सीलरेटर की स्थापना हेतु 3 करोड़ रूपए तथा सी.टी. स्कैन एवं एम.आर.आई. मशीन हेतु 12 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान। सिम्स बिलासपुर एवं चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर से स्नातकोत्तर सीटों की वृध्दि हेतु 18.12 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान। 164 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में भवन निर्माण हेतु 37.40 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान।
पुलिस विभाग के लिए प्रावधान
राज्य में सहायक सशस्त्र पुलिस बल गठन करने का निर्णय लिया गया है। नक्सल प्राभावित क्षेत्रों की 75 थाना चौंकियों के भवन निर्माण हेतु 8.75 करोड़ रूपए का प्रावधान। विशेष अधोसंरचना विकास योजना अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निर्माण कर्यों हेतु 15.02 करोड़ रूपए का प्रावधन किया गया है। छत्तीसगढ़ पुलिस हाऊसिंग कार्पोरेशन के गठन हेतु एक करोड़ रूपए का प्रावधान। अपराध पीडि़तों की क्षतिपूर्ति के लिए भुगतान हेतु एक करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। पंचायत, ग्रामीण विकास एवं समाज कल्याण के लिए प्रावधान:- राष्ट्रीय वृध्दावस्था पेंशन एवं समाजिक सुरक्षा पेंशन हेतु 90.68 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान। पंचायत सचिवों के लिए 600 आवास निर्माण हेतु 18 करोड़ रूपए का प्रावधान। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सड़कों के संधारण हेतु 27 करोड़ रूपए का प्रावधान (मुख्य बजट 2011-12 में प्रावधान रूपए 50 करोड़ तेरहवे वित्त आयोग के अंतर्गत प्राप्त राशि रूपए 69 करोड़ प्रथम अनुपूरक में 27 करोड़ रूपए इस प्रकार इस वर्ष उपलब्ध राशि 50.00 + 69.00 + 27.00 करोड़ त्र 146 करोड़) विधायकों से संबंधित प्रावधान:- विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत प्रति विधायक 50 लाख रूपए में वृध्दि कर 1.00 करोड़ रूपए किया गया है। इसके लिए 45.50 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। माननीय विधायकों की जनसम्पर्क निधि 2 लाख प्रति विधानसभा क्षेत्र में वृध्दिकर 4 लाख रूपए की गई है। इसके लिए 1.84 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

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