शारदीय नवरात्र में घटस्थापना मुहूर्त
-ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे, भिलाई-09827198828
शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पर्व नवरात्रि इस बार आठ दिन का होगा। नवरात्रि पर्व 28 सितंबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर को समाप्त होगा। इस बार तृतीया तिथि क्षय हो रही है। द्वितीया व तृतीया तिथि एक ही दिन रहेगी। मां जगदंबा के भक्तों को 29 सितंबर को देवी ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा की आराधना एक ही दिन करना होगा। यह संयोग सात साल बाद आ रहा है, जो दो साल लगातार रहेगा। 2012 में चतुर्थी तिथि का क्षय होने से नवरात्रि आठ दिनों की होगी।
28 सितम्बर, बुधवार के दिन हस्त नक्षत्र 16.21 तक है।
तत्पश्चात् चित्रा प्रारम्भ होगा, जो घटस्थापना में वर्जित माना जाता है।
बुधवार होने के कारण अभिजित भी वर्जित है।
इसलिए इस दिन घटस्थापना सूर्योदय के पश्चात द्विस्वभाव लग्न कन्या में ही करना श्रेष्ठ है।
घटस्थापना मुहूर्त प्रात: सुबह 6.22 बजे 7.50 बजे तक रहेगा।
इसके अलावा सूर्योदय से 9.20 बजे तक लाभ और अमृत चौघडिया तथा सुबह 10.49 से दोपहर 12 बजे तक शुभ के चौघडिए में भी घट स्थापना की जा सकती है।
ज्योतिष के अनुसार नवरात्र स्थापना समय सुबह होता है। लेकिन यदि इस दौरान चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग आ जाता है तो वह शुभ नहीं रहता है।
इस बार मां दुर्गा का आगमन नौका पर व गमन मनुष्य के कंधे पर होगा, जो अति शुभ हैपुराण व अन्य धार्मिक ग्रंथों में भगवती के आगमन व प्रस्थान के लिए वाहन की चर्चा है. उन्होंने बताया कि माता का आगमन जनजीवन के लिए हर प्रकार की सिद्धि देने वाला है.
भगवती रविवार व सोमवार को गज (हाथी) पर, शनिवार व मंगलवार को तुरंग (घोड़ा) पर, गुरुवार व शुक्रवार को डोला पर और बुधवार को नौका पर आती हैं. प्रस्थान के संबंध में कहा गया है कि रविवार व सोमवार को महिष (भैसा) पर, शनिवार और मंगलवार को चरणायुद्ध वाहन पर, बुधवार व शुक्रवार को गज (हाथी) पर एवं गुरुवार को नर वाहन पर प्रस्थान करती हैं.
-ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे, भिलाई-09827198828
शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पर्व नवरात्रि इस बार आठ दिन का होगा। नवरात्रि पर्व 28 सितंबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर को समाप्त होगा। इस बार तृतीया तिथि क्षय हो रही है। द्वितीया व तृतीया तिथि एक ही दिन रहेगी। मां जगदंबा के भक्तों को 29 सितंबर को देवी ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा की आराधना एक ही दिन करना होगा। यह संयोग सात साल बाद आ रहा है, जो दो साल लगातार रहेगा। 2012 में चतुर्थी तिथि का क्षय होने से नवरात्रि आठ दिनों की होगी।
28 सितम्बर, बुधवार के दिन हस्त नक्षत्र 16.21 तक है।
तत्पश्चात् चित्रा प्रारम्भ होगा, जो घटस्थापना में वर्जित माना जाता है।
बुधवार होने के कारण अभिजित भी वर्जित है।
इसलिए इस दिन घटस्थापना सूर्योदय के पश्चात द्विस्वभाव लग्न कन्या में ही करना श्रेष्ठ है।
घटस्थापना मुहूर्त प्रात: सुबह 6.22 बजे 7.50 बजे तक रहेगा।
इसके अलावा सूर्योदय से 9.20 बजे तक लाभ और अमृत चौघडिया तथा सुबह 10.49 से दोपहर 12 बजे तक शुभ के चौघडिए में भी घट स्थापना की जा सकती है।
ज्योतिष के अनुसार नवरात्र स्थापना समय सुबह होता है। लेकिन यदि इस दौरान चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग आ जाता है तो वह शुभ नहीं रहता है।
इस बार मां दुर्गा का आगमन नौका पर व गमन मनुष्य के कंधे पर होगा, जो अति शुभ हैपुराण व अन्य धार्मिक ग्रंथों में भगवती के आगमन व प्रस्थान के लिए वाहन की चर्चा है. उन्होंने बताया कि माता का आगमन जनजीवन के लिए हर प्रकार की सिद्धि देने वाला है.
भगवती रविवार व सोमवार को गज (हाथी) पर, शनिवार व मंगलवार को तुरंग (घोड़ा) पर, गुरुवार व शुक्रवार को डोला पर और बुधवार को नौका पर आती हैं. प्रस्थान के संबंध में कहा गया है कि रविवार व सोमवार को महिष (भैसा) पर, शनिवार और मंगलवार को चरणायुद्ध वाहन पर, बुधवार व शुक्रवार को गज (हाथी) पर एवं गुरुवार को नर वाहन पर प्रस्थान करती हैं.
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