नारियों पर जुल्म मतलब साफ है मायावती सरकार का यू.पी.से खात्मा
लगातार यू.पी.में अत्याचार के बाद अनाचार एक के बाद एक हो रहा है
और दर्जनो विधायको की संलिप्तता वह भी घिनौने कार्यों मे पाया जाना निश्चित रूप से पार्टी (बसपा) के लिए ग्रहण का काला साया नीले रंग को काला बनाकर सत्तासुख से वंचित होना तय है।
क्योंकि रावण भी इसी प्रकार आतंक मचायाऔर हश्र ''इक लखपुत सवालख नाती । ता रावन घर दीया न बाती'' ।।यत्र नार्य: तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता: |
यत्र एता: तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्र अफला: क्रिया: ।
मनुस्मॄति जहां स्त्रीयोंको मान दिया जाता है तथा उनकी पूजा होती है वहां देवताओंका निवास रहता है |
परन्तू जहां स्त्रीयोंकी निंदा होती है तथा उनका सम्मान नही किया जाता वहां कोइ भी कार्य सफल नही होता |
मान लेते है मायावती अत्यन्त संवेदनशील और बुद्ध के बताए मार्ग पर चलने वाली हैं, तो महात्मा बुद्ध के इस संदेश ( धम्मम शरणं गच्छ ) से भटक कर अपराधीयों को बसपा की टिकट क्यों दीं है, क्या वाक्कयी में बसपा के टिकटार्थयों ने पैसे और गुंडई के बल पर बसपा की टिकट हाशिल किये हैं जो आज मायावती के गले की फांस बन गये हैं। क्या मुख्तार अंसारी जैसे विधायक से उनको सीख नही मिली, और यदि जान-बूझ कर ऐसे अपराधियों को विधायक का टिकट मायावती द्वारा दिया गया है तो निश्चत तौर पर सर्वप्रथम मायावती के उपर गुन्डों को संरक्षण देने के अपराध में वहां की जनता के द्वारा समूहबद्ध होकर मान.राज्यपाल से गिरफ्तार करने की मांग करनी चाहिए।
अन्यथा अब से भी मायावती जनता से क्षमा मांगकर अपनी गलती स्वीकार कर नीचे लिखे श्लोक का जीवन में अवगाहन करना चाहिए, जैसे की जंगलका एक शेर करता हैःःःःःःःः
वनेऽपि सिंहा मॄगमांसभक्षिणो बुभुक्षिता नैव तॄणं चरन्ति |
एवं कुलीना व्यसनाभिभूता न नीचकर्माणि समाचरन्ति ।।जंगल मे मांस खानेवाले शेर भूख लगने पर भी जिस तरह घास नही खाते, उस तरह उच्च कुल मे जन्मे हुए व्यक्ति (सुसंस्कारित व्यक्ति) संकट काल मे भी नीच काम नही करते |
ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे महाराज
ज्योतिष का सूर्य, हिन्दी मासिक पत्रिका , भिलाई (छ.ग.)
लगातार यू.पी.में अत्याचार के बाद अनाचार एक के बाद एक हो रहा है
और दर्जनो विधायको की संलिप्तता वह भी घिनौने कार्यों मे पाया जाना निश्चित रूप से पार्टी (बसपा) के लिए ग्रहण का काला साया नीले रंग को काला बनाकर सत्तासुख से वंचित होना तय है।
क्योंकि रावण भी इसी प्रकार आतंक मचायाऔर हश्र ''इक लखपुत सवालख नाती । ता रावन घर दीया न बाती'' ।।यत्र नार्य: तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता: |
यत्र एता: तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्र अफला: क्रिया: ।
मनुस्मॄति जहां स्त्रीयोंको मान दिया जाता है तथा उनकी पूजा होती है वहां देवताओंका निवास रहता है |
परन्तू जहां स्त्रीयोंकी निंदा होती है तथा उनका सम्मान नही किया जाता वहां कोइ भी कार्य सफल नही होता |
मान लेते है मायावती अत्यन्त संवेदनशील और बुद्ध के बताए मार्ग पर चलने वाली हैं, तो महात्मा बुद्ध के इस संदेश ( धम्मम शरणं गच्छ ) से भटक कर अपराधीयों को बसपा की टिकट क्यों दीं है, क्या वाक्कयी में बसपा के टिकटार्थयों ने पैसे और गुंडई के बल पर बसपा की टिकट हाशिल किये हैं जो आज मायावती के गले की फांस बन गये हैं। क्या मुख्तार अंसारी जैसे विधायक से उनको सीख नही मिली, और यदि जान-बूझ कर ऐसे अपराधियों को विधायक का टिकट मायावती द्वारा दिया गया है तो निश्चत तौर पर सर्वप्रथम मायावती के उपर गुन्डों को संरक्षण देने के अपराध में वहां की जनता के द्वारा समूहबद्ध होकर मान.राज्यपाल से गिरफ्तार करने की मांग करनी चाहिए।
अन्यथा अब से भी मायावती जनता से क्षमा मांगकर अपनी गलती स्वीकार कर नीचे लिखे श्लोक का जीवन में अवगाहन करना चाहिए, जैसे की जंगलका एक शेर करता हैःःःःःःःः
वनेऽपि सिंहा मॄगमांसभक्षिणो बुभुक्षिता नैव तॄणं चरन्ति |
एवं कुलीना व्यसनाभिभूता न नीचकर्माणि समाचरन्ति ।।जंगल मे मांस खानेवाले शेर भूख लगने पर भी जिस तरह घास नही खाते, उस तरह उच्च कुल मे जन्मे हुए व्यक्ति (सुसंस्कारित व्यक्ति) संकट काल मे भी नीच काम नही करते |
ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे महाराज
ज्योतिष का सूर्य, हिन्दी मासिक पत्रिका , भिलाई (छ.ग.)
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