गुरु-पुष्य अमृत योग 2011
इस बार धनतेरस से चार दिन पहले 20 अक्टूबर (गुरुवार) को गुरु-पुष्य नक्षत्र अमृत योग खुशियों का संदेश लेकर आ रहा है। 20 अक्टूबर को अभिजीत मुर्हूत में व्यापार जगत के लिए धनवर्षा के पूरे योग नजर आ रहे हैं। ज्योतिषियों की माने तो 27 नक्षत्रों में से महत्वपूर्ण पुष्य नक्षत्र का गुरु के साथ अमृत योग होने से इसे सभी तरह की खरीदारी के लिए शुभ माना गया है। इस दिन सुबह 10:30 बजे से अगले दिन सूर्योदय तक सोना-चांदी, ज्वेलरी, ऑटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स की खरीदारी के अलावा भवन निर्माण आदि में निवेश करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा। दूसरा गुरु-पुष्य नक्षत्र योग दीपावली के बाद 17 नवंबर, 2011 को रहेगा।
इस बार धनतेरस से चार दिन पहले 20 अक्टूबर (गुरुवार) को गुरु-पुष्य नक्षत्र अमृत योग खुशियों का संदेश लेकर आ रहा है। 20 अक्टूबर को अभिजीत मुर्हूत में व्यापार जगत के लिए धनवर्षा के पूरे योग नजर आ रहे हैं। ज्योतिषियों की माने तो 27 नक्षत्रों में से महत्वपूर्ण पुष्य नक्षत्र का गुरु के साथ अमृत योग होने से इसे सभी तरह की खरीदारी के लिए शुभ माना गया है। इस दिन सुबह 10:30 बजे से अगले दिन सूर्योदय तक सोना-चांदी, ज्वेलरी, ऑटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स की खरीदारी के अलावा भवन निर्माण आदि में निवेश करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा। दूसरा गुरु-पुष्य नक्षत्र योग दीपावली के बाद 17 नवंबर, 2011 को रहेगा।
ं शुभ मुहूर्त : गुरु पुष्य नक्षत्र - 20 अक्टूबर को सुबह 10.47 बजे से 21 अक्टूबर सुबह 6.28 बजे तक गुरु पुष्य नक्षत्र रहेगा। ज्योतिष के अनुसार सुबह 10.22 से दोपहर 3.26 तक लाभ अमृत का चौघडिय़ा विद्या, गृह, व्यापार के आरंभ के लिए सर्वश्रेष्ठ योग हैं। वहीं दोपहर 4.57 बजे से 7.30 बजे तक शुभ अमृत का चौघडिय़ा इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, सोना-चांदी, वाहन आदि की खरीद के लिए अति उत्तम हैं।
स्वाति नक्षत्र में धनतेरस
दीपोत्सव पर धनतेरस को खरीदारी का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है, इस बार 24 अक्टूबर (सोमवार) को धनतेरस स्वाति नक्षत्र में आ रही है। ज्योतिषियों के अनुसार, किंवदंती है कि स्वाति नक्षत्र में आसमान से हीरो की बरसात होती है। धनतेरस प्रदोष काल में होने से इस दिन तीन शुभ मुहूर्त रहेंगे। पहला, सूर्योदय से डेढ़ घंटे बाद तक। दूसरा, सुबह 9 से 10:30 बजे तक और तीसरा, शाम 3 से 5:30 बजे तक खरीदारी के लिए शुभ समय रहेगा।
पांच दुर्लभ योगों का मिलन एक साथ:
स्वाति नक्षत्र में धनतेरस
दीपोत्सव पर धनतेरस को खरीदारी का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है, इस बार 24 अक्टूबर (सोमवार) को धनतेरस स्वाति नक्षत्र में आ रही है। ज्योतिषियों के अनुसार, किंवदंती है कि स्वाति नक्षत्र में आसमान से हीरो की बरसात होती है। धनतेरस प्रदोष काल में होने से इस दिन तीन शुभ मुहूर्त रहेंगे। पहला, सूर्योदय से डेढ़ घंटे बाद तक। दूसरा, सुबह 9 से 10:30 बजे तक और तीसरा, शाम 3 से 5:30 बजे तक खरीदारी के लिए शुभ समय रहेगा।
पांच दुर्लभ योगों का मिलन एक साथ:
गुरु पुष्य नक्षत्र - नक्षत्रों का राजा पुष्य नक्षत्र 27 नक्षत्रों में श्रेष्ठ हैं। वहीं, अधिष्ठाता ग्रह गुरु के दिन आने से इसका महत्व और बढ़ गया हैं। इस बार इसकी स्थिरता 21 घंटों तक बनेगी, जो खरीदारी को प्रभावित करेगी। इसी के साथ पुनर्वसु नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग से खरीदी में आश्चर्यजनक वृद्धि की संभावना हैं।
बुधादित्य योग - सौरमंडल में जब सूर्य ग्रह और बुध ग्रह साथ- साथ होते हैं, तब ये अनुपम योग बनता है, जो खरीद के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता हैं। इस बार दीपावली के समय इस योग के बनने के कारण मार्केट में खरीदारी में बढ़त की संभावना हैं।
गजकेसरी योग - 20 अक्टूबर का मूलांक 2 हैं और 2 अंक का स्वामी चंद्रमा हैं। चंद्र, गुरु और पुष्य के अद्भुत संयोग से हाथी और सिंह के समान प्रभावशाली गजकेसरी योग बन रहा हैं जो खरीद के साथ -कॅरियर को प्रभावित करता है।
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