ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

!!विशेष सूचना!!
नोट: इस ब्लाग में प्रकाशित कोई भी तथ्य, फोटो अथवा आलेख अथवा तोड़-मरोड़ कर कोई भी अंश हमारे बगैर अनुमति के प्रकाशित करना अथवा अपने नाम अथवा बेनामी तौर पर प्रकाशित करना दण्डनीय अपराध है। ऐसा पाये जाने पर कानूनी कार्यवाही करने को हमें बाध्य होना पड़ेगा। यदि कोई समाचार एजेन्सी, पत्र, पत्रिकाएं इस ब्लाग से कोई भी आलेख अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करना चाहते हैं तो हमसे सम्पर्क कर अनुमती लेकर ही प्रकाशित करें।-ज्योतिषाचार्य पं. विनोद चौबे, सम्पादक ''ज्योतिष का सूर्य'' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका,-भिलाई, दुर्ग (छ.ग.) मोबा.नं.09827198828
!!सदस्यता हेतु !!
.''ज्योतिष का सूर्य'' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका के 'वार्षिक' सदस्यता हेतु संपूर्ण पता एवं उपरोक्त खाते में 220 रूपये 'Jyotish ka surya' के खाते में Oriental Bank of Commerce A/c No.14351131000227 जमाकर हमें सूचित करें।

ज्योतिष एवं वास्तु परामर्श हेतु संपर्क 09827198828 (निःशुल्क संपर्क न करें)

आप सभी प्रिय साथियों का स्नेह है..

रविवार, 24 जुलाई 2011

छत्तीसगढ़ में एसपीओ बनेंगे अब आरक्षक

 छत्तीसगढ़ में एसपीओ बनेंगे अब आरक्षक
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) को नियमित पुलिस में शामिल होने का रास्ता साफ कर दिया है। सरकार ने शुक्रवार को पुलिस की नियुक्तियों में स्थानीय युवकों की योग्यता में विशेष छूट देने का फैसला किया।
सर्वोच्च न्यायालय ने गत पांच जुलाई के अपने एक आदेश में राज्य सरकार को नक्सलियों से लड़ने वाले एसपीओ से हथियार वापस लेने के लिए कहा था। न्यायालय ने कहा था कि एसपीओ सामूहिक रूप से मानवाधिकारों का उल्लंघन करते है और उन्हे हथियार देना असंवैधानिक है।
न्यायायल के इस फैसले के बाद राज्य सरकार ने एसपीओ से हथियार वापस ले लिए थे। वहीं, हथियार वापस लिए जाने पर एसपीओ ने आशंका जताई थी कि वे नक्सलियों का निशाना बन सकते है लेकिन अब कांस्टेबल के रूप में अपनी नियुक्ति के सिलसिले में सरकार के इस फैसले से वे काफी उत्साहित है।
राजधानी रायपुर से करीब 450 किलोमीटर बीजापुर के कोतवाली पुलिस स्टेशन में वर्ष 2006 की शुरुआत से एसपीओ के रूप में तैनात महेद्र साकनी ने कहा, ''ईश्वर को बहुत-बहुत धन्यवाद, मेरे हथियार मुझे वापस मिल जाएंगे। हमें वापस सेवा में शामिल करने के सरकार के इस फैसले मैं बहुत खुश हूं।''
ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने नक्सलियों के खिलाफ जनजातीय लोगों को हथियार देकर उनकी नियुक्ति एसपीओ के रूप में करने पर राज्य सरकार की जमकर खिंचाई की थी और सरकार से कहा था कि इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।
कोतवाली पुलिस स्टेशन पर एसपीओ के रूप में तैनात चेतन दुरगम ने कहा, ''इससे बस्तर क्षेत्र के युवाओं के बीच यह संदेश जाएगा कि सरकार नक्सलियों से निपटने के प्रति गम्भीर है।''
एसपीओ को नियमित पुलिस में शामिल करने का फैसला मुख्यमंत्री रमन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की एक बैठक में लिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि बस्तर इलाके में होने वाली कांस्टेबलों की भर्ती में स्थानीय लोगों की शैक्षणिक एवं शारीरिक योग्यता और उम्र में छूट दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने करीब 5000 जनजातीय युवाओं की नियुक्ति एसपीओ के रूप में की है।

कोई टिप्पणी नहीं: