ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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मंगलवार, 6 मार्च 2012

होलहार मन के राशिफल


बुरा झन मानौ होली ए...

होलहार मन के राशिफल
- ज्योतिषाचार्य डॉ. स्नेहिल भंगपिया
गली नं. 144, मकान नं. 420, अल्लरपुर

नोट : भविष्यफल ल लिखत समय 80 चुटकी 90 ताल वाले माखुर, 1008 घोंटा वाले भांग, 1036 गुडग़ुड़ा वाले हुक्का, 101 ग्राम चेपटी द्रव के सेवन करके अड़बड़ सावधानी बरते गे हे ताकि येखर मानता बने राहय। फेर भी कोनो परकार के भोरहा बर ज्योतिषी अऊ परकासक ह जिम्मेदार नइ हे। बुरा झन मानौ होली ए...।


मेष : गुलाल से डर्रावत होहू तब कमरा नं. 2 उर्फ छोटे कुरिया में लुकाय रहू। सारी हा कुछ जादा मिहरबान रही। अंते-तंते गुलाल लगाय से अउ लगवाय से बचके रहू। माथा के टीका ह काफी हे वरना जिनगी भर सॉरी कहे बर पड़ही। 'अलकरहाÓयंत्र के थापना कर पूजा करना ।
 
वृषभ : मकान मालिक किराया नइ पटाय के कारन नाराज होही तब गोलवा सीसी भेंट करे से मालिक परसन्न रही। जादा नसा लाय बर 50त्न गदर्भ रस मिला दूहू। मालिक के फोटो में कोयला के चंदन लगाना अउ बेसरम के फूल चढ़ाना ठीक रही। बॉस पुरान के पाठ करौ।

मिथुन : आज सिंह राशि वाले घरवाली ह जबरदस्ती कुछ खवाय के कोसिस करही। एखर से बचे बर सिंहनी के फोटू के पूजा करौ। करिया कुकुर ल घास खवावव। भैरा बाबा में भँइस के दूध चढ़ावव। मूष चालीसा के पाठ करे से रक्षा जरूर होही।
कन्या : कुरूप दिखे बर मुँह में चीट पोत के निकलहू। परोसिन के नीयत ह तुँहर बर ठीक नइ हे, भाँग पिया के बुद्धु बना सकथे। राहू-केतु उल्टा चलत हे। डूँड़ी रक्सीन के अराधना अउ रक्सो पुरान के पाठ करना लाभदायक रही। कुकुर ल छेडऩा खतरा बन सकथे, सावधानी जरूरी हे।
तुला : साढ़े साते सनि के कोप हे। सनि में ठेठरी, खुरमी, अइरसा चढ़ाना बने रही। कनवा भटरी ल तीन छोर के धोती के दान करौ। जादा कोप से बचे बर ठुठवा बाहरी से अपनेच पीठ ल तीन बार ठोंकव अउ ठुँवा करौं। उलूक बत्तीसा के पाठ अउ बोम उं लं लूं उल्लुवाय नम: के जाप करना फायदा दी ही।
 वृश्चिक : मंगल ह कनेखी देखत हे अमंगल हो सकते। पत्नी के बाथरूम में घुसे का बाद ही मितानिन ल होली के गुलाब जामुन खवाहूँ। पत्नी देख लिही त धीरे झटका ह घलो जोर से लग सकथे। धुंकी दाई के अराधना अउ चिरकुटहीन चालीसा के पाठ करना उत्तम रही।
धनु : आज गदहा के पास से गुजरत समय ग्यारह बार होर-होर कहना ठीक रही। गदहा के दुलत्ती से नाली में मुँड़भसरा गिरे के योग बने हे। गदहा पचीसी परायण करौ। ठुंठवा पीपर के जर में काँके पानी चढ़ाना दुरघटना से बचे के उपाय हे। भाँग के सरबत ह उल्टा-पुल्टा करा सकथे।
मकर : सतबहिनिया देवी नाराज हे। प्रेमिका बर जौन पर्स बिसा के लाय हौ तेखर सूचना दुकानदार के जरिया घर के बाई तक पहुँच सकथे। परेम से सही लूहू यदि पत्नी ह चुंदियाही ते। एक दू मुटका मार सहे में भी भलाई हे नहीं ते मामला थाना तक जा सकथे। सहनसील गुटका खा के बिना थूँके पचा जाव। थोड़ा मतासी जरूर लगही, धियान मत दू हू।

कुंभ : बिहाव से पहिली के परेम के भांडा फूट सकथे। जुन्ना परेमिका से मिलन के जोग हे। सावचेत रहू। पत्नी ल नाराज करना महीना भर भारी पड़ सकथे। मइके प्रवास के जोग हे। करिया घोड़ी के पूजा करके खुर के पंचामृत लेना सुभ रही। घोड़ी ल चना मुर्रा के भोग लगावव।
मीन : कखरो मीन मेख निकालना घाटा में डाल सकथे। नसा के सेवन ह दुखदायी बन सकते। जुन्ना बैरी से सामना होवय तब गुलाल लगा के जै जौहार कहना ह बैर ल सदा बर खतम कर सकथे। होली के उमंग मा बॉस के बीवी से नजदीकी ठीक नइ हे, वेतन वृद्धि रूक सकथे। सावधानी रखौ। साँहड़ा देव ल उल्हुवा तिंवरा भाजी खवाना अउ ठाकुर देव के बोकरा के स्तुति करना सबो संकट से बचा सकथे।

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