ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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मंगलवार, 6 मार्च 2012

रंगों का त्योहार होली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें

ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे 
रंगों का त्योहार होली
 
 प्रिय मित्रों , 
 नमस्कार आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनायें.  होली रंगों का त्यौहार आप सभी को सापेक्ष रंगीन बनावें और आपकी हर कामनाएं पूर्ण हो, इन्हीं शुभेच्छाओं के साथ आईए चर्चा करते हैं होली विशेष पर .... रंगों का त्योहार होली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें छोटे-बड़े, महिलाएं-पुरुष सभी अलग-अलग रंगों से सराबोर होते हैं। हंसना, हंसाना, ठिठोली और शरारत करना सभी कुछ शामिल है। हर रंग का विशेष महत्त्व है और अलग-अलग मतलब। इस होली पर ऐसा कौन सा रंग प्रयोग करें जो आपके व्यवसाय, नौकरी एवं व्यापार के लिए लाभदायक हो। जी हां, यह भी संभव है रंगों का चयन अपने आय स्रोत के अनुकूल करने से आप अपने लाभ को बढ़ा सकते हैं तथा मान-प्रतिष्ठा भी अर्जित कर सकते हैं। किसे कैसा रंग चुनना है? आइए देखते हैं:
लाल रंग:
 लाल रंग भूमि पुत्र मंगल का रंग है। भूमि से संबंधित कार्य करने वाले बिल्डर्स, प्रापर्टी डिलर्स, कॉलोनाइजर्स, इंजीनियर्स, बिल्डिंग मटेरियल का व्यवसाय करने वाले एवं प्रशासनिक अधिकारियों को लाल रंग से ही होली का उत्सव मनाना चाहिए तथा गरीबों को भोजन कराने से अप्रत्याशित लाभ होगा। सभी कामनाएं पूर्ण होंगी।
मित्र रंग: गुलाबी, केशरिया, महरुन।
हरा:
हरा रंग बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। व्यापार में वृद्धि, शिक्षक, अभिभाषक, विद्यार्थियों, जज को सफलता हेतु एवं लेखक, पत्रकार, पटकथा, लेखक को भी होली हेतु इस रंग का प्रयोग करना, लाभ एवं सफलता दिलाएगा। कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर इंजीनियर भी हरा रंग का प्रयोग कर सकते हैं।
मित्र रंग: नीला, पीला, आसमानी।
पीला:
पीला रंग गुरु का प्रतिनिधित्व करता है। गुरु सोना, चांदी, अन्न व्यापार आर्थिक पक्ष को प्रभावित करता है। अनाज व्यापारी, सोना, चांदी व्यापारी शेयर का धंधा करने वाले से इस वर्ष अपनी स्थिति मजबूत करेंगे। अपने अन्य साथियों से आप दोगुनी अच्छी स्थिति में रहेंगे। सम्मानित होंगे।
मित्र रंग: लाल, हरा, जामुनी।
नीला:
नीला रंग शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। अभिनेता, रंगमंच, कम्प्यूटर व्यवसायी, प्लास्टिक, आइलपेंट, स्क्रेप, लौहा व्यवसायी एवं राजनीतिज्ञ लोग होली उत्सव नीले रंग से मनाएं। इससे इस वर्ष वह नई ऊंचाइयां एवं नवीन पद को प्राप्त करेंगे। आर्थिक एवं सामाजिक लाभ होगा।
मनोकामना पूर्ति रंगों से :
1. शीघ्र विवाह हेतु पीले रंग से होली मनाएं।
2. कोर्ट केस में विजय हेतु लाल, पीले रंग का उपयोग करें।
3. कार्पोरेट कर्मचारी पीले तथा हरे रंग से होली मनाएं।
4. विदेश यात्रा की कामना वाले नीले एवं ब्राउन रंग से होली का उत्सव मनाएं।
5. प्रमोशन हेतु लाल रंग का उपयोग करें।
6.गृहिणियों के लिए लाल रंग ही उत्तम है।
7. छात्रों/छात्राओं के लिए हरा अथवा हल्का गुलाबी रंग उत्तम है।
राशि के अनुसार किस रंग से खेलें होली?
धर्म में भी रंगों की मौजूदगी का खास उद्देश्य है। रंगों के विज्ञान को समझकर ही हमारे ऋ षि-मुनियों ने धर्म में रंगों का समावेश किया। पूजा के स्थान पर रांगोली बनाना कलाधर्मिता के साथ रंगों के मनोविज्ञान को भी प्रदर्शित करता है। कुंकुम, हल्दी, अबीर, गुलाल, मेहंदी के रूप में पांच रंग तो हर पूजा में शामिल हैं। धर्म ध्वजाओं के रंग, तिलक के रंग, भगवान के वस्त्रों के रंग भी विशिष्ठ रखे जाते हैं। ताकि धर्म-कर्म के समय हम उन रंगों से प्रेरित हो सकें, हमारे अंदर उन रंगों के गुण आ सकें।            
सूर्य की किरणों में सात रंग हैं। जिन्हें वेदों में सात रश्मियां कहा गया है- सप्तरश्मिरधमत् तमांसि। -ऋ ग्वेद 4-50-4अर्थात- सूर्य की सात रश्मियां हैं। सूर्य की इन रश्मियों के सात रंग हैं- बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी और लाल। इन्हें तीन भागों में बांटा गया है- गहरा, मध्यम और हल्का। इस प्रकार सात गुणित तीन से 21 प्रकार की किरणें हो जाती हैं। अथर्ववेद में कहा गया है- ये त्रिषप्ता:परियन्ति विश्वा रुपाणि बिभ्रत:। अथर्ववेद  अर्थात यह 21 प्रकार की किरणें संसार में सभी दिशाओं में फैली हुई हैं तथा इनसे ही सभी रंग-रूप बनते हैं। वेदों के अनुसार संसार में दिखाई देने वाले सभी रंग सूर्य की किरणों के कारण ही दिखाई देते हैं। सूर्य किरणों से मिलने वाली रंगों की ऊर्जा हमारे शरीर को मिले इसके लिए ही सूर्य को अघ्र्य देने का धार्मिक विधान है।
 ज्योतिषिय दृष्टिकोण से कौन सा रंग किस राशि के लिए सुख-समृद्धि देने वाला है यह भी पता लगाया जा सकता है। इस होली पर कौन सा रंग अपनाएं जो वर्ष भर हमें ऊर्जावान रखें तथा आर्थिक रूप से लाभदायक हो, इसकी जानकारी इस प्रकार है-
मेष-वृश्चिक:
 मेष-वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल है। मंगल का रंग लाल है और उनका पूजन भी लाल सामग्री से ही होता है। अत: मेष-वृश्चिक राशि वाले लोगों को लाल रंग से होली खेलना अति लाभदायक होगा, इससे उनको मान-सम्मान मिलेगा तथा क्रोध पर नियंत्रण होगा। भूमि से लाभ मिलेगा, ऋ णों से मुक्ति मिलेगी। विवाह में बाधा नहीं आएगी।
वृषभ-तुला:
 वृषभ-तुला राशि के स्वामी शुक्र है। शुक्र ज्योर्तिमंडल में सफेद चमकीले ग्रह के रूप में विद्यमान है। वृषभ-तुला राशि वाले जातक होली पर सफेद वस्त्र पहनें तथा होली खेलने में पीले एवं आसमानी रंग का प्रयोग करें। इससे वैभव की प्राप्ति होगी। विलासिता पूर्ण जीवन का आनंद उठा सकेंगे। मित्र, परिजन सभी आपको सम्मान देंगे। सुखपूर्वक समय गुजारेंगे।
मिथुन-कन्या:
इन दोनों राशियों के स्वामी बुध है। बुध बुद्धि एवं वाणी से संबंधित माने जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार बुध हरे रंग का प्रतिनिधि ग्रह है। मिथुन-कन्या राशि वाले जातक होली पर सुबह गाय को हरा चारा खिलाएं। हरे रंग से होली का उत्सव मनाए। इसके प्रभाव से वे व्यापार एवं नौकरी में सम्मानजनक उपलब्धि अर्जित करेंगे। मान-सम्मान की प्राप्ति एवं संतान भी प्रगति करेगी। संतानहीन को संतान की प्राप्ति होगी।
कर्क:
राशि के स्वामी चंद्रमा हैं। चंद्रमा मन एवं धन से संबंधित ग्रह है। जो पूर्ण सफेद है। कर्क राशि के लोगों को सफेद आक के फूलों से भगवान शिव का पूजन कर पीले, केसरिया एवं हरे रंग से होली खेलना चाहिए। जो उनके लिए धन प्रदाता एवं सुख में वृद्धि करने वाला होग। हरा रंग शांति प्रदान करेगा। संतान का सुख मिलेगा तथा समाज में सम्मान भी मिलेगा।
सिंह:
सिंह राशि के स्वामी सूर्य है। जो सारे ग्रहों के भी स्वामी है। लाल, पीला, महरुन एवं नारंगी सूर्य से संबंधित रंग है। सिंह राशि वाले जातकों को होली के दिन प्रात: सूर्य को लाल गुलाब मिश्रित जल से अध्र्य देकर लाल रंग से होली खेलना चाहिए। इससे वे अत्यधिक ऊर्जा की प्राप्ति करेंगे। शरीर में शक्ति का संचार होगा। बुद्धि प्रखर होगी। उच्च पद पर आसीन होंगे।
धनु-मीन:
धनु एवं मीन राशि के स्वामी गुरु है। गुरु धर्म शुद्ध आचरण, सात्विक प्रवृत्ति एवं अत्यधिक धन प्रदाता ग्रह है। धनु-मीन राशि के जातकों को होली के दिन प्रात: भगवान शंकर का पीली हल्दी की गांठों से पूजन करना चाहिए तथा गरीबों को भोजन कराना चाहिए। होली हेतु इन्हें पीले रंग का उपयोग लाभकारी होगा जो उन्हें धन, मान-सम्मान एवं सफलता दिलाएगा।
मकर-कुंभ:
मकर एवं कुंभ राशि के स्वामी शनि है। शनि न्यायप्रिय एवं मंद गति का ग्रह है। जिनका रंग नीला है। शनि सात्विक एवं धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों को कभी कष्ट नहीं देते हैं। मकर एवं कुंभ राशि के जातकों को होली में नीले, सफेद, काले, ब्राउन रंगों का उपयोग लाभदायक होगा। होली के दिन असहाय को मदद करें एवं काले कुत्ते को तेल चुपड़ी रोटी खिलाएं। ऐसा करने वाला रंक भी राजा बन जाता है तथा अपनी 21 पीढिय़ों तक सुख भोगता है।
सम्पादक , ''ज्योतिष का सूर्य '' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे ०९८२७१९८८२८, भिलाई, दुर्ग (छ.ग.) मोबा . न.०९८२७१९८८२८ (उपरोक्त आलेख उक्त पत्रिका में प्रकाशित हो चूका है कृपया किसी को कापी करना दंडनीय आपराध है)-आदेश ''संपादक मंडल'' ज्योतिष का सूर्य

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