स्वागत है नवसम्वत्
ज्योतिष के अनुसार राजा और मंत्री दोनों के पद शुक्र को मिलने का ऐसा संयोग एक सदी पहले तक देखने को नहीं मिला।16 साल बाद संवत 2086 में वापस शुक्र को राजा व मंत्री के पद पर रहने का अवसर मिलेगा। हालांकि राजा और मंत्री इन दोनों पदों पर एक ग्रह के आसीन रहने का अवसर तो कई बार आया,मगर शुक्र को यह अवसर एक सदी बाद मिला।
23 मार्च 2012 ई. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शुक्रवार को आरंभ हो रहा है जो च्विश्वावसुज्नाम से जाना जायेगा। यह अठाईसवें महायुग का 39 वाँ सम्वत्सर है, जिसमें 5113 कलिगताब्द होकर 426887 भोग्य कलिकाल शेष है। इसमें भयानक रोगों, अन्न जल की कमी, राजनेताओं, नौकरशाहों में भ्रष्टाचार कर कालेधन का संचय की प्रवृत्ती बढ़ेगी। राष्ट्रीय धन के दोहन विषयक मुद्दे उभरेंगे।यह संवत्सर प्रजा में आध्यात्मिक रुचि व आस्था बढ़ाने वाला साबित होगा। वहीं लोगों में सत्ता के प्रति रोष रहेगा। धातुओं में तेजी, आर्थिक स्थिति में मजबूती और सुख-शांति देने वाला रहेगा। नए संवत् में रोहिणी का वास पर्वत पर होने से कहीं-कहीं वर्षा में कमी के संकेत मिलेंगे, तो समय का वास कुंभकार के पास होने से भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी होगी। समय का वाहन मेंढक होने से अच्छी वर्षा के संकेत हैं।
यह रहेगा मंत्रिमंडल
राजा : शुक्र, मंत्री : शुक्र, सश्येश: चंद्रमा, मेघेश, फलेश व दुर्गेश : गुरु, रसेश : मंगल, धनेश व नीरसेश : सूर्य, धान्येश : शनि आदि होंगे। आगे भी ऐसा संयोग बनेगा संवत 2071 : चंद्रमा, संवत 2078 : मंगल, संवत 2082 : सूर्य, संवत 2084 : बुध, संवत 2086 : शुक्र।
क्या कहती है हिन्दू नववर्ष की कुन्डली ...?
विक्रमाब्द 2069 का आरम्भ 22 मार्च 2012ई. वृहस्पतिवार समय-08:06 बजे कन्या लग्न में हो रहा है। वर्ष का संचालन शुक्र ग्रह के अधीन होगा। फलत: असुर गुरू शुक्र के प्रभावी-स्त्रियों, म्लेच्छ, अल्प संख्यक, तथा अन्त्यजों का प्रभाव शुमार पर होगा। वृहस्पति, शुक्र दोनों के अष्टम भावस्थ होने के कारण नक्सलवाद, घरेलु हिंसा और रेल एवं यान दुर्घटनाएं बढ़ेंगी। साम्प्रदायिक दंगे होने से भी नकारा नहीं जा सकता है। खण्ड-वर्षा, दैवीय उत्पातजन्य समस्याओं से जनता व कृषक दोनों तबाह रहेंगे। छत्तीसगढ़, झारखंड, जम्मू कश्मिर, पंजाब, गुजरात, हिमांचल प्रदेश, काफी उपद्रव ग्रस्त होने की अधिक सम्भावना है। म्लेच्छ-प्रजाति के नृशंस नरभक्षी आतंकवादियों के निशाने पर देश के 5 महानगर रहेंग।
भाजपा के शिर्षस्थ किसी एक राजनेता का निधन हो सकता है, जिसकी पूर्ति शायद ही कोई शख्स कर सके। इस सदमें से जहां एक तरफ देश का नेतृत्व को उबरने व सम्भलने में काफी वक्त लगेगा वहीं साहित्य-जगत को भी काफी हानि पहुंचेगी।
कांग्रेस के दक्षिणी नेतृत्व के लिए भी कुछ अच्छे संदेश नहीं हैं। अत: अभी से कांग्रेस को अपने नेतृत्व में काफी बदलाव लाना चाहिए।
च्प्राच्यां छत्रभंगमुपद्रव:ज् से यह प्रतीत हो रहा है कि विनाशकारी हथियारों के संग्रह की होड़ को लेकर खाड़ी देशों में परस्पर में युद्ध की स्थिति बन रही है। अणु-बमों के संधान से पृथ्वी एक बड़े हिस्से को नुकासन पहुँच सकता है।
वैसे तो कमोबेश अभी वर्तमान में हो रहे विधान सभा चुनावों में उत्तर प्रदेश का परिणाम कई मायनों में महत्त्वपूर्ण है लेकिन कांग्रेस के युवराज राहुलजी के लिए लाभप्रद नहीं होगा, क्योंकि पार्टी का प्रदर्शन संतोषप्रद नहीं रहेगा, जो राहुल गांधी के पराजय के रूप में देखा जायेगा। संप्रग-2 की मुश्किले बढ़ेंगी। अखिलेश यादव का राजनितिक भाग्य खिलेगा अर्थात विजय होना तय है, और मुख्यमंत्री भी।
संभावित खगोलीय घटनाएँ :
इस वर्ष सूर्य और शुक्र का अद्भुत विलक्षण योग निर्मीत हो रहा है। 6 जून को वक्रि शुक्र सूर्य बिम्ब के उपर से गुजरेगा जो आकाश में सुन्दर न•ाारा के रूप में दिखेगा। इसके पहले यह आकाशीय नज़ारा 1761, 1769, 1874, 1882, 2004 में शुक्र का अतिक्रमण हुआ था। प्राय: ऐसा संयोग 100 वर्ष में 7 से 9 बार होता है। इस खगोलीय दृश्य को भारत के कोलकाता, मुम्बई और दिल्ली में प्रात: 05:३० बजे दूरबीन से अथवा वैज्ञानिकीय यंत्रों के माध्यम से देखा जा सकता है।
-ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे - '' ज्योतिष का सूर्य '' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका
जीवन ज्योतिष भवन, सड़क-26, कोहका मेन रोड, शांतिनगर, भिलाई, दुर्ग(छ.ग.)
मोबा.नं.09827198828, jyotishkasurya@gmail.com
ज्योतिष के अनुसार राजा और मंत्री दोनों के पद शुक्र को मिलने का ऐसा संयोग एक सदी पहले तक देखने को नहीं मिला।16 साल बाद संवत 2086 में वापस शुक्र को राजा व मंत्री के पद पर रहने का अवसर मिलेगा। हालांकि राजा और मंत्री इन दोनों पदों पर एक ग्रह के आसीन रहने का अवसर तो कई बार आया,मगर शुक्र को यह अवसर एक सदी बाद मिला।
23 मार्च 2012 ई. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शुक्रवार को आरंभ हो रहा है जो च्विश्वावसुज्नाम से जाना जायेगा। यह अठाईसवें महायुग का 39 वाँ सम्वत्सर है, जिसमें 5113 कलिगताब्द होकर 426887 भोग्य कलिकाल शेष है। इसमें भयानक रोगों, अन्न जल की कमी, राजनेताओं, नौकरशाहों में भ्रष्टाचार कर कालेधन का संचय की प्रवृत्ती बढ़ेगी। राष्ट्रीय धन के दोहन विषयक मुद्दे उभरेंगे।यह संवत्सर प्रजा में आध्यात्मिक रुचि व आस्था बढ़ाने वाला साबित होगा। वहीं लोगों में सत्ता के प्रति रोष रहेगा। धातुओं में तेजी, आर्थिक स्थिति में मजबूती और सुख-शांति देने वाला रहेगा। नए संवत् में रोहिणी का वास पर्वत पर होने से कहीं-कहीं वर्षा में कमी के संकेत मिलेंगे, तो समय का वास कुंभकार के पास होने से भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी होगी। समय का वाहन मेंढक होने से अच्छी वर्षा के संकेत हैं।
यह रहेगा मंत्रिमंडल
राजा : शुक्र, मंत्री : शुक्र, सश्येश: चंद्रमा, मेघेश, फलेश व दुर्गेश : गुरु, रसेश : मंगल, धनेश व नीरसेश : सूर्य, धान्येश : शनि आदि होंगे। आगे भी ऐसा संयोग बनेगा संवत 2071 : चंद्रमा, संवत 2078 : मंगल, संवत 2082 : सूर्य, संवत 2084 : बुध, संवत 2086 : शुक्र।
क्या कहती है हिन्दू नववर्ष की कुन्डली ...?
विक्रमाब्द 2069 का आरम्भ 22 मार्च 2012ई. वृहस्पतिवार समय-08:06 बजे कन्या लग्न में हो रहा है। वर्ष का संचालन शुक्र ग्रह के अधीन होगा। फलत: असुर गुरू शुक्र के प्रभावी-स्त्रियों, म्लेच्छ, अल्प संख्यक, तथा अन्त्यजों का प्रभाव शुमार पर होगा। वृहस्पति, शुक्र दोनों के अष्टम भावस्थ होने के कारण नक्सलवाद, घरेलु हिंसा और रेल एवं यान दुर्घटनाएं बढ़ेंगी। साम्प्रदायिक दंगे होने से भी नकारा नहीं जा सकता है। खण्ड-वर्षा, दैवीय उत्पातजन्य समस्याओं से जनता व कृषक दोनों तबाह रहेंगे। छत्तीसगढ़, झारखंड, जम्मू कश्मिर, पंजाब, गुजरात, हिमांचल प्रदेश, काफी उपद्रव ग्रस्त होने की अधिक सम्भावना है। म्लेच्छ-प्रजाति के नृशंस नरभक्षी आतंकवादियों के निशाने पर देश के 5 महानगर रहेंग।
भाजपा के शिर्षस्थ किसी एक राजनेता का निधन हो सकता है, जिसकी पूर्ति शायद ही कोई शख्स कर सके। इस सदमें से जहां एक तरफ देश का नेतृत्व को उबरने व सम्भलने में काफी वक्त लगेगा वहीं साहित्य-जगत को भी काफी हानि पहुंचेगी।
कांग्रेस के दक्षिणी नेतृत्व के लिए भी कुछ अच्छे संदेश नहीं हैं। अत: अभी से कांग्रेस को अपने नेतृत्व में काफी बदलाव लाना चाहिए।
च्प्राच्यां छत्रभंगमुपद्रव:ज् से यह प्रतीत हो रहा है कि विनाशकारी हथियारों के संग्रह की होड़ को लेकर खाड़ी देशों में परस्पर में युद्ध की स्थिति बन रही है। अणु-बमों के संधान से पृथ्वी एक बड़े हिस्से को नुकासन पहुँच सकता है।
वैसे तो कमोबेश अभी वर्तमान में हो रहे विधान सभा चुनावों में उत्तर प्रदेश का परिणाम कई मायनों में महत्त्वपूर्ण है लेकिन कांग्रेस के युवराज राहुलजी के लिए लाभप्रद नहीं होगा, क्योंकि पार्टी का प्रदर्शन संतोषप्रद नहीं रहेगा, जो राहुल गांधी के पराजय के रूप में देखा जायेगा। संप्रग-2 की मुश्किले बढ़ेंगी। अखिलेश यादव का राजनितिक भाग्य खिलेगा अर्थात विजय होना तय है, और मुख्यमंत्री भी।
संभावित खगोलीय घटनाएँ :
इस वर्ष सूर्य और शुक्र का अद्भुत विलक्षण योग निर्मीत हो रहा है। 6 जून को वक्रि शुक्र सूर्य बिम्ब के उपर से गुजरेगा जो आकाश में सुन्दर न•ाारा के रूप में दिखेगा। इसके पहले यह आकाशीय नज़ारा 1761, 1769, 1874, 1882, 2004 में शुक्र का अतिक्रमण हुआ था। प्राय: ऐसा संयोग 100 वर्ष में 7 से 9 बार होता है। इस खगोलीय दृश्य को भारत के कोलकाता, मुम्बई और दिल्ली में प्रात: 05:३० बजे दूरबीन से अथवा वैज्ञानिकीय यंत्रों के माध्यम से देखा जा सकता है।
-ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे - '' ज्योतिष का सूर्य '' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका
जीवन ज्योतिष भवन, सड़क-26, कोहका मेन रोड, शांतिनगर, भिलाई, दुर्ग(छ.ग.)
मोबा.नं.09827198828, jyotishkasurya@gmail.com
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