ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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रविवार, 1 जनवरी 2012

छत्तीसगढ़ को नौ जिलों की सौगात : बालोद का तेजी से और बेमेतरा का होगा क्रमिक विकास

छत्तीसगढ़ को नौ जिलों की सौगात :
बालोद का तेजी से और बेमेतरा का होगा क्रमिक विकास

सिटी रिपोर्टर . भिलाई
रविवार को 2012 की नई सुबह के साथ ही बालोद और बेमेतरा स्वतंत्र जिले के रूप में अस्तित्व में आ जाएंगे। नए जिलों के गठन के साथ ही वहां विकास की संभावनाओं, जन सुविधाओं, राजनीतिक व प्रशासनिक प्रभावों पर चर्चाएं हो रही है। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक जल, जंगल और खनिज से संपन्न बालोद तेजी से विकास करता हुआ राज्य का खजाना भरने में अहम भूमिका निभाएगा। वहीं अपनी उर्वरा धरती में फसलों की समृद्धि उगाने वाला बेमेतरा क्रमिक विकास करते हुए छत्तीसगढ़ की कृषि राजधानी के रूप में पहचान बनाएगा।
पंडित विनोद चौबे का कहना है कि 31 दिसंबर- 1जनवरी की दरम्यानी रात जब नए जिले अस्तित्व में आ जाएंगे उस समय कन्या लग्न रहेगा। कन्या का स्वामी बुध है। संयोग की बात है कि छत्तीसगढ़ की राशि मिथुन है और उसका भी स्वामी बुध है। कर्मक्षेत्र में मिथुन राशि तथा बुध के साथ तृतीय भाव में राहू की युति के कारण नए जिले का गठन जहां जिलेवासियों के लिए सौगात लेकर आएगा वहीं छत्तीसगढ़ के लिए भी बहुत अच्छा होगा।
शिक्षा में होगा सुधार
भौगोलिक दृष्टि व ज्योतिषीय गणना के अनुसार बालोद की स्थिति 20 डिग्री 43 अक्षांश उत्तर व 82 डिग्री 13 रेखांश पूर्व है। अर्थात बालोद 16.6 डिग्री की है। यह इशारा करता है कि बालोद में औद्योगिक विकास की संभावनाएं बहुत प्रबल है। विश्वविद्यालय या अन्य कोई उच्च शैक्षणिक संस्थान भी यहां खुलेंगे। यहां प्रशासनिक कसावट और सुविधाओं से जनता में खुशहाली रहेगी, लेकिन द्वादश भाव में मंगल बैठे होने कारण नक्सली गतिविधियां इस जिले में कुछ बढ़ेंगी। द्वितीय भाव में शनि बैठा है और तुला राशि में ंहैं इससे कुछ अफसर भ्रष्टाचार के बड़े आरोपों से घिर सकते हैं।
तरक्की करेगा दुर्ग
बालोद और बेमेतरा के बंटवारे के बाद दुर्ग जिला आकार में छोटा हो जाएगा। लोगों को आशंका है कि बालोद की खनिज संपदा और बेमेतरा का कृषि रकबा अलग हो जाने के बाद दुर्ग गरीब हो जाएगा। ज्योतिषीय इससे बिलकुल सहमत नहीं है। पंडित चौबे का कहना है कि उत्तर और दक्षिण के कुछ हिस्से अलग होने से दुर्ग का आकार गौमुखी जैसा हो गया है। पहले की तुलना में उत्तर व पूर्व दिशा बड़ा हो जाएगा। वास्तु के हिसाब से यह बहुत अच्छा है। गौमुखी समृद्धि का प्रतीक है। ऐसे दुर्ग जिला पहले से और ज्यादा तरक्की करेगा।
कृषि में बेमेतरा करेगा प्रगति
भौगोलिक दृष्टि व ज्योतिषीय गणना के अनुसार बेमेतरा की स्थिति 21 डिग्री 70 अक्षांश उत्तर व 81 डिग्री 53 रेखांश पूर्व है। अर्थात बेमेतरा 26 डिग्री की है। इसका विकास क्रमिक रूप से धीरे-धीरे होगा। चंद्रमा सप्तम भाव में बैठा है और मीन राशि पर है। मीन का स्वामी देव गुरु बृहस्पति है। यह जिला कृषि के क्षेत्र में खूब तरक्की करेगा, लेकिन भाग्य भाव में केतु होने के कारण शुरूआती दौर में प्राकृतिक आपदाओं और मौसम की बेरूखी से प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। बाद में यह जिले के लिए और वहां के लोगों के लिए यह उन्नतिकारक साबित होगा। कला व मनोरंजन के क्षेत्र में भी बेमेतरा अपनी खास पहचान बनाएगी।.
...http://epaper.bhaskar.com/mpcg/epapermain.aspx?eddate=1/1/2012&edcode=119

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