http://www.bhaskar.com/article/CHH-OTH-1850525-2897507.html
कुंआरों से नाराज हैं ग्रहों का मंत्रिमंडल
दैनिक भास्कर समाचार पत्र में हमारे द्वारा की भविष्यवाणी
(निर्मल साहू)सिटी रिपोर्टर त्न भिलाई
लगता है इस साल ग्रहों का मंत्रिमंडल कुंआरों से नाराज हैं। तभी इस साल विवाह के मुहूर्त बहुत कम हैं। एक महीने तक गुरु और शुक्र अस्ताचल में छिपे रहेंगे। उनकी गैर-मौजूदगी में विवाह हो नहीं सकते। कुछ खरमास का अडंगा हैं तो कुछ मासांत दोष।
लगभग पांच महीने तो देव ही सोए रहेंगे। इस साल सात फेरे लेकर विवाह बंधन में बंधने का ख्वाब देख रहे हैं तो जल्दी कीजिए। जनवरी से दिसंबर तक मात्र 48 दिन ही विवाह के योग हैं। जनवरी के 9 दिन और फरवरी के 11 दिन के योग तो बीत गए। अब मात्र 28 दिन बचे हैं। 14 मार्च से 14 अप्रैल तक सूर्य मीन राशि में चला जाएगा। खरमास के कारण इस महीने विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं है। इसके बाद 1 मई को गुरु पश्चिम में अस्त होगा जो 1 जून को पूर्व में उदय होगा। शुक्र 26 मई को अस्त होगा, जो 6 जून को उदित होगा। पूरा मई और जून के शुरुआती 11 दिन भी विवाह नहीं हो सकेंगे। 27 जून को देवशयनी एकादशी के बाद देव सो जाएंगे जो 24 नवंबर को प्रबोधिनी एकादशी के दिन जागेंगे- तब तक वैसे भी शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। 30 जून से 27 नवंबर तक लगभग पांच महीने भी कोई मुहूर्त नहीं है।
विवाह के लिए गुरु व शुक्र जरूरी : पं. विनोद चौबे बताते हैं कि जब तक गुरु और शुक्र उदित नहीं होंगे विवाह नहीं हो सकता। गुरु विवाह का कारक होता है जो दो विचारों व संस्कारों में तालमेल कराता है। शुक्र प्रेम का कारक होता है जो दांपत्य जीवन के लिए जरूरी है। यह शास्त्र सम्मत भी है कि जब गुरु और शुक्र अस्त हों तो विवाह नहीं होता।
कुंआरों से नाराज हैं ग्रहों का मंत्रिमंडल
दैनिक भास्कर समाचार पत्र में हमारे द्वारा की भविष्यवाणी
(निर्मल साहू)सिटी रिपोर्टर त्न भिलाई
लगता है इस साल ग्रहों का मंत्रिमंडल कुंआरों से नाराज हैं। तभी इस साल विवाह के मुहूर्त बहुत कम हैं। एक महीने तक गुरु और शुक्र अस्ताचल में छिपे रहेंगे। उनकी गैर-मौजूदगी में विवाह हो नहीं सकते। कुछ खरमास का अडंगा हैं तो कुछ मासांत दोष।
लगभग पांच महीने तो देव ही सोए रहेंगे। इस साल सात फेरे लेकर विवाह बंधन में बंधने का ख्वाब देख रहे हैं तो जल्दी कीजिए। जनवरी से दिसंबर तक मात्र 48 दिन ही विवाह के योग हैं। जनवरी के 9 दिन और फरवरी के 11 दिन के योग तो बीत गए। अब मात्र 28 दिन बचे हैं। 14 मार्च से 14 अप्रैल तक सूर्य मीन राशि में चला जाएगा। खरमास के कारण इस महीने विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं है। इसके बाद 1 मई को गुरु पश्चिम में अस्त होगा जो 1 जून को पूर्व में उदय होगा। शुक्र 26 मई को अस्त होगा, जो 6 जून को उदित होगा। पूरा मई और जून के शुरुआती 11 दिन भी विवाह नहीं हो सकेंगे। 27 जून को देवशयनी एकादशी के बाद देव सो जाएंगे जो 24 नवंबर को प्रबोधिनी एकादशी के दिन जागेंगे- तब तक वैसे भी शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। 30 जून से 27 नवंबर तक लगभग पांच महीने भी कोई मुहूर्त नहीं है।
विवाह के लिए गुरु व शुक्र जरूरी : पं. विनोद चौबे बताते हैं कि जब तक गुरु और शुक्र उदित नहीं होंगे विवाह नहीं हो सकता। गुरु विवाह का कारक होता है जो दो विचारों व संस्कारों में तालमेल कराता है। शुक्र प्रेम का कारक होता है जो दांपत्य जीवन के लिए जरूरी है। यह शास्त्र सम्मत भी है कि जब गुरु और शुक्र अस्त हों तो विवाह नहीं होता।
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