मित्रों.
.''ज्योतिष का सूर्य''राष्ट्रीय मासिक पत्रिका का आगामी अंक ''हिन्दू नववर्ष 2069 विशेषांक'' में विज्ञापन एवं आलेख देने के लिए संपर्क करें..
प्रकाशन 15 मार्च 2012, लगातार 31 सवाँ अंक .
उक्त मासिक पत्रिका ने विगत तीन वर्षों में भारत पटल पर बनाने में सफल रही है। ज्ञात हो कि पिछले दिसम्बर (2011) में आंग्ल नववर्ष के मद्देनजर 2012 राशिफल विशेषांक प्रकासित किया गया जो देश भर में पाठकों द्वारा सराहना की गयी थी। इसी सफलता को देखते हुए उसी क्रम में आगामी अंक 15 मार्च 2012 को हिन्दू नव वर्ष विश्व का सर्व श्रेष्ठ मानक वर्ष है सूर्यसिद्धांत और खगोल पर आधारित इस वर्ष की न केवल प्रशंसा होती वरन इसे पूरे विश्व के लोग स्वीकार भी करते हैं। अतः हम भारतीय लोगों को भी इसे सहर्ष स्वीकार करना चाहिए.।
मित्रों इस नूतन वर्ष पर हमारे संपादक मंडल ने यह लिर्णय लिया है कि बहुरंगी साज-सज्जा के साथ एक दुर्लभ पाठ्य सामग्रीयों से युक्त विशेषांक प्रकासित किया जाय। अतः इस विशेषांक में यदि आप लोग भी अपने विचार लेखों के माध्यम से अथवा अपने प्रतिष्ठान, दूकान, व्यापार, अथवा आस्था का मंदिर अतः मंदिरों सहित ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ आदि मित्रगण विज्ञापन देना चाहते हैं तो आप सहर्ष हमसे संपर्क कर सकते हैं अथवा बाई पोस्ट हमें प्रेषित कर सकते हैं चूंकि निचे दिये गये चित्र में बाकि विवरण दिये गये हैं जिसमें पता भी है।
पत्रिका के विस्तारित स्थान उ.प्र., झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश, दिल्ली और छत्तीसगढ़..जिनमें प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ में 40 हजार प्रतियां वितरित हो रहीं हैं..
शुभमस्तु।
.''ज्योतिष का सूर्य''राष्ट्रीय मासिक पत्रिका का आगामी अंक ''हिन्दू नववर्ष 2069 विशेषांक'' में विज्ञापन एवं आलेख देने के लिए संपर्क करें..
प्रकाशन 15 मार्च 2012, लगातार 31 सवाँ अंक .
उक्त मासिक पत्रिका ने विगत तीन वर्षों में भारत पटल पर बनाने में सफल रही है। ज्ञात हो कि पिछले दिसम्बर (2011) में आंग्ल नववर्ष के मद्देनजर 2012 राशिफल विशेषांक प्रकासित किया गया जो देश भर में पाठकों द्वारा सराहना की गयी थी। इसी सफलता को देखते हुए उसी क्रम में आगामी अंक 15 मार्च 2012 को हिन्दू नव वर्ष विश्व का सर्व श्रेष्ठ मानक वर्ष है सूर्यसिद्धांत और खगोल पर आधारित इस वर्ष की न केवल प्रशंसा होती वरन इसे पूरे विश्व के लोग स्वीकार भी करते हैं। अतः हम भारतीय लोगों को भी इसे सहर्ष स्वीकार करना चाहिए.।
मित्रों इस नूतन वर्ष पर हमारे संपादक मंडल ने यह लिर्णय लिया है कि बहुरंगी साज-सज्जा के साथ एक दुर्लभ पाठ्य सामग्रीयों से युक्त विशेषांक प्रकासित किया जाय। अतः इस विशेषांक में यदि आप लोग भी अपने विचार लेखों के माध्यम से अथवा अपने प्रतिष्ठान, दूकान, व्यापार, अथवा आस्था का मंदिर अतः मंदिरों सहित ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ आदि मित्रगण विज्ञापन देना चाहते हैं तो आप सहर्ष हमसे संपर्क कर सकते हैं अथवा बाई पोस्ट हमें प्रेषित कर सकते हैं चूंकि निचे दिये गये चित्र में बाकि विवरण दिये गये हैं जिसमें पता भी है।
पत्रिका के विस्तारित स्थान उ.प्र., झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश, दिल्ली और छत्तीसगढ़..जिनमें प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ में 40 हजार प्रतियां वितरित हो रहीं हैं..
शुभमस्तु।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें