ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

!!विशेष सूचना!!
नोट: इस ब्लाग में प्रकाशित कोई भी तथ्य, फोटो अथवा आलेख अथवा तोड़-मरोड़ कर कोई भी अंश हमारे बगैर अनुमति के प्रकाशित करना अथवा अपने नाम अथवा बेनामी तौर पर प्रकाशित करना दण्डनीय अपराध है। ऐसा पाये जाने पर कानूनी कार्यवाही करने को हमें बाध्य होना पड़ेगा। यदि कोई समाचार एजेन्सी, पत्र, पत्रिकाएं इस ब्लाग से कोई भी आलेख अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करना चाहते हैं तो हमसे सम्पर्क कर अनुमती लेकर ही प्रकाशित करें।-ज्योतिषाचार्य पं. विनोद चौबे, सम्पादक ''ज्योतिष का सूर्य'' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका,-भिलाई, दुर्ग (छ.ग.) मोबा.नं.09827198828
!!सदस्यता हेतु !!
.''ज्योतिष का सूर्य'' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका के 'वार्षिक' सदस्यता हेतु संपूर्ण पता एवं उपरोक्त खाते में 220 रूपये 'Jyotish ka surya' के खाते में Oriental Bank of Commerce A/c No.14351131000227 जमाकर हमें सूचित करें।

ज्योतिष एवं वास्तु परामर्श हेतु संपर्क 09827198828 (निःशुल्क संपर्क न करें)

आप सभी प्रिय साथियों का स्नेह है..

बुधवार, 22 फ़रवरी 2012

कुंभ प्राचीन कुंभों का उपहास : शंकराचार्य

कुंभ प्राचीन कुंभों का उपहास : शंकराचार्य

छत्तीसगढ़ के सुप्रसिध्द तीर्थ राजिम के त्रिवेणी संगम पर 13 दिवसीय राजिम कुंभ मेले के अंतिम दिन सोमवार महाशिवरात्रि पर शाही स्नान का अनुष्ठान सम्पन्न हुआ। इससे पहले नागा साधुओं के साथ अन्य सम्प्रदायों, आश्रमों, अखाडों और शक्तिपीठों के साधु-संतों की नवापारा और राजिम में भव्य शोभा यात्रा निकली। संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल साधु-संतों के साथ शोभा यात्रा में शामिल हुए और संगम पर बने शाही कुंड में महाशिवरात्रि पर पुण्य स्नान किया।
शोभा यात्रा सुबह साढ़े सात बजे लोमश ऋषि आश्रम के पास बने संत समागम स्थल से निकली। देश भर से आए नागा साधुओं के अलावा अन्य साधु-संत अपने-अपने अखाड़ों, आश्रमों, सम्प्रदायों तथा शक्तिपीठों के परम्परागत शस्त्रों, ध्वजों और पताकाओं के साथ इसमें शामिल हुए। उन्होंने मार्ग में जगह-जगह शस्त्रों के साथ करतब दिखाए। रास्ते में श्रध्दालुजनों द्वारा साधु-संतों का स्वागत किया गया। शोभा यात्रा नेहरू घाट, महानदी पुल, पं. सुंदरलाल शर्मा चौक, राजिम से नदी के रास्ते शाही कुंड तक पहुंची। यहां सबसे पहले नागा साधुओं ने स्नान किया।
इससे पहले महाशिवरात्रि पर हजारों श्रध्दालुओं ने त्रिवेणी संगम पर पुण्य स्नान का लाभ लिया। इसके लिए सुबह चार बजे से श्रध्दालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कुलेश्वर महादेव मंदिर, राजीव लोचन मंदिर के अतिरिक्त नवापारा और राजिम के अन्य मंदिरों में दिनभर दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। महाशिवरात्रि के कारण मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया था। सुबह तीन बजे से ही मंदिरों के द्वार दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए थे। स्नान से पूर्व श्रध्दालुओं ने मुक्ताकाशी मंच पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद सुबह तक उठाया। इसके बाद संगम पर स्नान का सिलसिला शुरू हो गया। स्नान के बाद श्रध्दालुगण मंदिरों में पहुंचेे। महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान श्री राजीव लोचन का विशेष श्रृंगार किया गया तथा पूजा-अर्चना की गई। राजीव लोचन मंदिर में दर्शनार्थियों को भगवान श्री राजीव लोचन को लगाए गए भोग का प्रसाद वितरित किया गया
 कुंभ प्राचीन कुंभों का उपहास : शंकराचार्य
पुरी के शंकराचार्य जगदगुरु स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने राजिम कुंभ के समापन अवसर पर संबोधित करते हुए राज्यपाल शेखर दत्त व संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की उपस्थिति में कहा कि राजिम में हर... वर्ष कुंभ का आयोजन कर देश के प्राचीन कुंभों का उपहास किया जा रहा है। यह हर वर्ष नहीं होना चाहिए। पूरा कुंभ बारह वर्षों में व अर्ध कुंभ छह वर्ष में एक बार होता है, लेकिन राजिम में हर साल कुंभ हो र2हा है। राजिम कुंभ दिशाहीनता की ओर जा रहा है। शंकराचार्य ने कहा कि इसके जरिए धर्म अध्यात्म के प्रचार का अच्छा काम हो रहा है, फिर भी इसे कुंभ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि मेरी उपस्थिति में राजिम कुंभ का नारा लगाना मेरी अवहेलना है।
http://epaper.bhaskar.com/index.php?editioncode=116&pagedate=02%2F21%2F2012&ch=mpcg

कोई टिप्पणी नहीं: