रामायण मे एक घास के तिनके का भी रहस्य है, जो हर किसी को नहीं मालूम क्योंकि आज तक किसी ने हमारे ग्रंथो को समझने की कोशिश नहीं की,सिर्फ पढ़ा
है, देखा है, और सुना है,आज आप के समक्ष ऐसा ही एक रहस्य बताने जा रहा हूँ,रावण ने जब माँ सीता जी का हरण करके लंका ले गया, तब लंका मे सीता जी वट व्रक्ष के नीचे बैठ कर चिंतन करने लगी,रावण बार बार आकर माँ सीता जी को धमकाता था!
*अन्तर्नाद व्हाट्सएप ग्रुप के आत्मिय साथियों आईए आपको इस तिनके रहस्य का उद्घाटन करता हुं*
-आचार्य पण्डित विनोद चौबे, भिलाई
तृन धरि ओट कहत बैदेही !
सुमिरी अवधपति परम सनेही !!
"अब इस प्रश्न का उत्तर समझो" -
जब श्री राम जी का विवाह माँ सीता जी के साथ हुआ,
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