!!सुप्रभात !! यथा योग्य मंगल आशीष, प्रणाम, वंदन, अभिनंदन !!
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च ।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
स्तुता सुरैः पूर्वमभीष्टसंश्रयात्तथा सुरेन्द्रेण दिनेषु सेविता ।
करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः ।।
!! ऊँ नमश्चण्डिकायै!!
आपका दिन शुभ हो..
-ज्योतिषाचार्य पण्डित विनोद चौबे, संपादक- 'ज्योतिष का सूर्य' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, शांति नगर, भिलाई, जिला - दुर्ग (छ़ग़) मोबा.नं. 9827198828
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