भारतीयता की पहचान है कैलास यात्रा: तरूण विजय
वरिष्ठ पत्रकार और सांसद तरूण विजय का कहना है कि कैलास यात्रा भारतीयता की पहचान है। कैलास मानसरोवर की यात्रा भगवान शिव की कृपा के बिना नहीं हो सकती। यह यात्रा वास्तव में शब्दातीत है, वहां जाकर अर्निवचनीय आनंद की अनुभूति होती है। वे यहां रायपुर के सिविल लाइंस स्थित न्यू सर्किट हाउस में डा. सुभद्रा राठौर की पुस्तक 'कैलास मानसरोवर: इहलोक से शिवलोकÓ के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन मीडिया विमर्श (त्रैमासिक पत्रिका) की ओर से किया गया था। किताब का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन, दिल्ली ने किया है। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह थे।
मुख्यवक्ता की आसंदी से बोलते हुए श्री तरूण विजय ने कैलास मानसरोवर की यात्रा पर आया यात्रा ठगा सा, खड़ा सा रह जाता है। उसका यहां साक्षात् शिव से संवाद होता है। यहां आकर तो वह मांगना भी भूल जाता है। उसे लगता है कि वह मांगे तो क्या मांगे। वह लौटना भी भूल जाता है। उनका कहना था कि कैलास भारतीय संस्कृति, आस्था और सभ्यता प्रतीक है। यात्रा कठिन पर अविस्मरणीय है। पुस्तक की चर्चा करते हुए श्री विजय ने कहा कि इस किताब में समाहित वैचारिक यात्रा का संक्षिप्त वर्णन इतना रोमांचकारी है कि पाठक स्वयं को उस यात्रा में शामिल अनुभव करने लगता है।
लेखिका डा. सुभद्रा राठौर ने इस अवसर पर कहा कि बचपन से ही मानसरोवर की छवि उनके मन में बसी थी और वहां की यात्रा की इच्छा लगातार बनी रही। यात्रा का यह अवसर किसी चमत्कार से कम नहीं था। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ पत्रकार बबन प्रसाद मिश्र ने कहा कि यह किताब शिवलोक की यात्रा को वैचारिक यात्रा बनाने में कामयाब होगी। प्रख्यात लेखिका श्रीमती जया जादवानी ने कहा कि इस किताब को पढऩे वाला हर पाठक मानसरोवर की आतंरिक यात्रा का अनुभव करेगा। इच्छा की उत्पत्ति की मूल वजह स्वरूचि होती है। उन्होंने कहा कि डा. सुभद्रा राठौर ने स्वप्रेरणा से इस किताब में भावों के संसार की रचना की है और आध्यात्म व शिव प्रेम को शब्दों में पिरोया है। जया जादवानी ने कहा कि यह किताब अनकही बातों को मधुर संगीत की मानिंद सुनाने का काम करने के साथ ही एक कठिन यात्रा को सहज बनाती है।
इस अवसर पर मुख्यअतिथि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने लेखिका की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक मानसरोवर यात्रा को एक नए तरीके से समझने में मदद करेगी। यात्रा संस्मरण साहित्य में यह पुस्तक एक मील का पत्थर साबित होगी।
मीडया विमर्श के 'बहादुर कलमÓ अंक का विमोचन: इस अवसर पर मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने मीडिया विमर्श के पत्रकार रामबहादुर राय पर केंद्रित अंक 'बहादुर कलमÓ का विमोचन भी किया। इस अंक में श्री राय पर देश के अनेक महत्वपूर्ण लेखकों ने अपनी कलम चलाई है तथा उनके कई साक्षात्कार इस अंक की उपलब्धि हैं।
समारोह का संचालन मीडिया विमर्श के कार्यकारी संपादक संजय द्विवेदी ने तथा आभार प्रदर्शन साहित्यकार डा. रमेश अनुपम ने किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू, राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष अशोक बजाज, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने, पूर्व आईएएस अधिकारी व लेखक डा. सुशील त्रिवेदी, पत्रकार रमेश नैयर, बसंत कुमार तिवारी,देशबंधु के प्रधान संपादक ललित सुरजन, कथाकार तेजिंदर,डा. राजेंद्र दुबे, कबीर गायक भारती बंधु, जी छत्तीसगढ़ के सीईओ केके नायक, रवि तिवारी, गिरीश पंकज, हसन खान, नवभारत के संपादक श्याम वेताल, विनोदशंकर शुक्ल, डा. चित्तरंजन कर, जयप्रकाश मानस, राजकुमार सोनी, सतीश सिंह ठाकुर, आईपीएस राजकुमार देवांगन, यशवंत गोहिल, राजेंद्र पाध्ये, सुभाष तिवारी, शरणजीत सिंह, डा. शैलेश जाधव, प्रभात मिश्र, शकुंतला तरार, शायर रऊफ परवेज, ज्योतिषाचार्य पं. विनोद चौबे, अनुराग जैन, हेमंत पाणिग्राही आदि उपस्थित रहे।
- संजय द्विवेदी
वरिष्ठ पत्रकार और सांसद तरूण विजय का कहना है कि कैलास यात्रा भारतीयता की पहचान है। कैलास मानसरोवर की यात्रा भगवान शिव की कृपा के बिना नहीं हो सकती। यह यात्रा वास्तव में शब्दातीत है, वहां जाकर अर्निवचनीय आनंद की अनुभूति होती है। वे यहां रायपुर के सिविल लाइंस स्थित न्यू सर्किट हाउस में डा. सुभद्रा राठौर की पुस्तक 'कैलास मानसरोवर: इहलोक से शिवलोकÓ के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन मीडिया विमर्श (त्रैमासिक पत्रिका) की ओर से किया गया था। किताब का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन, दिल्ली ने किया है। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह थे।
मुख्यवक्ता की आसंदी से बोलते हुए श्री तरूण विजय ने कैलास मानसरोवर की यात्रा पर आया यात्रा ठगा सा, खड़ा सा रह जाता है। उसका यहां साक्षात् शिव से संवाद होता है। यहां आकर तो वह मांगना भी भूल जाता है। उसे लगता है कि वह मांगे तो क्या मांगे। वह लौटना भी भूल जाता है। उनका कहना था कि कैलास भारतीय संस्कृति, आस्था और सभ्यता प्रतीक है। यात्रा कठिन पर अविस्मरणीय है। पुस्तक की चर्चा करते हुए श्री विजय ने कहा कि इस किताब में समाहित वैचारिक यात्रा का संक्षिप्त वर्णन इतना रोमांचकारी है कि पाठक स्वयं को उस यात्रा में शामिल अनुभव करने लगता है।
लेखिका डा. सुभद्रा राठौर ने इस अवसर पर कहा कि बचपन से ही मानसरोवर की छवि उनके मन में बसी थी और वहां की यात्रा की इच्छा लगातार बनी रही। यात्रा का यह अवसर किसी चमत्कार से कम नहीं था। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ पत्रकार बबन प्रसाद मिश्र ने कहा कि यह किताब शिवलोक की यात्रा को वैचारिक यात्रा बनाने में कामयाब होगी। प्रख्यात लेखिका श्रीमती जया जादवानी ने कहा कि इस किताब को पढऩे वाला हर पाठक मानसरोवर की आतंरिक यात्रा का अनुभव करेगा। इच्छा की उत्पत्ति की मूल वजह स्वरूचि होती है। उन्होंने कहा कि डा. सुभद्रा राठौर ने स्वप्रेरणा से इस किताब में भावों के संसार की रचना की है और आध्यात्म व शिव प्रेम को शब्दों में पिरोया है। जया जादवानी ने कहा कि यह किताब अनकही बातों को मधुर संगीत की मानिंद सुनाने का काम करने के साथ ही एक कठिन यात्रा को सहज बनाती है।
इस अवसर पर मुख्यअतिथि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने लेखिका की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक मानसरोवर यात्रा को एक नए तरीके से समझने में मदद करेगी। यात्रा संस्मरण साहित्य में यह पुस्तक एक मील का पत्थर साबित होगी।
मीडया विमर्श के 'बहादुर कलमÓ अंक का विमोचन: इस अवसर पर मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने मीडिया विमर्श के पत्रकार रामबहादुर राय पर केंद्रित अंक 'बहादुर कलमÓ का विमोचन भी किया। इस अंक में श्री राय पर देश के अनेक महत्वपूर्ण लेखकों ने अपनी कलम चलाई है तथा उनके कई साक्षात्कार इस अंक की उपलब्धि हैं।
समारोह का संचालन मीडिया विमर्श के कार्यकारी संपादक संजय द्विवेदी ने तथा आभार प्रदर्शन साहित्यकार डा. रमेश अनुपम ने किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू, राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष अशोक बजाज, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने, पूर्व आईएएस अधिकारी व लेखक डा. सुशील त्रिवेदी, पत्रकार रमेश नैयर, बसंत कुमार तिवारी,देशबंधु के प्रधान संपादक ललित सुरजन, कथाकार तेजिंदर,डा. राजेंद्र दुबे, कबीर गायक भारती बंधु, जी छत्तीसगढ़ के सीईओ केके नायक, रवि तिवारी, गिरीश पंकज, हसन खान, नवभारत के संपादक श्याम वेताल, विनोदशंकर शुक्ल, डा. चित्तरंजन कर, जयप्रकाश मानस, राजकुमार सोनी, सतीश सिंह ठाकुर, आईपीएस राजकुमार देवांगन, यशवंत गोहिल, राजेंद्र पाध्ये, सुभाष तिवारी, शरणजीत सिंह, डा. शैलेश जाधव, प्रभात मिश्र, शकुंतला तरार, शायर रऊफ परवेज, ज्योतिषाचार्य पं. विनोद चौबे, अनुराग जैन, हेमंत पाणिग्राही आदि उपस्थित रहे।
- संजय द्विवेदी
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