भारतीय संस्कृति के लिए.खतरा बनतीं ये फिल्में....बलात्कार की विभीषिका को हवा देने का काम कर रहीं हैं...
ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे
कौन सा है यह फूहड़ फिल्म..???मित्रों , भारतीय संस्कृति को तार तार करने वाली कामुकता भरी फिल्में...भारत के नये पिढ़ी को कहाँ ले जाना चाहती है..क्या...आज समाज में कम कपड़ों में दिखने वाली नवयुवतियां....और इस प्रकार के फिल्में...बलात्कार जैसे घिनौने कार्यों को सीधा आमंत्रण देने काम नहीं कर रहीं..हैं....फिल्म इण्डस्ट्रीज के द्वारा प्रायोजित असंस्कृत अंगप्रदर्शनों पर रोक नहीं लगना चाहिए...यदि यही स्थिति रहा तो कल का हिन्दूस्तान का क्या हाल होगा..इन फिल्मों के जरिये...अश्लिलता घरों घरों में परोसा जा रहा है....पहले फिल्मों को लोग सपरिवार बच्चे सहित देखकर मनोरंजन किया करते थे..लेकिन आज पिता-पुत्र, बहन-भाई..एक साथ इन फूहड़ फिल्मों को नहीं देख सकते....आप सभी का क्या विचार है.....??
विक्रम भट्ट द्वारा निर्मित और विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित फिल्म 'हेट स्टोरी' कामुकता और थ्रिलर का पैकेज है। जिसे केवल एक ही क्लास यानी एडल्ड्स ही देख सकते हैं। दरअसल हेट स्टोरी एक महिला प्रदान विषय पर बनी एक बोल्ड फिल्म है। 'हेट स्टोरी' में कहानी तो दिखती है लेकिन सेक्स के सीन्स उसपर हावी हो जाते हैं। सेक्स और कामुकता को कुछ ज्यादा ही परोसा गया है जिसकी कोई जरूरत नहीं थी। कम बजट में बनी यह फिल्म सेक्स को परोसने वाली जान पड़ती है।
कहानी
'हेट स्टोरी' रिपोर्टर काव्या (पाउली दाम) की कहानी है, जिसका जिस्मानी और व्यावसायिक शोषण होता और वह अपने दुश्मनों से कातिलाना अंदाज में बदला लेती है। फिल्म की कहानी रिपोर्टर काव्या (पाओली डाम) और उसके साथी विक्की (निखिल द्विवेदी) द्वारा स्टिंग ऑपरेशन से शुरु होती है। दोनों इंफ्रा सीमेंट कंपनी की कारगुजारियों की पोल खेलते है। नुकसान से बौखलाया कंपनी का एमडी सिद्धार्थ (गुलशन देवइया) काव्या से बदला लेने की ठान लेता है।
सिद्धार्थ किसी तरह काव्या को अपनी कंपनी में शामिल करा लेता है। यहां से शुरू होता है काव्या पर जुल्मों का कहर बरसना। कंपनी में काव्या को काफी परेशान किया जाता है। यहां तक की उसका जिस्मानी शोषण किया जाता है और अंत में उसे कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
इसके बाद शुरू होता काव्या का बदला लेने का दौर। बदला लेने से पहले वह पेशेवर कॉलगर्ल की ट्रेनिंग लेती है। कॉलगर्ल के रूप में वह एक-एक करके कंपनी के अधिकारियों से राज उगलवाती है और बदला लेती है। सस्पेंस और थ्रिलर होने की वजह से फिल्म की कहानी में रवानगी दिखाई देती है। फिल्म की कहानी काव्या और सिद्धार्थ के आसपास ही दिखाई देती है।
विवेक अग्निहोत्री का निर्देशन
निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘हेट स्टोरी’ काफी हद तक 70 और 80 के दशक की फिल्मों की याद ताजा कर देती है जिसमें कातिल अदाओं वाली महिला बदला लेने का जुनून सवार है। भट्ट कैंप की फिल्मों से जिस मसाले की उम्मीद की जाती है उसमें विवेक अग्निहोत्री थोड़े सफल होते दिखे हैं। सेक्स, पावर और बदले का जुनून फिल्माने में विवेक की पकड़ अच्छी दिखाई देती है। फिल्म में थ्रिलर को कामुकता कैसे ट्रीट करना है विवेक की इस फिल्म में बेहतर तरीके से देखा जा सकता है।
फिल्म के तकनीक पक्ष
फिल्म में कैमरे और बैकग्राउंड संगीत को ओके कहा जा सकता है। इस थ्रिलर फिल्म का ट्रीटमेंट लाइट और साउंड एफेक्ट से प्रभावी दिखता है।
हर्षित सक्सेना का संगीत
भट्ट कैंप की फिल्मों में संगीत का अहम रोल होता है लेकिन इस फिल्म में संगीत का जादू कहीं नजर नहीं आता है। हर्षित सक्सेना का संगीत असरदार नहीं है।
पात्रों में कितना है दम
हेट स्टोरी में पाउली दाम का अभिनय कुल मिलाकर ठीक-ठाक कहा जा सकता है। क्योंकि फिल्म महिला से संबंधित विषय पर आधारित है ऐसे में पाउली की एक्टिंग से और बेहतर की उम्मीद की जा सकती थी। पाउली ने फिल्म में एक्टिंग से ज्यादा अपना जिस्म दिखाने की कोशिश की है। इंफ्रा कंपनी के एमडी सिद्धार्थ के रूप में गुलशन देवैया ने शानदार काम किया है। निखिल द्विवेदी अपनी अदाकरी में थोड़े फीके नजर आते हैं। कह सकते है कि उन्हें अपना अभिनय दिखाने का ज्यादा मौका नहीं मिला है।
फिल्म को इसलिए देखें
अगर आप सेक्स और थ्रिलर को पसंद करते हैं तो यह फिल्म आपके लिए ही बनी है। अगर और कोई फिल्म देखना नहीं चाह रहे हैं और टाइम पास करना चाहते हैं तो इस फिल्म का मजा लिया जा सकता है।
फिल्म: हेट स्टोरीकलाकार: पाओली डाम, गुलशन देवइया, निखिल द्विवेदी, मोहन कपूर----निर्देशक: विवेक अग्निहोत्री----निर्माता/बैनर: विक्रम भट्ट/बीवीजी फिल्मस---संगीत: हर्षित सक्सेना
http://www.amarujala.com/Cinema/Film-Review-Sex-is-the-thirilling-in-Hate-Story-3100-3.html
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