विश्वकप फाईनल में भारत का जीतना तय है-ज्योतिषाचार्य पं विनोद चौबे महाराज(ज्योतिष का सूर्य) हिन्दी मासिक पत्रिका ,भिलाई,दुर्ग (छ.ग.)
कल वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के धुरंधर खेल के हर पहलु में श्रीलंका को मात देने में कामयाब रहेंगे। शनिवार को टीम इंडिया ही विश्व चैंपियन का ताज पहनेगी। कप्तान धोनी के सितारे एकबार फिर उनके साथ हैं।
मैच शनिवार को है और धनिष्ठा नक्षत्र में शुरू होगा जिसके स्वामी भी शनि है। इस दौरान महादशा में भी शनि में शनि का अंतर चल रहा है। शनि भारत के पक्ष में है। शनि की साढ़ेसाती में धोनी ने फाइनल तक का रास्ता तय किया है। यह शनि ही उनको विश्व विजेता बनाएगा।
श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा की कुंडली में चंद्र की महादशा में बुध का अंतर चल रहा है। चंद्र एवं बुध परस्पर शत्रु हैं इसके कारण कुमार संगकारा की रणनिति फेल हो सकता है। मैच के दौरान गोचर में भी पांच ग्रहों की शनि पर सीधी दृष्टी रहेगी, जो कन्या राशि में वक्री होकर स्थित है। इससे भी भारत को बल मिलेगा क्योंकि शनि भारत के लिए हमेशा लाभदायक रहा है। कप्तान धोनी को भी शनि की साढ़ेसाती का अंतिम ढैय्या चल रहा जो विशेष प्रतिष्ठा तथा नाम देकर जाएगा। साथ ही उन्हें राहु की महादशा भी है, जिसका तोड़ श्रीलंका के पास नही है।
श्रीलंका के कप्तान सांगकारा की राशि मेष है तथा चंद्रमा उनकी राशि से बारहवां होने से उन्हें कोई फायदा नहीं होगा। मैच की शुरुआत के समय कर्क लग्र होगी जो भारत का पलड़ा भारी बनाती है। कर्क जो वर्तमान भारत के जन्म के समय की राशि है उस पर स्वराशिगत गुरु की पूर्ण दृष्टि है, जो उसके लिए भाग्यशाली होने के साथ ही विजेता का ताज पहनाने के लिए पर्याप्त है। मैच में श्रीलंका प्रयास तो बहुत करेगा परंतु आखिरकार भारत ही विजेता होगा।
मैच शनिवार को है और धनिष्ठा नक्षत्र में शुरू होगा जिसके स्वामी भी शनि है। इस दौरान महादशा में भी शनि में शनि का अंतर चल रहा है। शनि भारत के पक्ष में है। शनि की साढ़ेसाती में धोनी ने फाइनल तक का रास्ता तय किया है। यह शनि ही उनको विश्व विजेता बनाएगा।
श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा की कुंडली में चंद्र की महादशा में बुध का अंतर चल रहा है। चंद्र एवं बुध परस्पर शत्रु हैं इसके कारण कुमार संगकारा की रणनिति फेल हो सकता है। मैच के दौरान गोचर में भी पांच ग्रहों की शनि पर सीधी दृष्टी रहेगी, जो कन्या राशि में वक्री होकर स्थित है। इससे भी भारत को बल मिलेगा क्योंकि शनि भारत के लिए हमेशा लाभदायक रहा है। कप्तान धोनी को भी शनि की साढ़ेसाती का अंतिम ढैय्या चल रहा जो विशेष प्रतिष्ठा तथा नाम देकर जाएगा। साथ ही उन्हें राहु की महादशा भी है, जिसका तोड़ श्रीलंका के पास नही है।
श्रीलंका के कप्तान सांगकारा की राशि मेष है तथा चंद्रमा उनकी राशि से बारहवां होने से उन्हें कोई फायदा नहीं होगा। मैच की शुरुआत के समय कर्क लग्र होगी जो भारत का पलड़ा भारी बनाती है। कर्क जो वर्तमान भारत के जन्म के समय की राशि है उस पर स्वराशिगत गुरु की पूर्ण दृष्टि है, जो उसके लिए भाग्यशाली होने के साथ ही विजेता का ताज पहनाने के लिए पर्याप्त है। मैच में श्रीलंका प्रयास तो बहुत करेगा परंतु आखिरकार भारत ही विजेता होगा।
ज्योतिषाचार्य पं विनोद चौबे महाराज
(ज्योतिष का सूर्य) हिन्दी मासिक पत्रिका ,भिलाई,दुर्ग (छ.ग.)
(ज्योतिष का सूर्य) हिन्दी मासिक पत्रिका ,भिलाई,दुर्ग (छ.ग.)
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