हजारे ने दिया 15 अगस्त तक - अन्ना का अल्टीमेटम नया लोकपाल विधेयक तैयार करने के लिए संयुक्त मसौदा समिति गठित करने के लिए सरकार द्वारा अधिसूचना जारी किये जाने के साथ ही प्रख्यात समाज सेवी अन्ना हजारे ने पिछले पांच दिन से चल रहा अपना आमरण अनशन शनिवार को समाप्त कर दिया और लोगों से आजादी की दूसरी लड़ाई का श्रीगणेश करने का आह्वान किया ।
हजारे ने यहां जंतर मंतर पर विशाल जनसमूह के 'वन्देमातरम्' 'इंकलाब ङ्क्षजदाबाद' और 'भारत माता की जय' के उद्घोष के बीच एक नन्हीं बच्ची के हाथों नीबू पानी पीकर अपना अनशन तोड़ा । हजारे ने इसके बाद अपने संबोधन में सरकार को चेतावनी दी कि यदि लोकपाल विधेयक १५ अगस्त से पहले संसद से पारित नहीं किया गया तो वह स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की ओर कूच करेंगे ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री यदि जन लोकपाल कानून को अमली जामा पहनाने में सफल रहते हैं तो उनका स्वागत किया जायेगा और यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो स्वतंत्रता दिवस पर पूरा देश लाल किले पर झंडा फहराने जायेगा। हजारे के अनशन समाप्त करने के साथ ही यहां तथा देश के अन्य हिस्सों में उनके सैकड़ों समर्थकों ने भी अनशन तोड़ा। इसे जनता की जीत बताते हुए हजारे ने कहा कि लोगों ने जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर विश्व के समक्ष इस आंदोलन के माध्यम से एकजुटता की मिसाल पेश की है । उन्होंने किसानों और मजदूरों के सवालों, सत्ता के विकेन्द्रीकरण, जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने तथा निर्वाचन प्रणाली में सुधार को लेकर भी आंदोलन करने की जरूरत बतायी । उन्होंने कहा कि भगत ङ्क्षसह, सुखदेव और राजगुरू ने वंदे मातरम् और भारत माता की जय के नारों से अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी और अब इन नारों ने ''काले अंग्रेजों'' की नींद उड़ा दी है। हजारे ने इस आंदोलन से जन-जन को एक कड़ी के रूप में पिरोने में मीडिया की प्रशंसा करते हुये कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ ने पूरी दुनिया के सामने अपनी ताकत दिखा दी है। उन्होंने आंदोलन में सहयोग के लिए देश की युवा शक्ति की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनमें आशा की किरण दिखाई देती है। उन्होंने कहा, युवा शक्ति ही राष्ट्रशक्ति है, वह जग जाये तो देश का भविष्य उज्ज्वल है।
हजारे ने कहा कि आंदोलन में शामिल सभी लोगों से उन्हें बहुत प्रेरणा मिली। अब लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार किया जाना है तो उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार होने पर उसे मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिये भेजा जाएगा और इसके बाद संसद से इसकी मंजूरी ली जायेगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्तर पर भी अडंगा लगाने की कोशिश की गयी तो फिर जोरदार आंदोलन किया जाएगा ।
उन्होंने कहा कि अभी तो आंदोलन की शुरूआत हुयी है और आगे बहुत कुछ करना है। हजारे ने कहा कि उनके साथ विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में लोगों ने आमरण अनशन में हिस्सा लिया जिनसे मिलने (शेष पृष्ठ ८ पर)
के लिये वह उन राज्यों का दौरा करेंगे और आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने के लिये लगातार लोगों के संपर्क में बने रहेंगे। उन्होंने अनशन में शामिल लोगों की इस मांग पर कि इस आंदोलन को राष्ट्रव्यापी बनाने के लिए एक राष्ट्रीय समिति गठित की जाये सहमति जताते हुए कहा कि इस दिशा में कदम उठाया जायेगा ।
इससे पहले स्वामी अग्निवेश ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार से केवल जन लोकपाल विधयेक के लिए आदेश जारी करने की मांग की गई थी, ङ्क्षकतु सरकार ने इससे आगे बढते हुए अधिसूचना जारी कर दी है । भारतीय पुलिस सेवा की पूर्व अधिकारी और इस आंदोलन में पूरी तरह से सक्रिय रही किरण बेदी ने कहा कि यह लड़ाई आत्मसम्मान के लिए थी और उन्हें उम्मीद है कि इससे ईमानदारी जरूर आयेगी । लोग ईमानदारी की कमाई खायें । उन्होंने कहा कि हमें यह याद रखना होगा कि यह लड़ाई हम सभी ने अपने लिए लड़ी है और इसको आगे भी जारी रखने की जरूरत है।
शहीद भगत ङ्क्षसह के भतीजे किरण जोत ङ्क्षसह ने इस मौके पर कहा कि पिछला साल देश में भ्रष्टाचार के लिए जाना जायेगा। उन्होंने कहा कि शहीद भगत ङ्क्षसह ने आठ अप्रैल १९२९ को सेन्ट्रल असेम्बली में धमाका कर अंग्रेजों को हिला कर रख दिया था और ठीक आठ अप्रैल के ही दिन सरकार को जन लोकपाल विधेयक के लिए सहमति को मजबूर होना पड़ा है ।
पांच दिन तक चले इस आमरण अनशन में ४९९ लोग शामिल हुए, वहीं आंदोलन को समाज के सभी वर्गों का भरपूर सहयोग मिला । सुपर स्टार अमिताभ बच्चन, मेट्रो मैन ई श्रीधरन, योग गुरू रामदेव, प्रमुख समाज सेवी मेघा पाटेकर, अभिनेता अनुपम खेर, शबाना आजमी, फराह खान के अलावा आमिर खान ने भी अपना समर्थन दिया ।
अनशनस्थल पर जहां एक तरफ लगातार रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम गूंज रहा था वहीं दूसरी तरफ विशाल जनसमूह इंकलाब ङ्क्षजदाबाद वन्देमातरम और भारत माता की जय का उद्घोष कर रहा था। स्थल में जगह-जगह हवन, यज्ञ भी हो रहे घे ।
शनिवार सुबह जारी अधिसूचना के अनुसार समिति में सरकार की तरफ से कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल, गृहमंत्री पी चिदंबरम और जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद सदस्य होंगे। दूसरी तरफ समाज की तरफ से इसमें अन्ना हजारे, वरिष्ठ वकील शांतिभूषण, वकील प्रशांत भूषण, उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश संतोष हेगड़े और आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल शामिल हैं।
संयुक्तमसौदा समिति की बैठक 16 कोनई दिल्ली। लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए मंत्रियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सदस्यता वाली नवगठित संयुक्त मसौदा समिति की पहली बैठक अगले सप्ताह 16 अप्रैल को होने की संभावना है।
समिति के संयोजक और विधि मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि पहली बैठक 16 अप्रैल को होना निर्धारित किया गया है। लेकिन यह तिथि अभी अंतिम नहीं है और हम सदस्यों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना चाहते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार गजट अधिसूचना जारी करके झुक गई है, उन्होंने कहा कि संयुक्त समिति के गठन को किसी की जीत या हार के रूप में नहीं देखा
जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें राष्ट्रीय उद्देश्यों के लिए मिलकर काम करना चाहिए। सरकार और समाज में इस विषय पर कोई मतभेद नहीं है। साझा उद्देश्य लोकपाल विधेयक को लाना है। विधि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी भी जनांदोलन के खिलाफ नहीं रही, वास्तव में कांग्रेस का निर्माण ही जनांदोलन का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी के पूर्ण अधिवेशन में भ्रष्टाचार के खिलाफ सम्पूर्ण लड़ाई का आह्वान कर चुकी हैं
हजारे ने यहां जंतर मंतर पर विशाल जनसमूह के 'वन्देमातरम्' 'इंकलाब ङ्क्षजदाबाद' और 'भारत माता की जय' के उद्घोष के बीच एक नन्हीं बच्ची के हाथों नीबू पानी पीकर अपना अनशन तोड़ा । हजारे ने इसके बाद अपने संबोधन में सरकार को चेतावनी दी कि यदि लोकपाल विधेयक १५ अगस्त से पहले संसद से पारित नहीं किया गया तो वह स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की ओर कूच करेंगे ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री यदि जन लोकपाल कानून को अमली जामा पहनाने में सफल रहते हैं तो उनका स्वागत किया जायेगा और यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो स्वतंत्रता दिवस पर पूरा देश लाल किले पर झंडा फहराने जायेगा। हजारे के अनशन समाप्त करने के साथ ही यहां तथा देश के अन्य हिस्सों में उनके सैकड़ों समर्थकों ने भी अनशन तोड़ा। इसे जनता की जीत बताते हुए हजारे ने कहा कि लोगों ने जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर विश्व के समक्ष इस आंदोलन के माध्यम से एकजुटता की मिसाल पेश की है । उन्होंने किसानों और मजदूरों के सवालों, सत्ता के विकेन्द्रीकरण, जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने तथा निर्वाचन प्रणाली में सुधार को लेकर भी आंदोलन करने की जरूरत बतायी । उन्होंने कहा कि भगत ङ्क्षसह, सुखदेव और राजगुरू ने वंदे मातरम् और भारत माता की जय के नारों से अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी और अब इन नारों ने ''काले अंग्रेजों'' की नींद उड़ा दी है। हजारे ने इस आंदोलन से जन-जन को एक कड़ी के रूप में पिरोने में मीडिया की प्रशंसा करते हुये कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ ने पूरी दुनिया के सामने अपनी ताकत दिखा दी है। उन्होंने आंदोलन में सहयोग के लिए देश की युवा शक्ति की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनमें आशा की किरण दिखाई देती है। उन्होंने कहा, युवा शक्ति ही राष्ट्रशक्ति है, वह जग जाये तो देश का भविष्य उज्ज्वल है।
हजारे ने कहा कि आंदोलन में शामिल सभी लोगों से उन्हें बहुत प्रेरणा मिली। अब लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार किया जाना है तो उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार होने पर उसे मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिये भेजा जाएगा और इसके बाद संसद से इसकी मंजूरी ली जायेगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्तर पर भी अडंगा लगाने की कोशिश की गयी तो फिर जोरदार आंदोलन किया जाएगा ।
उन्होंने कहा कि अभी तो आंदोलन की शुरूआत हुयी है और आगे बहुत कुछ करना है। हजारे ने कहा कि उनके साथ विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में लोगों ने आमरण अनशन में हिस्सा लिया जिनसे मिलने (शेष पृष्ठ ८ पर)
के लिये वह उन राज्यों का दौरा करेंगे और आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने के लिये लगातार लोगों के संपर्क में बने रहेंगे। उन्होंने अनशन में शामिल लोगों की इस मांग पर कि इस आंदोलन को राष्ट्रव्यापी बनाने के लिए एक राष्ट्रीय समिति गठित की जाये सहमति जताते हुए कहा कि इस दिशा में कदम उठाया जायेगा ।
इससे पहले स्वामी अग्निवेश ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार से केवल जन लोकपाल विधयेक के लिए आदेश जारी करने की मांग की गई थी, ङ्क्षकतु सरकार ने इससे आगे बढते हुए अधिसूचना जारी कर दी है । भारतीय पुलिस सेवा की पूर्व अधिकारी और इस आंदोलन में पूरी तरह से सक्रिय रही किरण बेदी ने कहा कि यह लड़ाई आत्मसम्मान के लिए थी और उन्हें उम्मीद है कि इससे ईमानदारी जरूर आयेगी । लोग ईमानदारी की कमाई खायें । उन्होंने कहा कि हमें यह याद रखना होगा कि यह लड़ाई हम सभी ने अपने लिए लड़ी है और इसको आगे भी जारी रखने की जरूरत है।
शहीद भगत ङ्क्षसह के भतीजे किरण जोत ङ्क्षसह ने इस मौके पर कहा कि पिछला साल देश में भ्रष्टाचार के लिए जाना जायेगा। उन्होंने कहा कि शहीद भगत ङ्क्षसह ने आठ अप्रैल १९२९ को सेन्ट्रल असेम्बली में धमाका कर अंग्रेजों को हिला कर रख दिया था और ठीक आठ अप्रैल के ही दिन सरकार को जन लोकपाल विधेयक के लिए सहमति को मजबूर होना पड़ा है ।
पांच दिन तक चले इस आमरण अनशन में ४९९ लोग शामिल हुए, वहीं आंदोलन को समाज के सभी वर्गों का भरपूर सहयोग मिला । सुपर स्टार अमिताभ बच्चन, मेट्रो मैन ई श्रीधरन, योग गुरू रामदेव, प्रमुख समाज सेवी मेघा पाटेकर, अभिनेता अनुपम खेर, शबाना आजमी, फराह खान के अलावा आमिर खान ने भी अपना समर्थन दिया ।
अनशनस्थल पर जहां एक तरफ लगातार रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम गूंज रहा था वहीं दूसरी तरफ विशाल जनसमूह इंकलाब ङ्क्षजदाबाद वन्देमातरम और भारत माता की जय का उद्घोष कर रहा था। स्थल में जगह-जगह हवन, यज्ञ भी हो रहे घे ।
शनिवार सुबह जारी अधिसूचना के अनुसार समिति में सरकार की तरफ से कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल, गृहमंत्री पी चिदंबरम और जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद सदस्य होंगे। दूसरी तरफ समाज की तरफ से इसमें अन्ना हजारे, वरिष्ठ वकील शांतिभूषण, वकील प्रशांत भूषण, उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश संतोष हेगड़े और आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल शामिल हैं।
संयुक्तमसौदा समिति की बैठक 16 कोनई दिल्ली। लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए मंत्रियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सदस्यता वाली नवगठित संयुक्त मसौदा समिति की पहली बैठक अगले सप्ताह 16 अप्रैल को होने की संभावना है।
समिति के संयोजक और विधि मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि पहली बैठक 16 अप्रैल को होना निर्धारित किया गया है। लेकिन यह तिथि अभी अंतिम नहीं है और हम सदस्यों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना चाहते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार गजट अधिसूचना जारी करके झुक गई है, उन्होंने कहा कि संयुक्त समिति के गठन को किसी की जीत या हार के रूप में नहीं देखा
जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें राष्ट्रीय उद्देश्यों के लिए मिलकर काम करना चाहिए। सरकार और समाज में इस विषय पर कोई मतभेद नहीं है। साझा उद्देश्य लोकपाल विधेयक को लाना है। विधि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी भी जनांदोलन के खिलाफ नहीं रही, वास्तव में कांग्रेस का निर्माण ही जनांदोलन का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी के पूर्ण अधिवेशन में भ्रष्टाचार के खिलाफ सम्पूर्ण लड़ाई का आह्वान कर चुकी हैं
ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे महाराज
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