आखिर कार चार लोगों ने कर ही लिया आत्म हत्या एक आई.सी.यू. में.. सुनील और उसके परिवार को बीएसपी प्रबंधन किसी न किसी आधार पर नौकरी या मकान के संबंध में आश्वासन देता रहा लेकिन वह सुनील ने कहा कि हमारे उपर कोई पुिलिसयाकारवाई नही होना चाहिए और वह सांसद सरोज पानडेय से मिलने की बात भी कही किन्तु हेमा मालिनी के नृत्य गान में व्यस्त होने के कारण वह स्वयं न जाकर अपने प्रतिनीधी को भेजना ही मुनासिब समझा और अन्ततः आज भोर में पूरा परिवार जहर खा लिया िजसमें चार लोगों की जान चली गयी ए गहन चिकित्सा मे मौत से जुझ रहा है ..
काश यदि मैडम(सरोज पांडेय) साहिबा सुनील से एक बार मिल ली होती तो यह मामला टल सकता था।
काश यदि मैडम(सरोज पांडेय) साहिबा सुनील से एक बार मिल ली होती तो यह मामला टल सकता था।
सुनील गुप्ता मंगलवार को 11 बजे घर से बाहर आने के लिए तैयार हो गया। बीएसपी प्रबंधन ने उसकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है। बावजूद इसके मामले का पटाक्षेप होते नहीं दिख रहा है। क्योंकि उसका कहना है कि प्रशासन ने उसे और उसके परिवार को अभी तो मरने नहीं दिया, लेकिन बाद में वह अपनी जिंदगी और मौत का फैसला खुद करेगा।
इधर शोसल एक्टिविस्ट ममता शर्मा ने इस मामले में कोर्ट में रिट पीटिशन दायर करने की घोषणा की है। सुनील के फैसले को लेकर प्रशासन को दोपहर तक संशय रहा। यहां तक कि सुबह जब बीएसपी के डीजीएम आईआर एके कायल, एजीएम टाउन सर्विसेस कृष्णा साहा और सीनियर मैनेजर आईआर अमूल्य प्रियदर्शी एसडीएम सिद्धार्थ दास और सीएसपी आरके भट्ट के साथ सुनील को समझाने के लिए उसके घर पहुंचे तब भी वह नहीं मान रहा था। वह खुद को व परिवार को मुक्त करने और घर से बाहर निकलने के लिए भी तैयार नहीं हुआ। एसडीएम ने उसे घर खाली नहीं कराने का आश्वासन दिया तब भी वह नहीं माना और नौकरी या पैसे के लिए अड़ा रहा। वह सुबह से ही सल्फास का डिब्बा हाथ में लिए हुए था और अधिकारियों के जाने के बाद भी जहर खा लेने की बात करता रहा।लेकिन करीब एक घंटा बाद उसने कहा कि ठीक है, वह प्रशासन के दबाव के कारण वह मंगलवार को 11 बजे परिवार सहित मुक्त हो जाएगा। अचानक लिए गए इस फैसले का कारण लोग समझ नहीं पाए लेकिन माना जा रहा है कि उसे नौकरी के संबंध में प्रबंधन की ओर से कोई आश्वासन दिए जाने के बाद उसने यह फैसला लिया होगा।
प्रबंधन को डर था...
ममता शर्मा ने आज प्रेस कान्फ्रेस में कहा कि सुनील और उसके परिवार को बीएसपी प्रबंधन किसी न किसी आधार पर नौकरी या मकान के संबंध में आश्वासन देता रहा है। इसीलिए उसके पिता की मृत्यु के बाद भी उसे घर खाली नहीं करवाया गया था। क्योंकि उसे यह डर था कि कहीं सुनील अनुकंपा नियुक्ति वाले मामले को न उठा दे। जिस आधार पर उसे पहले घर खाली नहीं कराया गया और नौकरी का मौखिक आश्वासन दिया गया उसी आधार रिट पिटीशन दायर किया जाएगा। पुलिस प्रशासन से भी उसकी बात हुई है, वह उसके एमएल साहू की मौत के मामले की दोबारा जांच करने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि एमएल साहू को डायरी लिखने की आदत थी। उसने डायरी में कुछ लोगों के नाम का उल्लेख करते हुए लिखा है उसे इन लोगों से जान का खतरा है।
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