13 अप्रैल 2036,क्षुद्र ग्रह के टकराने से तबाह हो सकती है धरती
करीब 40 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही उल्का के 13 अप्रैल 2036 को पृथ्वी से टकराने की आशंका रूसी वैज्ञानिकों ने जताई है।वैज्ञानिकों की माने तो 40,000 मील प्रति घंटा की रफ्तार से आ रहे विशालकाय क्षुद्र ग्रह के टकराने से धरती तबाह हो सकती है। करीब ढाई सौ मीटर चौड़ी यह उल्का 2029 में पृथ्वी के करीब से गुजरेगी। इसे चेतावनी का समय माना जा रहा है, जब यह पता चलेगा कि उल्का का रुख क्या होगा।
वैज्ञानिकों के अनुसार धरती के काफी निकट स्थित 275 मीटर चौड़ा क्षुद्रग्रह धरती के काफी शक्तिशाली गुरूत्वीय केंद्र की होल से अप्रैल 2029 में गुजरेगा और सात साल बाद लगभग 13 अप्रैल 2036 को यह धरती से टकरायेगा।
उल्का ‘एपोफिस’ के बारे में कहा जा रहा है कि वह अप्रैल 2029 में पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगी। यदि उस पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का असर हो गया, तो उल्का सात साल बाद वापस लौटकर पृथ्वी से टकरा सकती है। वैज्ञानिक इसे ‘की-होल’ असर बता रहे हैं। हालांकि, नासा ने इसके टकराने की संभावना ढाई लाख बार में एक बताई है।
गौरतलब है कि धरती के गुरूत्वाकषर्ण के काफी शक्तिशाली होने के कारण जब यह क्षुद्र ग्रह इसके काफी निकट से गुजरेगा तो इस बल की वजह से यह क्षुद्रग्रह अपने रास्ते से विचलित हो जायेगा।
नासा के नीयर अर्थ आब्जेक्ट प्रोग्राम कार्यालय के निदेशक डोनाल्ड योमांस ने बताया कि धरती के गुरूत्वाकर्षण की वजह से यह क्षुद्र अपने रास्ते से विचलित होगा और इस बात की संभावना बनती है कि यह धरती से टकरा जाये।
डेली मेल ने डोनाल्ड के हवाले से बताया कि यह स्थिति 13 अप्रैल 2029 को हो सकती है। क्षुद्र ग्रह के धरती के काफी निकट होने के कारण ऐसा हो सकता है लेकिन हमनें इस समय धरती के टकराने संबंधी संभावनाओं को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
उन्होंने बताया कि अगर यह धरती के काफी करीब यानी की होल के पास से गुजरता है तो यह अपने रास्ते से विचलित होगा और 13 अप्रैल 2036 को सीधा धरती से आ टकरायेगा।
नासा वैज्ञानिक ने कहा कि यह टक्कर वैसी नहीं होगी जिस तरह 2036 में क्षुद्र ग्रह के टकराने की भविष्यवाणी रूस के वैज्ञानिक कर रहे है।
गौरतलब है कि सेंट पीटसबर्ग सरकारी विविद्यालय के प्रोफेसर लियोनिड सोकोलोव पहले ही भविष्यवाणी कर चुके है कि 3,7000 से 3,8000 किलोमीटर की रफ्तार से चल रहा क्षुद्र ग्रह 13 अप्रैल 2029 को धरती से टकरा सकता है।
प्रोफेसर सोकोलोव ने कहा कि यह संभव है कि 13 अप्रैल 2036 को धरती से यह क्षुद्र ग्रह टकरा जाये। हमारा काम इसके विकल्पों पर विचार करना है और इस क्षुद्र ग्रह में भविष्य में होने वाले परिवर्तनों के आधार पर वैसी स्थिति का निर्माण करना है।
रूसी वैज्ञानिकों ने उल्का के टकराने की स्थिति से बचने के लिए 14 महीने पहले एक ऑपरेशन शुरू किया है। इसमें उल्का को उसके रास्ते से भटकाना शामिल है। नासा ने भी उल्का को रास्ते से हटाने के लिए अभियान शुरू किया है। ऐसा मानवरहित अंतरिक्ष यान को उल्का से टकराकर किया जा सकता है। इस विकल्प पर प्रयोग के लिए पिछले सप्ताह नासा ने प्रशांत महासागर के करीब 50 हजार किमी ऊपर उल्का ‘2011सीक्यू1’ को यान से टकराकर नष्ट किया।
वैज्ञानिकों के अनुसार धरती के काफी निकट स्थित 275 मीटर चौड़ा क्षुद्रग्रह धरती के काफी शक्तिशाली गुरूत्वीय केंद्र की होल से अप्रैल 2029 में गुजरेगा और सात साल बाद लगभग 13 अप्रैल 2036 को यह धरती से टकरायेगा।
उल्का ‘एपोफिस’ के बारे में कहा जा रहा है कि वह अप्रैल 2029 में पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगी। यदि उस पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का असर हो गया, तो उल्का सात साल बाद वापस लौटकर पृथ्वी से टकरा सकती है। वैज्ञानिक इसे ‘की-होल’ असर बता रहे हैं। हालांकि, नासा ने इसके टकराने की संभावना ढाई लाख बार में एक बताई है।
गौरतलब है कि धरती के गुरूत्वाकषर्ण के काफी शक्तिशाली होने के कारण जब यह क्षुद्र ग्रह इसके काफी निकट से गुजरेगा तो इस बल की वजह से यह क्षुद्रग्रह अपने रास्ते से विचलित हो जायेगा।
नासा के नीयर अर्थ आब्जेक्ट प्रोग्राम कार्यालय के निदेशक डोनाल्ड योमांस ने बताया कि धरती के गुरूत्वाकर्षण की वजह से यह क्षुद्र अपने रास्ते से विचलित होगा और इस बात की संभावना बनती है कि यह धरती से टकरा जाये।
डेली मेल ने डोनाल्ड के हवाले से बताया कि यह स्थिति 13 अप्रैल 2029 को हो सकती है। क्षुद्र ग्रह के धरती के काफी निकट होने के कारण ऐसा हो सकता है लेकिन हमनें इस समय धरती के टकराने संबंधी संभावनाओं को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
उन्होंने बताया कि अगर यह धरती के काफी करीब यानी की होल के पास से गुजरता है तो यह अपने रास्ते से विचलित होगा और 13 अप्रैल 2036 को सीधा धरती से आ टकरायेगा।
नासा वैज्ञानिक ने कहा कि यह टक्कर वैसी नहीं होगी जिस तरह 2036 में क्षुद्र ग्रह के टकराने की भविष्यवाणी रूस के वैज्ञानिक कर रहे है।
गौरतलब है कि सेंट पीटसबर्ग सरकारी विविद्यालय के प्रोफेसर लियोनिड सोकोलोव पहले ही भविष्यवाणी कर चुके है कि 3,7000 से 3,8000 किलोमीटर की रफ्तार से चल रहा क्षुद्र ग्रह 13 अप्रैल 2029 को धरती से टकरा सकता है।
प्रोफेसर सोकोलोव ने कहा कि यह संभव है कि 13 अप्रैल 2036 को धरती से यह क्षुद्र ग्रह टकरा जाये। हमारा काम इसके विकल्पों पर विचार करना है और इस क्षुद्र ग्रह में भविष्य में होने वाले परिवर्तनों के आधार पर वैसी स्थिति का निर्माण करना है।
रूसी वैज्ञानिकों ने उल्का के टकराने की स्थिति से बचने के लिए 14 महीने पहले एक ऑपरेशन शुरू किया है। इसमें उल्का को उसके रास्ते से भटकाना शामिल है। नासा ने भी उल्का को रास्ते से हटाने के लिए अभियान शुरू किया है। ऐसा मानवरहित अंतरिक्ष यान को उल्का से टकराकर किया जा सकता है। इस विकल्प पर प्रयोग के लिए पिछले सप्ताह नासा ने प्रशांत महासागर के करीब 50 हजार किमी ऊपर उल्का ‘2011सीक्यू1’ को यान से टकराकर नष्ट किया।
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