ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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बुधवार, 25 जुलाई 2018

चौबेजी कहिन:- 21 वीं सदी का अद्भुत खग्रास चंद्रग्रहण 27 जुलाई को। आईए जानते हैं 'चन्द्रग्रहण रहस्य'...🙏 आज 'फेसबुक लाईव' में बतायेंगे राशियों पर 'चन्द्रग्रहण' का शुभाशुभ प्रभाव।

चौबेजी कहिन:- 21 वीं सदी का अद्भुत खग्रास चंद्रग्रहण 27 जुलाई को। आईए जानते हैं 'चन्द्रग्रहण रहस्य'...🙏 आज 'फेसबुक लाईव' में बतायेंगे राशियों पर 'चन्द्रग्रहण' का शुभाशुभ प्रभाव।

26/7/2018

खग्रास चंद्रग्रहण 27/28 जुलाई 2018 शुक्रवार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पुर्णिमा को लगेगा। जिसका सूतक 27/7/2018 को दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से आरंभ हो जायेगा अत: इसके बाद मंदिरों के पट बंद हो जायेंगे, साथ ही आज गुरु पूर्णिमा होने की वजह से सूतक लगने के पूर्व यानी दोपहर 2 बजकर 54 मिनट के पहले ही गुरुपूजन आदि कार्य संपन्न कर लें, क्योंकि सूतक लगने के बाद किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य या पूजन अर्चन करना या अन्नग्रहण करना वर्जित है।

चन्द्रग्रहण रात्रि 27/7/2018 को 11बजकर 54 (PM) मिनट से लेकर 28/7/2018 को रात्रि 03 बजकर 49 मिनट (AM) तक 235 मिनट तक रहेगा जो 21वीं सदी का सबसे लंबा और पूर्ण चंद्रग्रहण है।

साथियों नमस्कार 🙏 वैसे तो चंद्र ग्रहण का प्रभाव शुभ नहीं माना जाता। खगोलीय दृष्टि से चंद्र ग्रहण के समय पृथ्वी अपनी धूरी पर भ्रमण करते हुए चंद्रमा व सूर्य के बीच आ जाती है। ऐसी स्थिति में चंद्रमा का पूरा या आधा भाग ढ़क जाता है। इसी को चंद्र ग्रहण कहते हैं। यह चंद्रग्रहण भारत सहित दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, पश्चिम एशिया, आस्ट्रेलिया और यूरोप में देखा जा सकेगा।

ज्योतिष के अनुसार अभी वर्तमान में गोचर मकर राशि के केतु और चंद्रमा की प्रधानता रहेगी। राहु से समसप्तक दृष्टि संबंध रहेगा। जो अशुभता का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण बहुत सारी प्राकृतिक आपदाओं से रू-ब-रू होना पड़ सकता है। पृथ्वी के पूर्वोत्तर भाग में भूकंप की संभावना है वहीं जिसके जन्मांक में चन्द्र कमजोर है उसे ग्रहण के दौरान घर से बाहर ना निकले ं क्योंकि ऐसे लोगों पर किन्हीं कारणों से डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं इसके अलावा जिन जातकों के जन्मांक में ग्रहण-दोष है उनको ग्रहण के दौरान महापुरुषों के जीवन चरित्र को पढ़ना चाहिए जिनका जीवन बेहद संघर्ष पूर्ण रहा है ताकी उनके जीवन चरित्र से सीख लेकर अवसाद ग्रस्त लोग 'देहविसर्जन' यानी आम भाषा में 'आत्महत्या' की आशंकाओं के प्रबलता से बच सकें। इसके अलावा ग्रहण के दौरान विकिरण के कारण आंखों, रक्तचाप और फुडपायजनिंग आदि रोगों की संभावना बढ़ जाती है अतः ऐसे रोगियों के लिए विशेष तौर पर सावधानी बरतने की आवश्यकता है। कुछ वामपंथी विचारधारा के लोग जो सनातनधर्म के द्रोही हैं और कुछ अन्य धर्मों के लोग जो नक़ल तो सनातन सिद्धांत का ही करते हैं परन्तु वे सनातनधर्म के प्रबल विरोधी भी हैं चूंकि उनकी यह मजबूरी है क्योंकि सनातनधर्म का वह विरोध नहीं करेंगे तो उनके असैद्धांतिक-धर्म का प्रचार कैसे संभव होगा कुछ ऐसे टाईप के लोग 'चन्द्रगहण' को खगोलीय घटना मानते हैं और ग्रहण में शास्त्रसम्मत वर्जनीय तथ्यों को दकियानूसी करार देते हैं, तो उन आसुरी प्रवृत्तियों को यह समझना चाहिए की ं🌹 सनातनधर्म एक प्रमाणिक व सैद्धांतिक धर्म है और इस धर्म ग्रंथों में वर्णित सभी विषय, प्रकल्प सद्य: प्रमाणित दस्तावेज हैं जिनमें कही एक एक बातें हर फ्लोर पर सटीक होती आई हैं तभी तो महाभारत काल में हमारे वैज्ञानिक ऋषि-मुनियों एवं गणितज्ञों ने त्रिकोणमीति जो भारत की देन है, की सहायता से  5000 साल पहले ही बता दिया था कि महाभारत युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र में पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने से जब भरी दोपहरी में अंधकार छा जाता है तो पक्षी  भी अपने घोंसलों में लौट आते हैं। यह पिछले सूर्य ग्रहण के समय लोग देख चुके हैं और पूरे विश्व के वैज्ञानिक भी। तो ग्रहण का प्रभाव हर जीव जन्तु, मनुष्य, तथा अन्य ग्रहों पर  पड़ता है। गुरुत्वाकर्षण घटने या बढऩे से धरती पर भूकंप आने की संभावना ग्रहण के 41 दिन पहले या बाद तक रहती है। आज इसी विषय पर 'फेसबुक लाईव' में आपके समक्ष उपस्थित होऊंगा, यदि आपके मन में कोई प्रश्न हो तो आप कमेंट में लिखे, लेकिन मित्रों व्यक्तिगत प्रश्न नहीं होना चाहिए। प्रश्न केवल ग्रहण से जुड़ी है।। अस्तु।।



दूरभाष क्रमांक -09827198828

(कृपया इस लेख को कोई कॉपी-पेस्ट ना करें ऐसा करते पाये जाने पर ' ज्योतिष का सूर्य' वैधानिक कार्यवाही करने को बाध्य होगा)

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