ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

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बुधवार, 12 दिसंबर 2012

''जिद करो दुनिया बदलो'' के धुन के होंगे आज के जन्मे बच्चे- पं.विनोद चौबे

  ''जिद करो दुनिया बदलो'' के धुन के होंगे आज के जन्मे बच्चे- पं.विनोद चौबे

 भारतीय धर्म शास्त्रों के अनुसार आंग्ल तिथियों के ऐसे संयोग को देखकर डिलेवरी कराना अथवा विवाह आदि मांगलिक कार्य कर सेलिब्रेट करना तो उचित नहीं है फिर भी ईश्वरेच्छा से जिन बच्चों का आज के दिन जन्म हुआ है आइए जानते हैं कि 12.12.12 के दिन जन्मे बच्चों की कुंडली के बारे में ज्योतिषाचार्य पं. विनोद  चौबे का क्या कहना है।
ग्रहों की स्थिति का आंकलन करने पर ज्ञात होता है इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे की कुण्डली में सूर्य और चन्द्रमा दोनों ही राहु के साथ होंगे। यानी नवग्रहों के स्वामी सूर्य तथा चन्द्र दोनों को ही राहु का ग्रहण लगेगा। ऐसे में इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे को जीवन में संघर्ष करना पड़ सकता है। साथ ही वैमनस्यकारी, आन्दोलनकारी तथा अपनी ही बात मनवाने लिए किसी भी हद तक कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार रहने वाले स्वभाव का रहता है, लेकिन शनि उच्च का होना इनके लिए थोड़ा लाभदायक रहेगा। लेकिन यहां भी स्थिति यही है कि  भाग्य इनका परिश्रम पर निर्भर करेगा। इन्हें जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखना पड़ सकता है।
साहसिक कार्य, सैन्य, सुरक्षा विंग में अहम स्थान प्राप्त करने वाला तथा अग्नि से संबंधित कार्य, भूमि एवं प्रोपर्टी से जुड़े कार्यों में इस दिन जन्म लेने वाले व्यक्ति अधिक सफल हो सकते हैं। वृश्चिक राशि होने की वजह से इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे एक्टिव होंगे लेकिन स्वभाव से क्रोधी होंगे। इनमें बदला लेने की भावना होगी।  अग्नि तत्व के होने के कारण इनका सिर चौड़ा होगा और बाल लंबे होंगे और दिखने में ताम्रवर्ण के हो सकते हैं। यह हठी और ईष्यालु भी हो सकते हैं। कुल मिलाकर इन्हें चन्द्र (भगवान शिव ) की पूजा अर्चना तथा मोती रत्न धारण करना पड़ेगा ताकि इनका चित्त शांत रहे। शिक्षा के क्षेत्र में भी जिद करो दुनिया बदलो की भाँति काफी परिश्रम कर शिर्षस्थ पद को हथियाने का प्रयास करेंगे, यदि व्यापार करते हैं तो भी शिर्षस्थ  भूमि, मकान एवं कृषि के क्षेत्र में अग्रणी पायदान पर रहना ही पसन्द करेंगे।
-ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे, 09827198828 Bhilai

गुरुवार, 6 दिसंबर 2012

सदी का दुर्लभ संयोग 12-12-12 + 9 =स्वामी मंगल '' भारत बहुमुखी विकास कर शक्तिसम्पन्न देश के पायदान पर बना रहेगा'' - ज्योतिषाचार्य: पं.विनोद चौबे


सदी का दुर्लभ संयोग 12-12-12 + 9 =स्वामी मंगल

मित्रों, नमस्कार,

पंचांग के अनुसार, 12 दिसंबर, 2012 को बुधवार अनुराधा नक्षत्र, धृती योग, विष्कुंभ करण, प्रात: 7.48 मिनट तक है। चंद्रमा दिनमान वृश्चिक राशि में है। इसके अलावा प्रात: 12 बजकर 12 मिनट 12 सेकेण्ड पर (दिन में) कुंभ लग्न होगा और लग्नेश शनि अपने मित्र ग्रह शुक्र के गृह अर्थात् भाग्य भाव में होगा। अत: भारत के लिए आर्थिक विकास दर को झटका अवश्य लगेगा किन्तु खनिज के क्षेत्र में बहुमुखी विकास कर शक्तिसम्पन्न देश के पायदान पर बना रहेगा।

चूंकि उपरोक्त शुभ संयोग का आगमन 100 वर्षो बाद हुआ है हालाकि इसके पूर्व 21/12/2012 को बना था। यदि बात की जाय नवोदित राज्य छत्तीसगढ़ की तो 1 नवंबर 2000 को इस राज्य का 26 वें राज्य के रुप में आदरणीयश्री अटलजी के प्रधानमंत्रीत्त्व काल में हुआ था। जिसका मूलांक 5 होता है और स्वामी बुध एवं इस महासंयोग में स्वामीत्त्व मंगल कर रहे हैं। मंगल स्वभाव से क्रूर एवं हिंसक, युद्धक ग्रह माना गया है अतएव छत्तीसगढ़ पिछले कई वर्षों से नक्सल गतिविधियों से पिड़ीत रहा है और यदा कदा उनकी उपस्थिति छिटपुट घटनाओं से देखी जा सकती है। इस महासंयोग का प्रभाव भी नक्सलीयों पर पड़ेगा जो नक्सलीयों के मध्य फुट पडऩा और ढ़ेर सारे नक्सली सरकार के समक्ष हथियार डालने को तैयार हो जायेंगे।

जिन लोगों ने इस दुर्लभ संयोग को विाह, पुत्रोत्पादन(अत्याधुनिक मेडिकली सुविधानुसार) आदि के लिए सेलिब्रेट करना चाहते हैं तो उनके लिए दु:खद समाचार है क्योंकि मंगल अक्रामकता का प्रतीक है, और आज के दिन विवाह अथवा जबरन संतानोत्पत्ति आदि करना अथवा डाक्टरों पर इसके लिए दबाव बनाना उचित नहीं है, मंगल के प्रकृति, गुण से प्रभावित हो सकता है। यदि ईश्वरेच्छानुसार ऐसा होता है तो उसे मांगलिक ही माना जायेगा।  लेकिन जो सेलिब्रेट करना चाहते हैं उनके लिए विशेष तौर पर सावधानी बरतें। जिनका मूलांक 5 अथवा 8 है उनके लिए विशेष शुभफलदायी रहेगा। बाकि मूलांक वाले जातकों के लिए थोड़ी जोखिम भरा रहेगा।

12 दिसम्बर, 2012 को अनुराधा नक्षत्र रहेगा, जो शनि का नक्षत्र है। इसमें नवीन कार्य का शुभारंभ और नवीन वस्तु की खरीदारी स्थायी व शुभ फलदायी होगी। इस दिन सूर्योदय प्रात: 7.10 बजे होगा वहीं रात्रि 8.49 बजे तक अमृत सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। इस दिन वृश्चिक राशि में पंचग्रही योग भी बनेगा, जिसमें सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र व राहु भ्रमण करेंगे। द्वादश मूलांक का धार्मिक व ज्योतिष गणना के अनुसार विशेष महत्व है।

यह दिन 5 और 8 मूलांक वाले लोगों के लिए बहुत अच्छा है। अंक विज्ञान के अनुसार 12-12-12 यानी 3 3 3= 9 होता है। यह तारीख मंगल कार्य के लिए उत्तम है। यह भी देखना पड़ेगा कि जिन कपल का आपसी तालमेल मंगल के कारण बिगड़ रहा है, उन्हें यह तारीख परेशान कर सकती है। वह बताते हैं कि यह तारीख उन जोड़ों के लिए बेहतरीन है, जिनकी जन्म कुंडली का मंगल स्ट्रॉन्ग है।

  • 1- अंक : सावधानी बरतें, व्यावसायिक निवेश से बचें।, 

  • 2 अंक : लाभ में कमी रहेगी, कलह से राहत मिलेगा। 

  • 3 अंक : संतान से कष्ट सम्भव है, व्यवहार में नरमी बरतें। 

  • 4 अंक : उच्चपद की प्राप्ति में थोड़ी विलंब हो सकती है। प्रयासरत रहें।

  •  5 अंक : आकस्मिक धनलाभ होगा, आगन्तुकों आगमन लाभदायी रहेगा। रुके कार्य में सफलता मिलेगी।

  •  6 अंक: मांगलिक कार्य में सफलता, क्रोध पर काबू रकखें। 

  • 7 अंक : व्यापार में मेहनत की आवश्यकता है, प्रतिस्पद्र्धा में पिछड़ रहे हैं। 

  • 8 अंक : विकास व प्रगति के मार्ग खुलेंगे, आने वाला वर्ष 2013 लाभपूर्ण रहेगा। 

  • 9 अंक : संतानसुख मिलेगा, लम्बित कार्य पूर्ण होगा।


 - ज्योतिषाचार्य पं विनोद चौबे, सम्पादक ' ज्योतिष का सूर्य ' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका , भिलाई - ०९८२७१९८८२८



परिचय

मूल रूपसे मेरा कार्य-क्षेत्र ज्योतिष-विषयक सलाह और वैदिक कर्मकाण्ड को विशिष्टता से तर्कपूर्ण वेज्ञानिक पद्धति से संपन्न कराना है लेकिन साथ ही भारतीय संस्कृति, संस्कृत एवं सामाजिक कुप्रथाओं पर चिन्तन के साथ ही ज्योतिष विषयक संदर्भों पर चर्चा करना एवं 'संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी'' से 'नव्य व्याकरण'' विषय से आचार्य एवं 'ज्योतिष का सूर्य ' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका का अगस्त 2009 से अनवरत प्रकाशन एवं बतौर संपादक, देश की सम-सामयिक मुद्दों पर बेबाक टिप्पड़ी, समीक्षा और सत्साहित्यों के आधारभूत रचनाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक करना.ही परम कर्तव्य मानता हूँ।'' भारत प्राच्य विद्याओं से समृद्ध है, लेकिन अभी समझ ही नहीं पाये, केवल पश्चिमी देशों के वैक्सिन (रसायनीक दवाईयों) पर दीठ लगये बैठे हैं..जबकि अपने देश की तूलसी, गोमूत्र और लौकीक, वैदिक एवं आध्यात्मिक योग का भी अपमान कर रहे हैं...ऐसे में क्या भारत विश्वगुरू बन पायेगा...इन्हीं उलझनों में भारत की ओर देखते हुए..इंडिया में जी रहा हुँ''....ज्योतिषाचार्य: पं.विनोद चौबे

सम्पादक,' ज्योतिष का सूर्य ' हिन्दी मासिक पत्रिका

मंगलवार, 27 नवंबर 2012

क्यों मनाते हैं कार्तिक पुर्णिमा...???

Pandit Vinod Choubey

ज्योतिषाचार्य पं. विनोद चौबे, संपादक, ''ज्योतिष का सूर्य'' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, भिलाई..।27/11/2012
मित्रों नमस्कार, कल कार्तिक पुर्णिमा है, आप सभी को ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ....आईए थोड़ी बहुत भगवद् चर्चा की जाय...।

क्यों मनाते हैं कार्तिक पुर्णिमा...???

कार्तिक पूर्णिमा
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष पंद्रह पूर्णिमाएं होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर १६ हो जाती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है । इस पुर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फाल मिलता है।

पौराणिक और लोककथाएँ
पुराणों में

इसी दिन भगवान विष्णु ने प्रलय काल में वेदों की रक्षा के लिए तथा सृष्टि को बचाने के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था।
महाभारत में

महाभारत काल में हुए १८ दिनों के विनाशकारी युद्ध में योद्धाओं और सगे संबंधियों को देखकर जब युधिष्ठिर कुछ विचलित हुए तो भगवान श्री कृष्ण पांडवों के साथ गढ़ खादर के विशाल रेतीले मैदान पर आए। कार्तिक शुक्ल अष्टमी को पांडवों ने स्नान किया और कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी तक गंगा किनारे यज्ञ किया। इसके बाद रात में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दीपदान करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। इसलिए इस दिन गंगा स्नान का और विशेष रूप से गढ़मुक्तेश्वर तीर्थ नगरी में आकर स्नान करने का विशेष महत्व है।
मान्यता

मान्यता यह भी है कि इस दिन पूरे दिन व्रत रखकर रात्रि में वृषदान यानी बछड़ा दान करने से शिवपद की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति इस दिन उपवास करके भगवान भोलेनाथ का भजन और गुणगान करता है उसे अग्निष्टोम नामक यज्ञ का फल प्राप्त होता है। इस पूर्णिमा को शैव मत में जितनी मान्यता मिली है उतनी ही वैष्णव मत में भी।
वैष्णव मत में

इसमें कार्तिक पूर्णिमा को बहुत अधिक मान्यता मिली है इस पूर्णिमा को महाकार्तिकी भी कहा गया है। यदि इस पूर्णिमा के दिन भरणी नक्षत्र हो तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। अगर रोहिणी नक्षत्र हो तो इस पूर्णिमा का महत्व कई गुणा बढ़ जाता है। इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चन्द्रमा और बृहस्पति हों तो यह महापूर्णिमा कहलाती है। कृतिका नक्षत्र पर चन्द्रमा और विशाखा पर सूर्य हो तो "पद्मक योग" बनता है जिसमें गंगा स्नान करने से पुष्कर से भी अधिक उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप और ताप का शमन होता है। इस दिन किये जाने वाले अन्न, धन एव वस्त्र दान का भी बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन जो भी दान किया जाता हैं उसका कई गुणा लाभ मिलता है। मान्यता यह भी है कि इस दिन व्यक्ति जो कुछ दान करता है वह उसके लिए स्वर्ग में संरक्षित रहता है जो मृत्यु लोक त्यागने के बाद स्वर्ग में उसे पुनःप्राप्त होता है।

शास्त्रों में वर्णित है कि कार्तिक पुर्णिमा के दिन पवित्र नदी व सरोवर एवं धर्म स्थान में जैसे, गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, गंडक, कुरूक्षेत्र, अयोध्या, काशी में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
स्नान और दान विधि

महर्षि अंगिरा ने स्नान के प्रसंग में लिखा है कि यदि स्नान में कुशा और दान करते समय हाथ में जल व जप करते समय संख्या का संकल्प नहीं किया जाए तो कर्म फल की प्राप्ति नहीं होती है। शास्त्र के नियमों का पालन करते हुए इस दिन स्नान करते समय पहले हाथ पैर धो लें फिर आचमन करके हाथ में कुशा लेकर स्नान करें, इसी प्रकार दान देते समय में हाथ में जल लेकर दान करें। आप यज्ञ और जप कर रहे हैं तो पहले संख्या का संकल्प कर लें फिर जप और यज्ञादि कर्म करें।

सोमवार, 5 नवंबर 2012

इख लख पुत सवालख नाती ता रावण घर दिया न बाती...

इख लख पुत सवालख नाती ता रावण घर दिया न बाती...
लगता नितीन गडकरी जी का समय खराब चल रहा है...या मीडिया उनके पिछे पड़ी है ये साफ नहीं है...। परन्तु इतना जरूर है कि भगवा आतंक कहने वाली कांग्रेस अब उसी भगवा धारी स्वामी विवेकानन्द जी के भक्त बन गई है..। इतना परिवर्तन कांग्रेस का बगुला भक्ति ही कहा जा सकता है..। बाकि कभी कांग्रेसी भगवा आतंक कह कहकर देश के छोटे बड़े सभी सन्तों को एक लाईन में खड़ी कर दिये थे। और यह तब हुआ था जब देश के गृहमंत्री श्रीमान पी.चिदम्बरम जी थे। उस समय तो भगवा आतंक कहने के पहले यह बयान जारी नहीं किया कि स्वामी विवेकानन्दजी को छोड़कर बाकि सभी भगवा धारी आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हैं। देश की जनता सब जानती है...श्री मनीष तिवारी जी आप लोगों का घमंड शिर चढ़कर बोल रहा है...लेकिन बोलने और गरजने में अन्तर होता है ..जैसे की इस समय नरेन्द्र मोदी जी हमेशा गरजते रहते हैं...। शायद ऐसी गर्जना कांग्रेस के किसी अन्य नेता में हो। अभी तो अरविन्द-अमोघ अस्त्र, स्वामी सुब्रह्मण्यम स्वामी का आग्न्येयास्त्र, बाबा रामदेव का वरुणास्त्र, अन्ना हजारे जी का इकतीस फणीश बांण कब तक बर्दाश्त कर पाओंगे। वह दिन दूर नहीं कि ''इख लख पुत सवालख नाती ता रावण घर दिया न बाती''..की प्रांसंगिकता कांग्रेस पर फिट बैठ जाये।

शनिवार, 3 नवंबर 2012

मुहूर्त- मंगल-पुष्य नक्षत्र, धनतेरस एवं दीपावली के सभी मुहूर्त



''   मित्रों, प्रिय पाठकों एवं ज्योतिष का सूर्य राष्ट्रीय मासिक पत्रिका के नियमीत पाठकों हालाकि इस बार का अंक दीप-पर्व विशेषांक था जिसमें महालक्ष्मी-पूजन व शुभ मुहूर्तों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई है, किन्तु जिन पाठकों तक यह अंक नहीं पहुँच पाया है उन्हें इस ब्लाग के माध्यम से आप सभी को सादर समर्पित है। सर्व प्रथम आप सभी को दीप पर्व पर ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ....। और अब चर्चा करते हैं महा लक्ष्मी जी के प्रसन्नार्थ पूजन के लिए शुभ मुहूर्तों के लिए, मुझे विश्वास है, आप इससे अवश्य लाभान्वित होंगे।''