ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद चौबे

!!विशेष सूचना!!
नोट: इस ब्लाग में प्रकाशित कोई भी तथ्य, फोटो अथवा आलेख अथवा तोड़-मरोड़ कर कोई भी अंश हमारे बगैर अनुमति के प्रकाशित करना अथवा अपने नाम अथवा बेनामी तौर पर प्रकाशित करना दण्डनीय अपराध है। ऐसा पाये जाने पर कानूनी कार्यवाही करने को हमें बाध्य होना पड़ेगा। यदि कोई समाचार एजेन्सी, पत्र, पत्रिकाएं इस ब्लाग से कोई भी आलेख अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करना चाहते हैं तो हमसे सम्पर्क कर अनुमती लेकर ही प्रकाशित करें।-ज्योतिषाचार्य पं. विनोद चौबे, सम्पादक ''ज्योतिष का सूर्य'' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका,-भिलाई, दुर्ग (छ.ग.) मोबा.नं.09827198828
!!सदस्यता हेतु !!
.''ज्योतिष का सूर्य'' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका के 'वार्षिक' सदस्यता हेतु संपूर्ण पता एवं उपरोक्त खाते में 220 रूपये 'Jyotish ka surya' के खाते में Oriental Bank of Commerce A/c No.14351131000227 जमाकर हमें सूचित करें।

ज्योतिष एवं वास्तु परामर्श हेतु संपर्क 09827198828 (निःशुल्क संपर्क न करें)

आप सभी प्रिय साथियों का स्नेह है..

गुरुवार, 13 अप्रैल 2017

आत्महत्या, डिप्रेशन एवं आपसी शत्रुता खत्म करने में सहायक होता है 'नीलम' रत्न



 नीलम पहनना हमेशा सही नहीं होता है, इसलिए नीलम पहनने से पहले आप जरूर जांच-परख कर लें क्योंकि नीलम अगर किसी इंसान के जीवन में खुशियां ला सकता है तो वहीं दूसरी ओर वो शूट ना करने पर बर्बादी का शबब भी बन सकता है। आईये नीलम पहनने से क्या-क्या हो सकता है, इस रहस्य को जानने का प्रयास करते हैं!  १. अगर आपकी कुंडली में शनि किसी मुख्य भाव का कारक है , तो उस भाव को मजबूत करने के लिए नीलम का प्रयोग किया जाता है , नीलम रत्न को पहनने से मन में , तीव्रता आती है , व्यवहार बदलाव करता है जिससे वह अपने आस पास को अच्छे से समझ सकता है , शनि रिसर्च का कारक होता है , तो जब आपका मन शांत और तीव्र होता है तो आप अच्छे से शोध करने में सक्षम हो जाते है ।  २. नीलम में aluminium oxide और chromium पाया जाता है , तो रासायनिक तौर पर आपके दिमाग को मदद करता है कुछ खोज कर निकालने में यानी किसी गहन विषय पर गहन चिन्तन मनन करने या बेहद रिसर्च करने के बाद कोई भी कार्य करने की प्रवृत्ति नीलम रत्न देता है। और सफलता मिलना स्वाभाविक हो जाता है!  ३. मित्रों यदि आप एक के बाद एक गलत निर्णय लेना आरंभ कर दिये हैं, और इसका अहसास बाद में होता है तो आप मान के चलिये की कहीं ना कहीं आपको शनि ग्रह ने अपने लपेटे में ले लिया है तो इस समय घबराने की जरूरत नहीं हैं आप अकैदमिक यानी किसी रत्न विक्रेता दुकानदार की बजाय विश्वविद्यालयीन पाठ्यक्रमों से ज्योतिष की शिक्षा लेने वाले ज्योतिष विशेषज्ञ ज्योतिषी के पास जाईये और  स्वयं के जन्मकुण्डली या हस्तरेखा का विधिवत् समीक्षा कराईये और फिर बिना देर किये नीलम रत्न धारण करें और भारी नुकसान से बचें!  ४ . मेरे यहां छत्तीसगढ़ के भिलाई स्थित शांतिनगर वाले "ज्योतिष का सूर्य" मासिक पत्रिका के कार्यालय में एक ऐसा व्यक्ति आया जिसका लड़का बस थोड़ी बहुत गलतफहमी में जाकर स्वयं वह ११ वर्ष का लड़का आत्महत्या तक कर लिया मित्रों उसका जन्मांक का छाया चित्र इस लेख के साथ संलग्न कर रहा हुं!  ऐसे में शनि ग्रह की शांति कराने के साथ नीलम रत्न भी इन परिस्थितियों में बहुत सहायक सिद्ध होता है! अर्थात् आत्महत्या, डिप्रेशन एवं परस्पर गलतफहमियों से उत्पन्न शत्रुता को समाप्त करता है! ५. नीलम रत्न आपकी कुशलता बढ़ाता है , जिससे आप किसी भी कार्य को गम्भीरता से करने में सक्षम होते है । ६. जब आपको लगे कि नौकरी में दुसरे लोग आपके ऊपर कुछ ज्यादा ही हावी होते जा रहे है , आपका पड़े में मन नहीं लग रहा , जिसे कहते है कि दिमाग का saturation point आ चूका है कि अब न तो कुछ सोचने कि क्षमता है और न ही समझने कि , तो नीलम रत्न आपके लिए है । ७. नीलम रत्न दूर-दृष्टि देने वाला है , अगर किसी व्यक्ति को नीलम उसकी कुंडली के अनुसार अनुकूल होता है तो वह व्यक्ति बोहोत मेधावी बन सकता है । ८. अगर नीलम रत्न आपके लिए अनुकूल नहीं है तो आपके हाथ-पैरों में जबर्दस्त दर्द करने लगेगा , दुनिया भर से लड़ेंगे , आपके जीवन में आपके ही गलत पैसे के प्रयोग से कंगाली आ जायेगी , विपरीत बुद्धि उत्पन्न करेगा , सब गलत निर्णय दिलवाएगा जिससे परेशानियां ख़तम होने कि बजाय बढ़ती जाएँगी ।  -ज्योतिषाचार्य पण्डित विनोद चौबे, संपादक 'ज्योतिष का सूर्य' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, हाउस नं.१२९९, सड़क-२६, शांतिनगर, भिलाई, जिला - दुर्ग (छ.ग.) पिन- ४९००२३, दूरभाष क्रमांक- 09827198828 (कार्यालय का मोबाईल नं.)gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं: