रिश्तों की डोर को मजबूत करता है रक्षाबंधन
विशेष मुहूर्र्त में करें रक्षाबंधन महापर्व....
रक्षा बंधन के पावन पर्व पर आप सभी मित्रों को ढ़ेर सारी शुभकामनाएं...
हमारे
भारत में कई ऐसे पर्व हैं जिनकी प्रामाणिकता के साथ ही वैज्ञानिकता तथा
व्यावहारिकता की कसौटी पर खरे उतरता है, आप लोग सोच रहे होंगे कि मैं
विषयांतर बाते क्यों कह रहा हुँ, तो आज इस विषय पर पौराणिक, वैज्ञानिक तथा
इससे भी महत्त्वपूर्ण हमारे जीवन जीने की शैली अर्थात् व्यावहारिकता है, जो
आज रिश्तों की दीवार दरकती जा रही है। काश़ आजकल के नौजवान साथियों को यदि
रक्षाबंधन के पर्व से जुड़े पौराणिक तथ्य, वैज्ञानिक चाहे वह मनोविज्ञान
के शोधन का विषय हो अथवा प्राकृतिक विज्ञान की बात हो अथवा इतिहास के
पन्नों पर रक्षा-सूत्र-बंधन के उन प्रसंगो की जो हमें ना केवल स्वच्छ जीवन
जीने की सलाह देते हैं वरन हमारे समाज में पाश्चात्य देशों से आयातित
व्यावहारिक नग्नता जैसे रिश्तों को शर्मसार करतीं यौन-शोषण के कई ऐसे मामले
प्रकाश में आये जिसे इस लेख में बयां करना मुश्किल है, साथियों ऐसा इसलिये
हो रहा है, क्योंकि हम भारतीय संस्कृति को छोड़, इण्डिया-कल्चर की दौड़
चलें हैं। तो आइये हम रक्षाबंधन पर्व को समझने के पहले ज्योतिषिय दृष्टि से
रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त के बारे में जानने का प्रयास करते हैं।